Politalks.News/Rajasthan/Rajyasabha. निर्दलीय उम्मीदवार दे तौर पर राज्यसभा का नामांकन दाखिल करने वाले बड़े उद्योगपति डॉ सुभाष चंद्रा राजस्थान में सियासी जादूगर की मौजूदगी में जीत पाएंगे या नहीं यह तो अभी कहा नहीं जा सकता लेकिन चंद्रा के मैदान में आने से कांग्रेस में कई विधायकों को अपनी भड़ास निकालने का एक अंतिम मौका जरूर दे दिया. बसपा से कांग्रेस में आए विधायक, कुछ निर्दलीय और कुछ खुद कांग्रेसी विधायकों को अच्छे से समझ आता है कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले यह लास्ट मौका है जब गहलोत सरकार पर जमकर दबाव बनाया जा सकता है. यही कारण है कि बसपा से कांग्रेसी बने 5 विधायक राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली, लाखन मीणा, संदीप यादव और गिर्राज सिंह मलिंगा के साथ ही कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने गहलोत सरकार प्रति नाराजगी दिखाते हुए उदयपुर बाड़ाबंदी में जाने से साफ इंकार कर दिया. बीते रोज शुक्रवार को इन नाराज विधायकों को मनाने के लिए पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और सीएम गहलोत के हनुमान माने जाने वाले धर्मेंद्र राठौर दो बार मंत्री राजेन्द्र गुढा के आवास पर गए भी लेकिन नतीजा सिफर रहा.
इसी बीच इन नाराज विधायकों ने एक एक कर सरकार के खिलाफ अपने गुस्से को मीडिया के सामने निकालना शुरू कर दिया. इसी कड़ी में विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने भी हाल ही में अपने ऊपर लगे मारपीट के मुकदमे को लेकर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा और अपनी पूरी भड़ास निकाली. मलिंगा ने कहा कि जो मुकदमें उनके ऊपर दर्ज हुए हैं, वह सरकार बचाने का और वफादारी दिखाने का ही इनाम है. गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा की हम अब उदयपुर क्यों जाएंगे? पहले घूमने गए थे सरकार बचाने के लिए, उसी का परिणाम है कि मेरे ऊपर ऐसे मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें मेरा कोई लेना देना नहीं था.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि हमारे साथ भले ही कोई गद्दारी करे, लेकिन मुझे भगवान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मलिंगा ने कहा कि भले ही कोई यह समझ रहा हो कि वह हमारा मुकद्दर लिख रहा है, लेकिन हकीकत में तो यह उसकी गलतफहमी है. भगवान ही सब का मुकद्दर लिख रहा है और भगवान ही हमारे साथ भी न्याय करेगा. मलिंगा ने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही उन्होंने सरेंडर किया था लेकिन उनके साथ न्याय नहीं हुआ.
मुझे विधायक बनाने वाली मायावती ना कि कांग्रेसः यही नहीं कभी बसपा से विधायक रहे गिर्राज सिंह मलिंगा ने आगे यहां तक कह दिया कि वह यहां तक पहुंचे हैं वह मायावती की देन है ना कि कांग्रेस की. मायावती ने ही हमें नेता बनाया. मलिंगा ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी की तो मेरे सामने जमानत जब्त हो गई थी. अगर कांग्रेस ही जीत सकती तो वह मेरे सामने ही जीता देते. मलिंगा ने कहा कि कांग्रेस चाहे तो अब उनके सामने उम्मीदवार उतार कर देख ले. मलिंगा ने कहा कि मुझे नेता बसपा ने बनाया और मैं बसपा की टिकट पर ही चुनाव जीतकर आया. इसके बाद मैंने कांग्रेस की मदद की, लेकिन हम एहसान फरामोश नहीं हैं, कि जिसने हमारे ऊपर एहसान किया उसको हम मानते हैं. मायावती का एहसान जब तक जिएंगे तब तक मानेंगे. यहां आपको बता दें, कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा भले ही दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हों. लेकिन साल 2008 में वह बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे और फिर कांग्रेस में शामिल हुए थे. लेकिन अब एक बार फिर मलिंगा का बसपा और बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रति प्रेम फिर दिखने लगा है.
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कांग्रेस से शादी नहीं की है लेकिन गद्दारी नहीं करूंगाः अपनी ही गहलोत सरकार के प्रति विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की नाराजगी का लेवल इसी बात से समझ आता है कि मलिंगा ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने के सवाल पर कहा कि हमने कांग्रेस से सात फेरे लेकर शादी नहीं की है, लेकिन मैं कोई बिकने वाला व्यक्ति भी नहीं कि पैसे में बिक जाऊं. ना ही ऐसा दाग मैं अपने जीवन में लगाऊंगा कि जनता मुझे गाली दे कि हमने भ्रष्टाचार किया और हम पैसे के लिए बिक गए. जिस जनता ने हम को जीताकर कर भेजा है, हम उसका पूरा सम्मान करेंगे.