Politalks.News/Rajashtan/Rajyasabha Election. 10 जून को राजस्थान की 4 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha Election 2022) को लेकर दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस अपनी पार्टी के तमाम विधायकों को एकजुट करने में जुट गए हैं. हॉर्स ट्रेडिंग की आंशका को देखते हुए जहां कांग्रेस ने अपने और कुछ निर्दलीय विधायकों को बाड़ेबंदी में उदयपुर भेज दिया है, तो वहीं बीजेपी विधायकों को गुजरात या मध्यप्रदेश भेजे जाने की चर्चा है. बीते रोज गुरुवार को जयपुर से कांग्रेस के मंत्री, विधायक और निर्दलीय विधायक सीएम आवास से दोपहर के भोजन के बाद बस से उदयपुर के लिए रवाना हुए. जहां भीलवाड़ा पहुंचने पर प्रदेश के राजस्व मंत्री रामलाल जाट की ओर से रात्रि भोज का आयोजन किया गया. उदयपुर पहुंचे विधायकों में कुछ निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायक नहीं पहुंचे. कुछ विधायक इस मौके को अवसर में बदलना चाहते हैं, जिसके चलते कुछ की नाराजगी बाहर आई है. सैनिक कल्याण और पंचायती राज मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि राज्यसभा में प्रदेश से स्थानीय नेता होना चाहिए था, जिससे प्रदेश का मजबूत प्रतिनिधित्व हो सके. उदयपुर नहीं जाकर कल संदीप यादव के निवास पर बसपा के 4 विधायकों का आना गुरुवार को चर्चा का विषय बना रहा.
इन विधायकों को लेकर राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा बनी रही कि आगामी 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में रायशुमारी करने के लिए ही पांचों विधायक एकत्रित हुए हैं. क्योंकि आगामी राज्यसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस की बाड़ाबंदी में पांचों विधायकों में से कोई भी शामिल नहीं हुआ है. तिजारा विधायक संदीप यादव की ताई के निधन पर शोक व्यक्त करने के बहाने बसपा से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुड्डा, जोगेन्द्र अवाना, गिर्राज सिंह मलिंगा, वाजिब अली, लाखन मीणा गुरुवार को थड़ा गांव पहुंचे. वहीं राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले इन विधायकों के नाराजगी भरे बयान सामने आने से अब भी कांग्रेस में सियासी हलचल बढ़ी हुई है. इसकी वजह यह है कि पहले मुख्यमंत्री निवास पर बुलाई बैठक और बाद में कांग्रेस की दो दिवसीय कार्य़शाला में बुलाए जाने के बाद भी ये विधायक नहीं पहुंचे. हालांकि नाराज चल रहे विधायकों से मान-मनुहार का जिम्मा स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाले हुए हैं.
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आपको बता दें, बाड़ाबंदी में जाने के बजाय कांग्रेस के पांच विधायक बीते रोज गुरुवार को सरिस्का में टाइगर सफारी का लुत्फ लेने पहुंच गए. इनमें बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक संदीप यादव, वाजिब अली और लखन मीणा के साथ कांग्रेस के गिर्राज मंलिगा भी थे. मीडिया के सवालों के जवाब में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा व संदीप यादव ने कहा कि उन्हें पिंजरे में रहना पसंद नहीं है, इसलिए बार-बार बाड़ेबंदी में नहीं जाएंगे, वहां मन भी नहीं लगता. अब अगले पांच दिन अपने हिसाब से रहेंगे. हमने सरकार बचाने के लिए समर्थन दिया था. राज्यसभा की राजनीति उनके समझ में नहीं आती है. आगे की रणनीति अपने हिसाब से तय करेंगे. यह भी जरूरी नहीं कि सभी एक साथ घूमे-फिरें, लेकिन विचार एक ही रहेगा. गुढ़ा ने कहा कि मलिंगा भी बार-बार पिंजरे में रहकर परेशान हैं, इसलिए खुले में हमारे साथ आए हैं.
