अयोध्या में रामजन्म भूमि मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका, 217 पन्ने की याचिका में कहा गया कि शीर्ष अदालत ने माना है कि वहां नमाज होती थी फिर भी मुसलमानों को बाहर कर दिया. याचिका में कहा गया है 1949 में अवैध तरीके से इमारत में मूर्ति रखी गई थी, फिर भी रामलला को पूरी जगह दी गई