hemant soren biography in hindi
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Hemant Soren Latest News – हेमंत सोरेन झारखंड का एक जाना माना राजनीतिक चेहरा है. सोरेन झरनीतिक घराने से आते है. कभी झारखंड को राज्य बनाने वाले आंदोलनकारी नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिवू सोरने का क्षेत्र में नाम हुआ करता था. हेमंत सोरेन, उसी शिवू सोरेन के छोटे बेटे है. कम लोगो को जानकारी होगी कि हेमंत सोरेन कभी राजनीति से दूर रहकर इंजीनियर बनने का सपना देखा था, पढाई भी इंजीनियरिंग वाली थी पर बीच में उनके साथ ऐसा हुआ कि उनके जीवन के मार्ग और बाद में फिर उद्देश्य भी बदल गए और एक इंजीनियिंग का विद्यार्थी नेता बनने बन गया. घटना तब की है जब सोरेन इंजीनियरिंग की पढाई कर रहे थे तब बड़े भाई दुर्गा सोरेन की अकाल मौत के बाद पारिवारिक परिस्थिति के कारण अपनी इंजीनियरिंग वाली उच्च शिक्षा बीच में ही छोड़कर राजनीति में आ गए और पार्टी व क्षेत्र में अपने पिता शिबू सोरेन के राजनीतिक उत्तराधिकारी बन गए. हेमंत सोरेन आज झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री है और राज्य के प्रमुख नेता भी है. इससे पहले भी वो राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके है. इस लेख में हम आपको झारखंड की क्षेत्रीय पार्टी ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ के अध्यक्ष और वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जीवनी (Hemant Soren Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

हेमंत सोरेन की जीवनी (Hemant Soren Biography in Hindi)

पूरा नाम हेमंत सोरेन
उम्र 49 साल
जन्म तारीख 10 अगस्त,1975
जन्म स्थान नेमारा, बिहार, भारत
शिक्षा कॉलेज ड्रॉपआउट
कॉलेज बीआईटी मेसरा, रांची
वर्तमान पद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम शिबू सोरेन
माता का नाम रूपी सोरेन
पत्नी का नाम कल्पना सोरेन
भाई का नाम बसंत सोरेन
बच्चे दो बेटे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता हाउस नंबर बी-63 हरमू हाउसिंग कॉलोनी, अशोक नगर, रांची
वर्तमान पता सीएम हाउस, झारखंड
फोन नंबर 0651-2400300  / 774003/2774104 /2774105/2774106 (JVS)
ईमेल

हेमंत सोरेन का जन्म और परिवार (Hemant Soren Birth & Family)

हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त,1975 को बिहार के रामगढ़ (राज्य के बटबारें के बाद अब झारखंड) में नेमरा में हुआ था. हेमंत सोरेन राजनैतिक घराने से आते है. उनके पिता का नाम शिबू सोरेन था और उनकी माँ का नाम रूपी सोरेन था. उनके पिता शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक व झारखंड के मुख्यमंत्री थे. शिबू सोरेन अपने समय में झारखंड क्षेत्र के क्रन्तिकारी नेता माने जाते थे और तब के अविभाजित झारखंड में काफी दबदबा रखते थे.

हेमंत सोरेन के दो भाई और एक बहन था. वह अपने माता पिता की तीसरी संतान है. बड़े भाई की मृत्यु के बाद इनका राजनीति में आना हुआ. दुर्गा सोरेन, अंजलि सोरेन और बसंत सोरेन, हेमंत सोरेन के ही भाई भाई बहन है. बसंत सोरेन राजनीति में है और वर्तमान में दुमका विधानसभा से विधायक है.

हेमंत सोरेन का विवाह कल्पना सोरेन से हुआ था. हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के दो बेटे है.

हेमंत सोरेन की पत्नी जहाँ पहले स्कूल चलाया करती थी वही अब राजनीति में सक्रिय हैं. वह अपनी ही पार्टी से गांडेय विधानसभा उपचुनाव में जीतकर विधायक बन चुकी हैं जबकि उनके छोटे भाई बसंत सोरेन झारखंड सरकार में मंत्री हैं और मंत्री बनने से पहले अपनी ही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के यूथ विंग प्रमुख थे. हेमंत सोरेन की बहन अंजलि सोरेन भी राजनीति में हैं और वह ओडिशा से पिछले लोकसभा में मयूरभंज सीट से उम्मीदवार भी रह चुकी हैं पर बीजेपी के हाथो उनकी पराजय हुई थी.

हेमंत सोरेन हिन्दू धर्म से आते है.  उन पर कई आपराधिक मामला दर्ज है और वो जेल भी जा चुके है.

