anil vij biography in hindi
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Anil Vij Latest News – हरियाणा में बीजेपी इस बार 48 सीट लेकर बंपर जीत दर्ज की है. 90 सीटों वाली विधानसभा में आधे से भी ज्यादा विधायक बीजेपी के ही होंगे. राज्य में यह बीजेपी की तीसरी बार की सरकार होगी. यह एक रिकॉर्ड है क्योकि एंटी कंवेंसी के बाद भी इतने बड़े स्तर पर जीत राजनीति में कम ही देखने को मिलते है और वह भी तब जब राज्य में विपक्षी पार्टियों का गठबंधन जीत के लिए रात दिन एक कर दिया हो. बावजूद इसके बीजेपी चमत्कार करने में सफल रही. अब जब राज्य में बीजेपी की तीसरी बार की सरकार बन रही है तो यह तय है कि मंत्रिमंडल में पुराने चेहरे भी होंगे पर इस बार के पिछली सरकार में मंत्री रहे नेता चुनाव हार चुके है पर मनोहर लाल खट्टर सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर रह चुके अनिल विज अंबाला कैंट से अपनी सीट फिर से पाने में सफल रहे है. अनिल विज सात बार के विधायक है और राज्य का पूर्व गृह मंत्री है. ऐसे में, हरियाणा की नयी सरकार में भी उन्हें महत्वपूर्ण पद दिया जाना लगभग तय है. इस लेख में हम आपको हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता श्री अनिल विज की जीवनी (Anil Vij Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

अनिल विज की जीवनी (Anil Vij Biography in Hindi)

पूरा नाम अनिल विज
उम्र 71 साल
जन्म तारीख 15 मार्च 1953
जन्म स्थान अम्बाला, पंजाब, भारत

(अब हरियाणा में)

शिक्षा बीएससी
कॉलेज एस डी कॉलेज, अंबाला
वर्तमान पद हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
पिता का नाम स्वर्गीय भीम सेन
माता का नाम
पत्नी का नाम
बच्चे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता 62-ए, शास्त्री कालोनी, अम्बाला छावनी
वर्तमान पता हरियाणा
फोन नंबर
ईमेल

अनिल विज का जन्म और परिवार (Anil Vij Birth & Family)

अनिल विज का जन्म 15 मार्च,1953 को अंबाला, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ था. उनके पिता का नाम भीम सेन था. उनके पिता रेलवे में बड़े पद पर थे. पिता के गुजरने के बाद घर की जिम्मेदारियां विज के कंधो पर आ गई थी.

अनिल विज की शिक्षा (Anil Vij Education)

विज ने 1968 में बनारसी दस स्कूल से हाईस्कूल तथा एस डी कॉलेज, अंबाला से बीएससी किया था.

अनिल विज का शुरूआती जीवन (Anil Vij Early Life)

अनिल विज जब अंबाला कैंट के एसडी कॉलेज में पढाई कर ही रहे थे तभी वे आर एस एस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सम्पर्क में आये और वे ABVP में शामिल हो गए. बाद में वे सं 1970 में एबीवीपी के महासचिव बन गए. विज केवल ABVP तक ही अपने आपको सीमित नहीं रखा बल्कि वे हिन्दुत्वादी के अन्य संघठन विश्व हिन्दू परिषद, भारत विकास परिषद्, बीएमसी जैसे और कई संघठनो में सक्रिय हो गए.

अनिल विज साधारण परिवार से आते है. उनपर घर की जिम्मेदारियां भी थी और नेतागिरी से धन कम ही आने की संभावना होती है और तब के समय तो यह संभावना और भी कम थी क्योकि विज जिस विचारधारे के साथ थे उस समय उस विचारधारे के नेता की समाज में कोई अधिक पूछ नहीं होती थी क्योकि तब कांग्रेस और कांग्रेस विचारधारों वाले समूह का बोलबाला हुआ करता था. ऐसे में विज के पास नौकरी करने के अलावे कोई और विकल्प नहीं बचा था.

