“बहुमत है तो फ्लोर टेस्ट से पीछे क्यों, सरकार होटल में क्यों है कैद, पायलट को हाशिए लाने का करते रहे षडयंत्र’

अंतर्कलह का ठीकरा भाजपा पर फोड़ रही कांग्रेस भाजपा पर सरकार गिराने के झूंठे आरोप लगा रही है, प्रदेश में बिखरी हुई कांग्रेस के नाटक को भाजपा तो सिर्फ एक दर्शक के रूप में देख रही है- गुलाबचंद कटारिया

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान को लेकर भाजपा व कांग्रेस नेता जमकर शब्दरूपी बाण छोड़ रहे है. शनिवार दोपहर पीसीसी चीफ व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए भाजपा पर जमकर शब्दरूपी प्रहार किए तो शाम को भाजपा के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कांग्रेस पर पलटवार किया.

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि गहलोत सरकार में शुरुआत से ही अंतर्कलह व विग्रह है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के मंत्री इस अंतर्कलह का ठीकरा भाजपा पर फोड़ रहे हैं. कांग्रेस भाजपा पर सरकार गिराने के झूंठे आरोप लगा रही है. प्रदेश में बिखरी हुई कांग्रेस के नाटक को भाजपा तो सिर्फ एक दर्शक के रूप में देख रही है.

कटारिया ने आगे कहा कि सीएम गहलोत अपनी कुर्सी बचाने के लिए सरकारी एजेंसियों के जरिये प्रदेश के नेताओं पर नजर रखवा रहे है कि कौन दिल्ली जा रहा है, कौन आ रहा है. प्रदेश के जन प्रतिनिधियों के फोन भी टेप करवाये जा रहे हैं, जो कि निजता का उल्लघंन है. पिछले 18 महीने से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री में बिखराव है, जो बारूद बनकर अब बम की तरह फटा है. इस पूरे मामले से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. जबकि मुख्यमंत्री और इनकी पार्टी के नेता भाजपा पर झूठे आरोप लगा रहे हैं.

कटारिया ने कहा कि विधानसभा के फ्लोर पर बहस के दौरान जब मुख्यमंत्री सदन में मौजूद होते है तो उप मुख्यमंत्री मौजूद नहीं होते ओर जब उप मुख्यमंत्री मौजूद होते है तो मुख्यमंत्री मौजूद नहीं होते. पूरा प्रदेश जानता है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री में किस तरह की लड़ाई है. मुख्यमंत्री गहलोत सत्ता में बने रहने के लिए हल्केपन की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं और सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग कर विधायकों को डराने-धमकाने का षड्यंत्र भी कर रहे हैं. सीएम गहलोत सत्ता के घमंड में चूर होकर यह तक भी कह देते हैं कि जब वे पहली बार सांसद बने तो सचिन पायलट 3 साल के थे. सीएम गहलोत अच्छे कपड़े पहनने और अंग्रेजी बोलने पर भी कटाक्ष करते है यह मुख्यमंत्री पद की गरिमा के लिए शोभा नहीं देता है.

कटारिया ने कहा कि जब कांग्रेस की 21 सीटें आई थीं, तब गहलोत पार्टी की राष्ट्रीय टीम में दिल्ली चले गये थे और 5 साल तक सचिन पायलट प्रदेश के गांव-ढ़ाणियों में घूमकर पार्टी को मजबूत करने में लगे रहे और जब 2018 में पार्टी सत्ता में आई तो अशोक गहलोत कांग्रेस आलाकमान की चापलूसी कर मुख्यमंत्री बन गए. सचिन पायलट को हाशिये पर करने का षड्यंत्र रचते रहे, जो अब पूरी तरह प्रदेश की जनता के सामने आ चुका है.

फोन टेपिंग के सवाल पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह सब कानूनी प्रक्रिया के तहत होता है, फोन टेपिंग के लिए गृह विभाग के सचिव से अनुमति ली जाती है. जिसकी एक प्रक्रिया होती है और जरूरी कारण होने पर ही फोन टेपिंग की अनुमति दी जाती है. कटारिया ने कहा कि लोकेश शर्मा नाम का व्यक्ति मुख्यमंत्री का ओएसडी है और इस व्यक्ति ने ही यह फोन टेपिंग जारी की है तो यह स्पष्ट है कि यह फोन टेपिंग मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी की गई है. किस आधार पर लोकेश शर्मा ने फोन टेपिंग की रिकाॅर्डिेंग की जारी? उनके पास यह रिकाॅर्डिंग कहां से आई? इस बारे में मुख्यमंत्री जवाब दें और ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की जाए और इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए.

वायरल ऑडियो के लिए कटारिया ने कहा कि दो व्यक्तियों की बातचीत की रिकाॅर्डिंग के आधार पर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम इसमें लिया जा रहा है जो की उनकी छवि खराब करने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत यह षड्यंत्र कर रहे हैं. खुद गजेन्द्र सिंह यह कह चुके है कि वे इस मामले में किसी भी एजेंसी से जांच करवाने को तैयार हैं. फर्जी फोन टेपिंग के जरिये हमारी पार्टी के नेताओं को बदनाम करने की साजिश की जा रही है.

विधानसभा में बहुमत परीक्षण को लेकर पूछे गए सवाल पर कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के पास अगर बहुमत है तो फिर क्यों फ्लोर टेस्ट से पीछे हट रहे हैं. क्यों सरकार होटल में कैद है, क्यों विधायकों को होटलों में कैद कर रखा है, अगर आपके पास बहुमत है तो फ्लोर टेस्ट का सामना क्यों नहीं करते. जब फ्लोर टेस्ट होगा तो सबके सामने आ जायेगा कि मुख्यमंत्री गहलोत के साथ कितने विधायक है. हमारी पार्टी के स्तर पर जो भी निर्णय लिया जायेगा वो सामूहिक बैठक में लिया जायेगा. सीएम गहलोत मीडिया में हाइलाईट होने के लिए बयानबाजी करते हैं, उनका प्रदेश की जनता से कोई सरोकार नहीं है. प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे है लेकिन मुख्यमंत्री का कोरोना प्रबन्धन पर कोई ध्यान नहीं है. सीएम गहलोत खुद व उनके मंत्री और विधायक होटल में मौज-मस्ती कर रहे है और प्रदेश की जनता जनहित के कार्य नहीं होने से परेशान है. फोन टेपिंग मामले में जो हमने रिपोर्ट दी है, वो अभी तक दर्ज क्यों नहीं की गई इस बारे में गहलोत सरकार जवाब दे.

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