हेमंत सोरेन की शिक्षा (Hemant Soren Education)

हेमंत सोरेन ने पटना हाई स्कूल, पटना से इंटरमीडिएट तक की पढाई की हैं. सोरेन ने आगे की पढाई के लिए इंजीनियरिंग का रास्ता चुना था और बीआईटी मेसरा, रांची में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया पर बिना पढाई पूरी किये उन्होंने कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया.

हेमंत सोरेन का राजनीतिक करियर (Hemant Soren Political Career)

हेमंत सोरेन की राजनीतिक यात्रा वर्ष 2003 से छात्र राजनीति से शुरू हुई थी. पर प्रत्यक्ष राजनीति में हेमंत का आगमन वर्ष 2005 हुआ था. वर्ष 2005 में हुए राज्य में विधानसभा चुनाव में हेमंत दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. वह अपनी ही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन इस चुनाव में हेमंत की हार हुई. हेमंत स्टीफन मरांडी के हाथो हार गए. स्टीफन मरांडी तक के समय क्षेत्र के वरिष्ठ नेता थे और हेमंत के पिता के पुराने दोस्त भी हुआ करते थे. हालांकि चुनाव से पहले स्टीफन मरांडी भी जेएमएम पार्टी से ही थे पर जब पार्टी ने उनके स्थान पर हेमंत सोरेन को टिकट देकर दुमका से खड़ा किया तब स्टीफन ने पार्टी से बगावत कर दिया और चुनाव में निर्दलीय ही उतर गए. स्टीफन मरांडी निर्दलीय होने के बावजूद वरिष्ठ नेता होने के कारण जीत गए और हेमंत की पराजय हुई.

राज्य में जब 2009 का विधानसभा चुनाव हुआ तब हेमंत सोरेन फिर से वही दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा जहाँ उन्हें अपने पहले प्रयास में हार मिली थी. इसी वर्ष हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की मौत हो गई थी और इसी सहानुभूति का लाभ हेमंत सोरेन को मिला और वह बिना अधिक प्रयास के दुमका विधानसभा से चुनाव जीत लिया.

हालांकि हेमंत सोरेन उस समय राज्यसभा का सदस्य भी बन चुके थे क्योकि हेमंत किसी भी हाल में नेता के रूप में स्थापित होना चाहते थे इसलिए अपनी विधानसभा की पहली हार के बाद राज्यसभा सदस्य बन गए थे पर जब विधानसभा में जीत मिली तब हेमंत ने राज्यसभा से त्यागपत्र दे दिया और राज्य की राजनीति में पूरी तरह से लग गए.

वर्ष 2010 में जब भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठबंधन हुआ तब हेमंत अपने राजनैतिक करियर को एक नई पहचान देने में इस गठबंधन का पूरा लाभ उठाया और नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए.

उपमुख्यमंत्री बनते ही उनकी राजनैतिक पहचान एक नए स्तर पर पहुंच गई और वह राज्य का एक स्थापित नेता के बन गए. हालांकि जेएमएम के समर्थन वापस लेने के कारण कुछ ही दिन बाद यह सरकार गिर गई और राज्य में उसी अवधि में दो बार राष्ट्रपति शासन लागु हुआ.

13 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने. उस समय हेमंत की आयु मात्र 38 वर्ष थी और वह प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री कहलाये. उस समय सोरेन संथाल परगना के बरहेट विधानसभा से दूसरी बार चुनाव जीता था. तब हेमंत को कांग्रेस व आरजेडी सहित कुछ छोटे दलों का साथ मिला था. हेमंत की यह सरकार 28 दिसंबर, 2014 तक रही.

जब राज्य में 2014 का चुनाव हुआ तब झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और इसके बाद हेमंत विधानसभा में विपक्ष के नेता बने.

2019 की विधानसभा चुनाव में हेमंत की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा गठंधन को बहुमत मिली और हेमंत सोरेन राज्य में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने जो अब तक बने हुए हैं.

1 फ़रवरी, 2024 को हेमंत सोरेन को घोटाने के आरोपों व ईडी के द्वारा चार्जशीट दाखिल करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. बाद में भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को अरेस्ट कर लिया और वह जेल चले गए. 28 जून 2024 को वह जब रिहा हुए तो वे फिर से 6 जुलाई, 2024 को झारखंड के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली.

हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी, जो झारखंड की एक क्षेत्रीय पार्टी हैं, का अध्यक्ष हैं और राज्य के मुख्यमंत्री भी है.

हेमंत सोरेन की संपत्ति (Hemant Soren Net Worth)

हेमंत सोरेन की चल-अचल मिलाकर कुल संपत्ति लगभग 10 करोड़ रूपये का अनुमान हैं.

इस लेख में हमने आपको झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जीवनी (Hemant Soren Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

 

 

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