Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की 4 राज्यसभा सीटों पर 10 जून को होने वाले चुनाव के किए 5वें निर्दलीय प्रत्याशी के मैदान में आते ही सियासी घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला के अलावा मुकुल वासनिकी और प्रमोद तिवारी मैदान में हैं, तो बीजेपी से घनश्याम तिवाड़ी उम्मीदवार बनाए गए हैं. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा, जिनको भाजपा ने समर्थन दिया है, के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है. ऐसे में राजस्थान के कांग्रेस और समर्थित निर्दलीय विधायकों को उदयपुर भेज दिया गया है. लेकिन बसपा से कांग्रेस में आए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा समेत 4 विधायकों ने उदयपुर में हो रही बाड़ाबंदी में जाने से इनकार कर दिया है. यही नहीं इन विधायकों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि हमें जो सम्मान मिलना चाहिए था वो हमें नहीं मिला है. इनमें मंत्री राजेन्द्र गुढा ने तो यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोलते बहुत हैं और प्रभारी ने यानी अजय माकन ने जो कमिटमेंट किया था आज तक पूरा नहीं हुआ.
दरअसल, इन विधायकों को अच्छे से पता है कि सरकार से अपनी बात मनवाने का यह आखिरी मौका है. बता दें बसपा से कांग्रेस में आए इन विधायकों में से दीपचंद खैरिया और जोगिंदर अवाना उदयपुर जा चुके हैं, जबकि बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा नाराज विधायकों के साथ जयपुर में ही मौजूद हैं. इन नाराज विधायकों को लीड करने वाले मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘ये बात बिल्कुल ठीक है कि हमारे साथियों को जो सम्मान मिलना चाहिए था वो नहीं मिला और इस बात से ही हमें दिक्कत है.’ गुढा ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन के कमिटमेंट को भी याद किया और कहा कि, ‘प्रभारी जी ने जो कमिटमेंट किया वो अब तक निभाया नहीं गया. अब भी वो सुप्रीम कोर्ट के केस झेल रहे हैं. हमारी सदस्यता जाएगी या रहेगी यह भी पता नहीं लेकिन हम इन बातों की परवाह नहीं करते और अपने क्षेत्र की जनता के भले के लिए सरकार के साथ हैं.
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बात यहीं नहीं रुकी, मीडिया द्वारा जब मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अक्सर बसपा के साथियों का आभार जताते हैं और कहते हैं की बसपा के साथियों ने हमारी सरकार बचाई. इस पर मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कुछ ऐसा कहा जो उनकी सख्त नाराजगी को पूरी तरह दर्शाता है, गुढा ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोलते बहुत ज्यादा है कि ये किया वो किया लेकिन वो केवल मीडिया में बोलते हैं इसके बजाए अगर वो हमारे साथ बैठकर चिंता करते तो ज्यादा बेहतर होता.’ जानकारों की मानें तो सीएम गहलोत को सियासत का जादूगर कहा जाता है, इसलिए माना जा रहा है 10 जून से पहले गहलोत सबको अपने पाले में ले आएंगे, लेकिन मंत्रीपद सहित कई तरह के सियासी फायदे देने के बावजूद खास माने जाने वाले राजेन्द्र गुढा के इस बयान ने एक बार तो सीएम गहलोत की ‘जादूगरी’ को झटका दे ही दिया है.
इसके साथ ही कांग्रेस विधायकों की उदयपुर में की जा रही बाड़ेबंदी को लेकर भी मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तल्ख राय रखी. गुढा ने कहा कि उदयपुर भले ही घूमने के लिए अच्छी जगह हो सकती है लेकिन वो बंद होने के लिए अच्छी जगह नहीं है. वहीं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए साथी दीपचंद खैरिया के प्रति नाराजगी जताते हुए गुढा ने कहा कि, ‘दीपचंद खैरिया की उम्र 80 साल से ज्यादा हो चुकी है. बच्चे और उम्र दराज लोगों का मन एक सा होता है उन्हें होटल में जाकर खुशी होती है इसलिए दीपचंद खैरिया होटल में चले गए.’