farooq abdullah biography in hindi
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Farooq Abdullah Latest News – जो लोग कश्मीर की राजनीति को थोड़ा बहुत भी जानते होंगे उन्हें विगत कुछ वर्षो में किसी माध्यम से एक उम्रदराज नेता का नाम सुनने को जरूर मिला होगा, नाम है फारूक अब्दुल्ला. फारूक अब्दुल्ला, अब्दुल्ला परिवार के बीच वाली पीढ़ी के सदस्य है यानी उनके पिता और फिर उनके बेटे दोनों ही कश्मीर की राजनीति में रंगे हुए रहे है. पहली पीढ़ी गुजर गई. दूसरी पीढ़ी के वो स्वयं है और तीसरी पीढ़ी कश्मीर में हुए हाल के चुनाव के बाद सरकार बनाने जा रही है.

फारूक अब्दुल्ला कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम है. राज्य में हुए 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के अध्यक्ष की हैसियत से फारूक अब्दुल्ला ने घोषणा की थी कि राज्य में उनकी पार्टी उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है. उमर अब्दुल्ला पार्टी के उपाध्यक्ष होने के साथ साथ फारूक के बेटे भी है तो जाहिर है इससे फारूक की ताकत राज्य में बढ़ना तय है क्योकि उन्ही की पार्टी अब राज्य में सत्ता में आ रही है, तो ऐसे में कई लोगो के मन में होगा कि फारूक अब्दुल्ला कौन है,  इस लेख में हम आपको फारूक अब्दुल्ला की जीवनी (Farooq Abdullah Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

फारूक अब्दुल्ला की जीवनी (Farooq Abdullah Biography in Hindi)

पूरा नाम डॉ. फारूक अब्दुल्ला
उम्र 86 साल
जन्म तारीख 21 अक्टूबर,1937
जन्म स्थान श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर)
शिक्षा एमबीबीएस
कॉलेज एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर
वर्तमान पद नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल जम्मू एवं कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम स्वर्गीय शेख मोहम्मद अब्दुल्ला
माता का नाम स्वर्गीय बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला
पत्नी का नाम मोली अब्दुल्ला
बच्चे एक बेटे और तीन बेटियां
बेटें का नाम उमर अब्दुल्ला
बेटी का नाम सफिया, हिना और सारा
स्थाई पता 40, गुपकर रोड, श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर
वर्तमान पता 40, गुपकर रोड, श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर
फोन नंबर 09018210000, 09810099847 (M)
ईमेल iamfarooq80[at]hotmail[dot]com

फारूक अब्दुल्ला का जन्म और परिवार (Farooq Abdullah Birth & Family)

फारूक अब्दुल्ला का जन्म 21 अक्टूबर,1937 को हुआ था. वो एक राजनीतिक परिवार से आते है. उनके पिता का नाम स्वर्गीय शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और माता का नाम बेगम अकबर जहान अब्दुल्ला था. फारूक ने ब्रिटेन में प्रेम विवाह किया था. पढाई के बाद जब वह ब्रिटेन गए तो एक अग्रेज नर्स मौली से शादी की थी. फारूक के एक बेटे और तीन बेटियां है. बेटे का नाम उमर अब्दुल्ला है जबकि उनकी तीन बेटियां सफिया, हिना और सारा है. फारूक के बेटे भी राज्य में और देश की राजनीति में शामिल हो चुके है. उमर लोकसभा का सदस्य भी रह चुके है तथा जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रह चुके है. सारा की शादी कांग्रेस नेता सचिन पायलट से हुई थी पर कुछ दिन पहले दोनों के बीच तलाक की चर्चा सुनी गई थी. फारूक के पिता शेख अब्दुल्ला भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके थे. पूरा अब्दुल्ला परिवार जम्मू कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाये हुए है और बड़े बड़े पद ले चुके है.

फारूक अब्दुल्ला की शिक्षा (Farooq Abdullah Education)

फारूक अब्दुल्ला ने टिंडेल बिस्को स्कूल से पढ़ाई की और उसके बाद जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. ​​बाद में वो चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए ब्रिटेन चले गए.

