champai soren biography in hindi
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Champai Soren Latest News – चंपई सोरेन को झारखंड का टाइगर कहा जाता है क्योकि उन्होंने नब्बे के दशक में झारखंड राज्य निर्माण के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद वो 2024 में कुछ महीनो के लिए राज्य का मुख्यमंत्री भी रह चुके है. चंपई सोरेन झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री और वर्तमान में सरायकेला विधानसभा से विधायक है. झारखंड मुक्ति मोर्चा से अपनी राजनीति को बुलंदी पर ले जाने वाले चंपई ने इसी वर्ष पार्टी को अलविदा कर दिया और बीजेपी में शामिल हो गए.

इस बार जब झारखंड विधानसभा चुनाव हो रहे है तब चंपई सोरेन फिर से झारखंड के सरायकेला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है पर इस बार स्थिति बिलकुल  अलग है. इस बार उनका सामना झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ रहे गणेश माहली से है जबकि इस चुनाव में चंपई भारतीय जनता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रहे है. इन दोनों का आमना सामना पहले के दो चुनावों 2014 और 2019 में भी हो चुके है लेकिन तब गणेश माहली बीजेपी से थे और चंपई सोरेन जेएमएम से. कमाल की बात यह रही थी कि दोनों ही बार चंपई की जीत का अंतर बहुत कम रहा था. पर अब जब दोनों की पार्टी बदल गई है तब इनका मुकाबला रोचक हो गया है और राज्य में चर्चा का बिषय बन गया है. इस लेख में हम आपको झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके चंपई सोरेन की जीवनी (Champai Soren Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

चंपई सोरेन की जीवनी (Champai Soren Biography in Hindi)

पूरा नाम चंपई सोरेन
उम्र 68 साल
जन्म तारीख 11 नवंबर,1956
जन्म स्थान सरायकेला, बिहार
शिक्षा मैट्रिक
कॉलेज
वर्तमान पद झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम सिमाल सोरेन
माता का नाम मादी सोरेन
पत्नी का नाम मानकों सोरेन
बच्चे सात बच्चे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता खिमसर किला, नागौर
वर्तमान पता 24ए, जिलिंगगोरा, गम्हरिया, झारखंड,
फोन नंबर 24ए, जिलिंगगोरा, गम्हरिया, झारखंड,
ईमेल

चंपई सोरेन का जन्म और परिवार (Champai Soren Birth & Family)

चंपई सोरेन का जन्म 11 नवंबर,1956 को सरायकेला जिले के जिलिंडगौडा में हुआ था. उनके पिता का नाम सिमाल सोरेन था और उनकी माँ का नाम मादी सोरेन था. चंपई सोरेन के पिता खेती बारी पर जीविका चलाया करते थे. उनके पिता जनजातिय नेता भी थे, जिन्होंने आजादी के आंदोलन में भाग भी लिया था. उनकी पत्नी का नाम मानकों सोरेन है और उनके सात बच्चे है. चंपई सोरेन हिन्दू धर्म से आते है.

चंपई सोरेन की शिक्षा (Champai Soren Education)

चंपई सोरेन ने मैट्रिक तक की पढाई की हैं.

चंपई सोरेन का राजनीतिक करियर (Champai Soren Political Career)

चंपई सोरेन और शिबू सोरेन जैसे नेताओं ने मिलकर बिहार राज्य का विभाजन करके झारखंड को एक अलग राज्य बनाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया था. चंपई सोरेन की राजनीति का केंद्र बिंदु बिहार का बंटबारे पर टिका था और बाद में इसी उद्देश्य के लिए चंपई सोरेन ने और शिबू सोरेन ने मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी का गठन किया.

चंपई सोरेन की राजनीतिक यात्रा वर्ष 1991 से शुरू हुई थी. इसी वर्ष वो पहली बार विधायक चुने गए थे. उन्होंने 10वीं बिहार विधान सभा का उपचुनाव सरायकेला से लड़ा और जीत गए. उस समय झारखंड बिहार का ही हिस्सा हुआ करता था और झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए वहां के नेता लगातार आंदोलन कर रहे थे. चंपई सोरेन 1995 तक विधायक रहे.

1995 में जब बिहार विधान सभा का चुनाव हुआ तब वह फिर से सरायकेला विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और फिर से उनकी जीत हुई. जब 2000 में बिहार का विभाजन होकर झारखंड एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया तब चंपई सोरेन की झारखंड से अपनी राजनीतिक यात्रा आरम्भ कर दी. चंपई सोरेन ने अस्तित्व में आये नए राज्य झारखंड से अपना पहला चुनाव 2005 में सरायकेला से लड़ा और दूसरी झारखंड विधानसभा में वो पहली बार जीतकर विधायक चुने गए थे.

उसके बाद से झारखंड राज्य  में चार बार विधानसभा चुनाव हो चुके है और चंपई सोरेन लगातार उसी सीट से जीतकर विधायक बने हुए है. वर्तमान में भी चंपई सोरेन सरायकेला से ही विधायक है लेकिन इस समय वो अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके है.

चंपई सोरेन झारखंड में दो सरकारों में मंत्री रह चुके है. वो अर्जुन मुंडा और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री पद पर रह चुके है. चंपई सोरेन 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी  2013 तक विज्ञान-प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री रह चुके है. बाद में हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन और खाद्य आपूर्ति मंत्री रहे थे.

बाद में जब झारखंड की राजनीति में तब अचानक से हलचल बढ़ गई जब 2 फरवरी 2024 को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने दोषी पाया और उन्हें जेल जाना पड़ा तब चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए.

चंपई सोरेन 2 फरवरी 2024 से लेकर 4 जुलाई 2024 तक झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में पदस्थापित रहे. हेमंत सोरेन के जून में जेल से रिहा होने के बाद चंपई सोरेन पार्टी में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाकर ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ पार्टी छोड़ दी और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.

चंपई सोरेन को झारखंड में कोल्हान टाइगर की उपाधि प्राप्त है. बिहार से अलग राज्य झारखंड बनाने के मुद्दों को लेकर वो नब्बे के दशक से राजनीति कर रहे है. चंपई सोरेन ने जब अपना पहला चुनाव 1991 में लड़ा था तब वो अपनी ही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा से विद्रोह करके निर्दलीय चुनाव लड़ा था और सरायकेला विधानसभा से जीत गए थे. चंपई सोरेन शिबू सोरेन के करीबी नेता रहे है इसी कारण शुरूआती दौर में बगावत करने के बाद भी उनकी जे एम एम में वापसी हो गई पर अब जब वो एक बार फिर से पार्टी को छोड़कर बीजेपी का साथ हो लिए है तब राज्य में राजनीति का एक नया मोड़ देखने को मिलेगा क्योकि चंपई सोरेन राज्य के बड़े नेता माने जाते है.

चंपई सोरेन की संपत्ति (Champai Soren Net Worth)

चंपई सोरेन की चल-अचल मिलाकर कुल संपत्ति लगभग 1.71 करोड़ रूपये हैं.

इस लेख में हमने आपको झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की जीवनी (Champai Soren Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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