पॉलिटॉक्स ब्यूरो. कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर देशभर में ‘भारत बचाओ, संविधान बचाओ‘ रैली का आयोजन किया गया. इस पैदल मार्च के जरिए केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया गया. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ में हुए फ्लैग मार्च का नेतृत्व किया और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसी बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और पूर्व यूपी सीएम मायावती ने प्रियंका गांधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि रैली निकालने से पहले कांग्रेस खुद आत्म चिंतन करती तो बेहतर होता. मायावती ने ये भी कहा कि कांग्रेस को सत्ता में रहते जनता के हितों की याद क्यों नहीं आई.
इससे पहले प्रियंका ने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दूसरी पार्टियां सरकार से डर रही हैं, वे कुछ नहीं कह रही हैं. कांग्रेस को संघर्ष की चुनौती स्वीकार है, हमारी दमनकारी विचारधारा से टक्कर है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दिल में भय और हिंसा नहीं है. उन्होंने (बीजेपी) कोई बलिदान नहीं दिया है.
इस पर मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘कांग्रेस आज अपनी पार्टी के स्थापना दिवस को भारत बचाओ, संविधान बचाओ के रूप में मना रही है. इस मौके पर दूसरों पर चिंता व्यक्त करने के बजाए कांग्रेस स्वयं अपनी स्थिति पर आत्म-चिंतन करती, तो यह बेहतर होता, जिससे निकलने के लिए उसे अब किस्म-किस्म की नाटकबाजी करनी पड़ रही है.’
2. ’भारत बचाओ, संविधान बचाओ’ की याद कांग्रेस को तब क्यों नहीं आयी जब वह सत्ता में रहकर जनहित की घोर अनदेखी कर रही थी जिसमें दलितों, पिछड़ों व मुस्लिमों को भी उनका संवैधानिक हक नहीं मिल पा रहा था जिसके कारण ही आज बीजेपी सत्ता में बनी हुई है, तभी फिर BSP को भी बनाने की जरूरत पड़ी।
— Mayawati (@Mayawati) December 28, 2019
वहीं अपने दूसरे शब्दभेदी ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘भारत बचाओ, संविधान बचाओ’ की याद कांग्रेस को तब क्यों नहीं आई जब वह सत्ता में रहकर जनहित की घोर अनदेखी कर रही थी, जिसमें दलितों, पिछड़ों व मुस्लिमों को भी उनका संवैधानिक हक नहीं मिल पा रहा था, जिसके कारण ही आज बीजेपी सत्ता में बनी हुई है, तभी फिर बसपा को भी बनाने की जरूरत पड़ी’.
इससे पहले कांग्रेस की महासचिव ने फ्लैग मार्च कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब-जब देश में भय का माहौल फैलाया जाता है तब-तब कांग्रेस का कार्यकर्ता खड़ा होता है. हम अहिंसा की विचारधारा से उपजे हैं. इस समय देश संकट में है. आपने देखा कि पिछले दिनों में किस तरह की अराजकता फैली. संविधान के खिलाफ बने कानून के विरोध में देश के कोने-कोने में युवा आवाज उठा रहे हैं. यह एक दमनकारी विचारधारा है. आज भी हम उसी से लड़ रहे हैं, जिससे हम आजादी के समय लड़े थे’. (मायावती)
प्रियंका ने कहा कि जिन्होंने आजादी के संघर्ष में कोई योगदान नहीं दिया वे देशभक्त बनकर देशभर में भय फैलाना चाहते हैं. देशभक्ति के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है. आज देश में वही शक्तियां सरकार चला रही हैं, जिनसे हमारी ऐतिहासिक टक्कर रही है. हमारे दिल में अहिंसा और करुणा है, कायर की पहचान हिंसा है. झूठ से देश ऊब चुका है, कायरता को देश पहचान रहा है. आवाज उठाने पर बच्चों को मार रहे हैं. पहले देश में एनआरसी की बात फैलाई, अब कह रहे हैं कि एनआरसी की चर्चा ही नहीं हुई. (मायावती)