फारूक अब्दुल्ला का राजनीतिक करियर (Farooq Abdullah Political Career)

फारूक अब्दुल्ला 1980 में राजनीति में प्रवेश किया था. अब्दुल्ला 1980 के आम चुनाव में श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से जेकेएलएफ (जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस) के संस्थापक सदस्य के रूप में निर्विरोध चुन लिए गए थे. अगस्त 1981 में जब अब्दुल्ला को नेशनल कॉन्फ्रेंस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था तब अब्दुल्ला राजनीति में अनुभवहीन थे. उनकी योग्यता केवल इतनी ही थी वो शेख अब्दुल्ला के बेटे है. इससे ज्यादा उनके पास राजनीति का कोई अनुभव नहीं था. जबकि अधिकांश नेता या तो छात्र जीवन से या फिर पार्टी कार्यकर्ता बनकर लम्बे समय तक चक्कर लगाकर आगे बढ़ते है पर अब्दुल्ला का जीवन इससे बिलकुल अलग था. अब्दुल्ला को सब कुछ बना बनाया, पका पकाया मिल गया था. 1982 में पिता की मौत के बाद फारूक राज्य के मुख्यमंत्री बन गए पर बाद 1984 में अब्दुल्ला का ही बहनोई गुलाम मोहम्मद शाह के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस का एक गुट अलग हो गया जिसके कारण सरकार गिर गई और अब्दुल्ला को बर्खास्त कर दिया गया. बाद में शाह कांग्रेस के समर्थन से राज्य में सरकार बनाया और मुख्यमंत्री बने.

1986 में, दक्षिण कश्मीर में हिन्दुओ के विरुद्ध भयानक अत्याचार हुए और हिन्दुओ को घाटी छोड़कर भागना पड़ा. इससे शाह की सरकार कांग्रेस शासित केंद्र ने बर्खास्त कर दिया और राजीव फारूक समझौते के बाद अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए एक नई नेशनल कॉन्फ्रेंस – कांग्रेस सरकार का गठन किया गया. बाद में 1987 में एक नया चुनाव हुआ और नेशनल कॉन्फ्रेंस – कांग्रेस गठबंधन ने चुनाव जीता. इस चुनाव में व्यापक धांधली और धोखाधड़ी हुए थे. इस अवधि में भी उग्रवाद, कट्टरवाद, हिन्दुओ के विरुद्ध हिंसा चरम पर थी. पांच लाख से भी अधिक हिन्दू अपनी जान बचाने के लिए, बहु – बेटी की इज्जत बचाने के लिए घर – वार छोड़कर राज्य के बाहर जहां तहाँ भाग गए. उन्हें अपने ही देश से भागना पड़ा. इसी के बाद राज्य में जगमोहन को राज्यपाल नियुक्त किया गया और विधानसभा बर्खास्त को बर्खास्त कर दिया गया.

फारूक अब्दुल्ला इसके विरोध में इस्तीफा दे दिया और ब्रिटेन चले गए.

फारूक अब्दुल्ला 1996 में भारत लौटे और राज्य के विधानसभा में भाग लिया. चुनाव में जीत के बाद फारूक राज्य का मुख्यमंत्री बने. फारूक का यह पांचवा कार्यकाल था. फारूक 2002 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. इस समय तक फारूक के बेटे उमर अब्दुल्ला का राजनीति में आगमन हो चुका था और वह केंद्र की राजनीति में भी आ चुके थे. अब अब्दुल्ला की रूचि राज्य से हटकर दिल्ली की राजनीति में हो गई थी और वो अब दिल्ली में डेरा डाल दिया था. 2002 में फारूक अब्दुल्ला जम्मू और कश्मीर से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे और कार्यकाल समाप्त होने के बाद एक फिर से 2009 में भी वह राज्यसभा के लिए चुने गए. पर मई 2009  में फारूक राज्यसभा से इस्तीफा देकर श्रीनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत भी गए बाद में कांग्रेस की मनमोहन सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाये गए.

2014 में फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर लोसकभा सीट से फिर चुनाव लड़ा पर इस बार वे हार गए. बाद में 2017 में वहां के तात्कालिक सांसद तारिक कर्रा के इस्तीफा देंने के बाद वहां उपचुनाव हुए, जिसमें अब्दुल्ला की जीत हुई. बाद में राज्य में अनुच्छेद 370 हटा दिया गया और अब्दुल्ला इसके सबसे बड़े विरोधी में से एक थे इसी के कारण राज्य में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए अब्दुल्ला को कुछ समय के लिए अपने ही घर में रहने को कहा गया. पर 13 मार्च 2020 से उनपर यह प्रतिबंध भी हटा लिया गया और अब वे राजनीति में सक्रिय है और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष है.

फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति (Farooq Abdullah Net Worth)

फारूक अब्दुल्ला के पास जमा धन के नाम पर केवल 63 लाख रूपये की संपत्ति ही है.

इस लेख में हमने आपको जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की जीवनी (Farooq Abdullah Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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