इसी के कारण अनिल विज सं 1974 में भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी पकड़ ली. अनिल विज अपने शुरूआती दिनों के 16 वर्षो तक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में नौकरी की.

अनिल विज का राजनीतिक करियर (Anil Vij Political Career)

अनिल विज की वास्तविक राजनीतिक यात्रा 1990 में शुरु हुई थी. 1990 में जब सुषमा स्वराज राज्यसभा के लिए चुन ली गई तब अंबाला कैंट विधानसभा की सीट खाली हो गई थी. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव होना था. अनिल विज भले ही स्टेट बैंक की नौकरी कर रहे थे पर उनके अंदर कुछ अलग करने की लालशा लहरे मार रही थी. पर मज़बूरी के कारण वे अपनी महत्वाकांक्षा को दबाये हुए थे पर अब वह समय दिख रहा था जब वह अपनी इच्छा को करियर का रूप दे सके और उससे भी पैसे व नाम कमा सकें. इसी को लेकर उन्होंने उस सीट पर से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की और एक बड़ा सा दांव लगाया. विज बैंक की नौकरी छोड़ चुनाव लड़ने के लिए राजनीति के मैदान में कूद पड़े.

वैसे तो विज ने बहुत बड़ा दांव लगाया था पर किस्मत ने उनका जबर्दस्त साथ दिया और विज अपने जीवन के पहले ही चुनाव में जीत हासिल कर ली. जीत के बाद अनिल विज 1990 में पहली बार विधायक चुनकर हरियाणा विधानसभा, चंडीगढ़ पहुंचे. इस जीत के बाद 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया. इस जीत के बाद अनिल विज प्रदेश का स्थापित नेता बन गए और फिर विज की राजनीति की गाड़ी लगातार तेजी से दौड़ती रही. फिर उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा.

हालांकि विज 1991 में राज्य में हुए विधानसभा के चुनाव में हार गए थे. उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार ब्रिज आनंद ने 8,017 वोटो से हराया था. अनिल विज हरियाणा में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव 1996 में खड़े हुए और इस बार वे जीत गए. जीत का सिलसिला अगले विधानसभा में भी जारी रहा और वे 2000 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी जीत गए. लेकिन दोनों ही बार विज ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. यहाँ तक की जिस बीजेपी में आज अनिल विज है, हरियाणा के 2000 के विधानसभा चुनाव में उसी बीजेपी के उम्मीदवार कबीर देव को विज ने 9 हजार के वोटो के अंतर से हराया था.

अनिल विज राज्य में 2005 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के प्रत्याशी देवेंद्र कुमार से मात्र 615 वोटो से हार गए थे.

इसके बाद अनिल विज फिर से भारतीय जनता पार्टी में वापस लौट आये और फिर 2009, 2014 और 2019 में जीत को बरक़रार रखा.

2014 से 2014 तक मनोहर लाल खट्टर सरकार में उन्होंने गृह, शहरी विकास, तकनीकी शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, चिकित्सा, आयुष, खेल और युवा मामलों सहित कई प्रमुख मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली.

अनिल विज 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में अंबाला कैंट से खड़े हुए और फिर से जीत हासिल की.

वर्तमान में अनिल विज हरियाणा की अंबाला कैंट विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक है.

अनिल विज की संपत्ति (Anil Vij Net Worth)

हरियाणा के अंबाला कैंट के विधायक अनिल विज करोडो के मालिक हैं. उनके पास कुल सम्पत्ति लगभग 1.5 करोड़ हैं. उनके पास 24.5 लाख कि चल तो 1.3 करोड़ कि अचल सम्पत्ति है. जबकि उनके ऊपर कोई कर्ज नहीं है.

इस लेख में हमने आपको हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की जीवनी (Anil Vij Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

 

 

 

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