Shibu Soren Latest News – 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में शिबू सोरेन स्वास्थ्य कारणों से भले ही सक्रिय नहीं है पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि झारखंड में शिबू सोरेन की उतनी ही पकड़ है जितनी राष्ट्रीय स्तर के किसी नेता का किसी क्षेत्र विशेष में होता है. शिबू सोरेन का क्षेत्र में जनाधार है. राष्ट्रीय स्तर की पार्टी भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस दोनों इनकी पार्टी जेएमएम भारी पड़ चुकी है. फिलहाल शिबू सोरेन की पार्टी ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ इंडी गठबंधन के हिस्सा के रूप में काम कर रही है. शिबू सोरेन ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा’ के संस्थापक व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री है. शिबू सोरेन अपने समय में झारखंड क्षेत्र के क्रन्तिकारी नेता माने जाते थे और तब के अविभाजित झारखंड में सोरेन का काफी दबदबा भी था. शिबू सोरेन झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके है. इसके साथ ही शिबू सोरेन राज्य में तीन बार इस पड़ पर रह चुके है.
शिबू सोरेन को झारखंड में दिशोम गुरु की उपाधि भी दी जाती है. दिशोम एक संथाली शब्द है, जिसका अर्थ है – ‘देश या क्षेत्र का गुरु’. इस लेख में हम आपको राजस्थान सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री शिबू सोरेन की जीवनी (Shibu Soren Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
शिबू सोरेन की जीवनी (Shibu Soren Biography in Hindi)
पूरा नाम | शिबू सोरेन |
उम्र | 80 साल |
जन्म तारीख | 11 जनवरी, 1944 |
जन्म स्थान | नेमरा, जिला. हज़ारीबाग़ (झारखंड) |
शिक्षा | हाई स्कूल |
कॉलेज | – |
वर्तमान पद | झारखंड से राज्यसभा सांसद |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, व्यापार |
राजनीतिक दल | झारखंड मुक्ति मोर्चा |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | शोभरन सोरेन |
माता का नाम | सोनामुनी सोरेन |
पत्नी का नाम | रूपी किस्कू |
बच्चे | तीन बेटे और एक बेटी |
बेटें का नाम | अंजलि सोरेन, बसंत सोरेन और हेमंत सोरेन. |
बेटी का नाम | दुर्गा सोरेन |
स्थाई पता | सेक्टर – 1सी, बोकारो स्टील सिटी, बोकारो. 827001 |
वर्तमान पता | 1, मोतीलाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली |
फोन नंबर | 9431100010, 993439177 |
ईमेल | shibu[dot]soren[at]sansad[dot]nic[dot]in |
शिबू सोरेन का जन्म और परिवार (Shibu Soren Birth & Family)
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी,1944 को बिहार के रामगढ़ (राज्य के बटबारें के बाद अब झारखंड) में नेमरा में हुआ था. उनके पिता का नाम शोभरन सोरेन था.
बताया जाता है कि जब वह युवा थे तब उनके पिता कि हत्या हो गई थी. बाद में वह पिता की हत्या के बाद राजनीति में आ गए थे. शिबू सोरेन का विवाह रूपी किस्कू से हुआ था. शिबू सोरेन और रूपी किस्कू से तीन बेटे और एक बेटी है. उनके नाम है, दुर्गा सोरेन, अंजलि सोरेन, बसंत सोरेन और हेमंत सोरेन.
बसंत सोरेन राजनीति में है और वर्तमान में दुमका विधानसभा से विधायक है. बसंत सोरेन झारखंड सरकार में मंत्री हैं और इससे पहले वह अपनी ही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के यूथ विंग प्रमुख थे. जबकि उनकी बेटी अंजलि सोरेन भी राजनीति में हैं और वह ओडिशा से पिछले लोकसभा में मयूरभंज सीट से उम्मीदवार भी रह चुकी हैं पर बीजेपी के हाथो उनकी पराजय हुई थी.
उनके बड़े बेटे दुर्गा सोरेन 1995 से लेकर 2005 तक जामा से विधायक रह चुके है जबकि दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन जामा के पूर्व विधायक है जो अब भाजपा में है. इतना ही नहीं शिबू सोरेन की पोती और दुर्गा सोरेन की बेटी जयश्री सोरेन भी अब झारखंड 2024 का चुनाव जामा से लड़ रही है. जबकि हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम पार्टी प्रमुख है. शिबू सोरेन हिन्दू धर्म से आते है.