इधर, इन पांचों विधायकों के भिवाड़ी पहुंचते ही पुलिस प्रशासन अलर्ट दिखा. पुलिस की चार गाडियां विधायकों निवास पर पहुंची. बाद में एक गाडी सरिस्का में उनके साथ रही और एक अन्य पुलिस वाहन सरिस्का में पहले से मौजूद था. इस दौरान गुढ़ा ने कहा कि गहलोत सरकार पर दो बार आए संकट में उन्होंने ही ढाल बनकर उनको बचाया था. बसपा के 6 विधायकों ने ही कांग्रेस की सरकार को गिरने से बचाया था और आने वाली 10 तारीख को राज्यसभा सदस्य के चुनाव में भी बसपा के विधायक की निर्णायक होंगे. हालांकि गुढा ने यह भी कहा कि भाजपा से किसी भी प्रकार का उनका संपर्क नहीं हुआ है. राज्य सरकार कमजोर पड़ चुकी है. सही निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं. राज्यसभा सांसद प्रत्याशी राजस्थान का ही होना चाहिए था. अभी तक राज्यसभा और लोकसभा में एक भी माइनॉरिटी का सांसद सदस्य नहीं है. इस पर भी मुख्यमंत्री को विचार करना चाहिए. कांग्रेस शिविर में नहीं जाने को लेकर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है. वो अपने काम में लगे हुए हैं. अभी वो सरिस्का में टाइगर देखने के लिए आए हैं, उसके बाद आगे का सोचा जाएगा.
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वहीं तिजारा विधायक संदीप यादव ने कहा कि बसपा के सभी विधायक एक परिवार की तरह रहते हैं और सभी निर्णय मिलकर एक साथ करते हैं. राज्यसभा सदस्य चुनाव में भी पांचों विधायक एक जगह ही वोट डालेंगे. सभी विधायकों में कुछ नाराजगी है. उस पर भी मंथन किया जा रहा है. बता दें कि गुढ़ा को हाल ही में सैनिक कल्याण और पंचायती राज का राज्य मंत्री बनाया गया, तो वही जोगेंदर अयाना को देवनारायण बोर्ड की कमान मिली है. दीपचन्द खैरिया को राजस्थान किसान आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. वाजिब अली और संदीप यादव नाराज हैं क्योंकि उनको सत्ता में कोई भी पद नहीं मिला है. बाकी विधायक कुछ भी बोलने से बचते हुए नजर आए. आपको बता दें, शाम करीब 5.30 बजे करीब 10-15 समर्थकाें के साथ सरिस्का पहुंचे. इस दौरान उनको बाघ एसटी21 व एसटी7 की साइटिंग हुई. सफारी करने के बाद विधायक सरिस्का के गेस्ट हाउस पहुंचे. वहां उन्होंने सरिस्का के हालात पर अधिकारियों से बातचीत की. बाघों को सुरक्षित रखने, सरिस्का को बेहतर बनाने, सरिस्का में चल रहे कार्यों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई. उसके बाद सभी विधायक व मंत्री जयपुर के लिए रवाना हो गए.
वहीं दूसरी तरफ गुरुवार को सीएमआर से उदयपुर के लिए रवाना हुए कांग्रेस के विधायक, मंत्री, और निर्दलीय विधायकों को रास्ते मे पहले अजमेर जिले की मसूदा विधानसभा क्षेत्र के राकेश पारीक ने सभी को नाश्ता कराया. इसके बाद देर रात जब पार्टी के तमाम नेता भीलवाड़ा पहुंचे, तो प्रदेश के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने एक निजी रिसॉर्ट में सभी को रात्रि भोज करवाया. विधायक और मंत्रियों के भीलवाड़ा पहुंचने पर मंत्री जाट ने सभी का तिलक और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया. इसके बाद सबको डिनर कराया गया. रात्री भोज के बाद सभी विधायक और मंत्रियों का फोटो सेशन भी हुआ. बता दें कि बस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हेमाराम चौधरी, डॉ जितेंद्र सिंह ,पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा, सुखराम बिश्नोई सहित कई मंत्री विधायक मौजूद थे.
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10 जून को 4 सीटों पर राज्यसभा चुनाव: गौरतलब है कि प्रदेश में 10 जून को 4 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने वाले हैं. जहां कांग्रेस की ओर से तीन और भाजपा की तरफ से घनश्याम तिवाड़ी और निर्दलीय सुभाष चंद्रा मैदान में है. इनको भाजपा का समर्थन भी है. कांग्रेस और निर्दलीय विधायक जो कांग्रेस पार्टी को समर्थन दे रहे हैं, उनको उदयपुर के होटल अरावली में रखा गया.