मध्यप्रदेश में विपक्ष में बैठी बीजेपी बुधवार को लगे झटके से अभी उबर भी नहीं पायी होगी कि गुरुवार को आये एक ताजा बयान ने फिर बीजेपी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी. बयान भी ऐसा जिससे एमपी में सियासी लहरे तेज गति से बहने लगी. मध्य प्रदेश नदी न्यास के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने दावा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चार और विधायक उनके संपर्क में हैं. बाबा ने यह भी बताया कि जिस दिन राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ निर्देश देंगे, सभी को कांग्रेस में शामिल करा लिया जाएगा. कम्प्यूटर बाबा केशर बाग रोड इलाके में कान्ह और सरस्वती नदी का दौरा करने पहुंचे थे.

कम्प्यूटर बाबा ने बिना किसी विधायक का नाम लिए बताया कि सभी चारों विधायक बीजेपी से खासे नाराज हैं और किसी भी दिन कांग्रेस में शामिल हो सकते है. बाबा के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं में सरगर्मी जाहिर तौर पर बढ़ गयी है.

बुधवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में आपराधिक कानून संशोधन बिल पर हुई वोटिंग में बीजेपी के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कौल ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान करते हुए बीजेपी को कड़ा झटका दिया. नारायण त्रिपाठी मैहर विधानसभा सीट से विधायक हैं जबकि शरद कौल ब्‍यौहारी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं. वोटिंग के बाद दोनों विधायकों ने बयान दिया कि हम बीजेपी में खुश नहीं हैं.

इससे पहले एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर ये सरकार कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार की तरह गिर जाए तो इसकी जिम्मेदार खुद कांग्रेस होगी. इसके बाद विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने बयान देते हुए कहा कि अगर हमारे नंबर 1 और नंबर 2 इशारा करें तो 24 घंटे में मध्य प्रदेश सरकार गिर सकती है.

इसके बाद मध्यप्रदेश में भी सरकार पर संकट का खतरा मंडराने लगा था लेकिन बुधवार को दो विपक्ष के विधायकों के साथ मिलने और गुरूवार को कम्प्यूटर बाबा के बयान के बाद अब खतरा कांग्रेस पर नहीं बल्कि विपक्ष पर विधायक खोने का मंडराने लगा है.

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