शिबू सोरेन की शिक्षा (Shibu Soren Education)
शिबू सोरेन ने रामगढ़ से हाई स्कूल तक की पढाई की हैं. पढाई के दौरान ही उनके पिता की हत्या हो गई थी जिस कारण उन्होंने आगे की पढाई वही छोड़ दी और राजनीति की ओर मुड़ गए
शिबू सोरेन का राजनीतिक करियर (Shibu Soren Political Career)
शिबू सोरेन की राजनीतिक यात्रा अठारह वर्ष की कम आयु से शुरू हुई थी. पिता की हत्या के बाद शिबू सोरेन ने कुछ स्थानीय संथाली (आदिवासी) नवयुवको के साथ मिलकर वर्ष 1970 में वो राज्य के बाहरी लोगो के विरुद्ध हिंसात्मक राजनीति शुरू की थी. जिस पर सोरेन पर कार्रवाई भी हो चुकी है और सोरेन को इसके लिए दोषी पाया गया था. बाद में शिबू सोरेन ने 1972 में कुछ लोगो के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा नामक पार्टी का गठन किया जो बाद में राज्य के बटबारें को लेकर आंदोलन भी किया था. 1972 में ही शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के महासचिव बने थे.
उन दिनों शिबू सोरेन दुसरो की जमीनों पर जबरदस्ती कटाई वाली नीति चला रहे थे. वो आदिवासियों के हितो की बात करते थे और गैर आदिवासी को बाहरी कहकर उनके विरुद्ध आंदोलन चला रहे थे. मूल रूप से सोरेन की राजनीति हिंसा पर आधारित थी और स्थानीय लोगो का उन्हें आंशिक सहयोग भी मिल रहा था.
उनके कार्य अलोकतांत्रिक थे. वे स्थानीय लोगो को तथाकथित बाहरी लोगो के विरुद्ध भड़का रहे थे. उन दिनों शिबू सोरेन न्याय के नाम पर स्वयं की अदालते चलाया करते थे, बाहरी लोगो के विरुद्ध करवाई करते थे. शिबू सोरेन का वही काम था जिस काम के लिए आज नक्सली जाना जाता है.
शिबू सोरेन ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 1977 में लड़ा पर शिबू की उस चुनाव में हार हुई थी. शिबू सोरेन ने अपना दूसरा लोकसभा चुनाव 1980 में दुमका से लड़ा और इस बार शिबू उस चुनाव को जीतने में सफल रहे.
उस समय शिबू सोरेन के विरुद्ध गिरफ़्तारी वारंट जारी थे इस कारण वह कुछ समय के लिए छिपकर जीवन बिताया. बाद में शिबू सोरेन 1989, 1991 और 1996 का भी लोकसभा चुनाव लड़ा और उनकी जीत हुई. 2002 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए. पर जब उसी वर्ष लोकसभा चुनाव हुआ तब सोरेन ने फिर से दुमका लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की. जीत के बाद शिबू सोरेन ने अपनी अपनी राज्यसभा सीट से त्यागपत्र दे दिया. शिबू सोरेन 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में भी जेएमएम पार्टी से खड़े हुए और फिर से जीत हासिल की.
जब वर्ष 2000 में बिहार से कटकर झारखंड स्वतंत्र राज्य बना तब शिबू सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री भी बने. शिबू सोरेन पहली बार वर्ष 2005 में केवल दस दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने. वो 2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005 तक झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री बनाये गए थे. बाद में वह फिर राज्य में अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनाई और वह 2008 से 2009 तक झारखंड के मुख्यमंत्री बने. जबकि जेएमएम अध्यक्ष होने के नाते शिबू सोरेन तीसरी बार 2009 से 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री बने.
शिबू सोरेन की राजनीति केवल राज्य स्तर तक सीमित नहीं थी बल्कि वह केंद्र में भी यूपीए की सरकार में मंत्री रह चुके है. शिबू सोरेन मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से लेकर 2006 तक कोयला मंत्री के पद पर आसीन रहे.
2020 में शिबू सोरेन राज्यसभा के लिए चुन लिए गए. वर्तमान में शिबू सोरेन राज्यसभा सांसद है.
शिबू सोरेन पर आपराधिक मुकदमा
शिबू सोरेन पर हत्या, दंगे भड़काना सहित कई आपराधिक मामले है. जब वह मनमोहन सिंह सरकार में कोयला मंत्री थे तब दिल्ली की एक जिला अदालत ने उन्हें वर्ष 1994 में अपने निजी सचिव शशि नाथ झा की हत्या में दोषी पाया था, इस कारण उन्हें उस समय मंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. इसको लेकर मनमोहन सरकार की तब के समय आलोचना भी हुई थी कि उनके मंत्रिमंडल में हत्या का दोषी भी शामिल है. शिबू सोरेन पर विभिन्न आपराधिक मुकदमो के कारण उनकी राजनैतिक छवि प्रभावित हुई और वह राज्य में लम्बी राजनीतिक पारी खेलने में असफल रहे.
शिबू सोरेन की संपत्ति (Shibu Soren Net Worth)
2019 में चुनाव के समय उनके द्वारा घोषित संपत्ति लगभग 4.67 करोड़ है.
इस लेख में हमने आपको झारखंड से राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की जीवनी (Shibu Soren Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.