गुरुवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीसरी बार तीन तलाक बिल को सदन में पेश किया. पूरे दिन चली बहस और हंगामे के बाद शाम को यह विधेयक सदन में पारित हो गया. शाम को हुई वोटिंग में बिल के पक्ष में 303 वोट जबकि विपक्ष में 82 वोट पड़े.
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को तीन तलाक बिल क्या पेश किया, विवादों और हंगामों की झड़ लग गयी. तीन तलाक मुद्दे पर पहले मिनाक्षी लेखी और सपा सांसद अखिलेश यादव भिड़ गए. उसके बाद बीजेपी सांसद रमा देवी के सामने बोली गई शायरी पर सपा सांसद आजम खान घिर गए और उनको सदन छोड़कर जान पड़ा. अब इस लिस्ट में एआईएमआईएम सांसद असदु्द्दीन ओवैसी का नाम न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता. आवैसी ने तीन तलाक बिल पर बोलते हुए इसे न केवल मुस्लिम महिलाओं के लिए जुर्म की संज्ञा दे दी, साथ ही इस्लाम में शादी को एक कॉन्ट्रैक्ट भी बताया.
तीन तलाक पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में शादी जन्म-जन्म का साथ नहीं होता, केवल एक कॉन्ट्रैक्ट होता है और वो भी सिर्फ एक जिंदगी के लिए, हम उसमें खुश हैं. इसकी तकलीफ सबको मालूम है. इस्लाम में तलाक भी नौ तरह के होते हैं. तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में नहीं बल्कि उनके खिलाफ जुर्म करेगा. तीन तलाक कानून के अनुसार, अगर आप शौहर को गिरफ्तार करेंगे तो खातून (पत्नी) को मुआवजा कौन देगा क्योंकि जेल में बैठकर तो कोई ऐसा कर नहीं सकता. 3 साल के बाद शौहर जेल से बाहर आएगा तो क्या बीवी उसका स्वागत करेगी, इन सब बातों के लिए बिल में किसी तरह का कोई जिक्र नहीं है. दरअसल तीन तलाक बिल में तीन साल की सजा और मुआवजे का प्रावधान है.
ओवैसी ने कहा कि इस बिल में तीन तलाक को अपराध बना दिया है. तीन तलाक अगर गलती से कहा जाए तो शादी नहीं टूटती और यही सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है. इस कानून के जरिए सरकार मुस्लिम औरतों पर जुर्म कर रही है. ओवैसी ने सत्तापक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कोर्ट ने समलैंगिकता को गैर अपराधिक बना दिया है और आप तीन तलाक को अपराध बनाकर नया हिन्दुस्तान बनाने जा रहे हैं. ओवैसी ने आगे कहा ये सरकार उस वक्त कहां गई थी जब इनके एक मंत्री पर मीटू का इल्जाम लगा था. 23 लाख हिंदू महिलाएं अपने पति से अलग रह रही हैं और इनके लिए सरकार के पास कुछ नहीं है.
ओवैसी ने अपने संबोधन को मजहबी दिशा में मोड़ते हुए कहा कि मुस्लिमों को तहजीब से दूर करने के लिए यह बिल लाया गया है. तीन तलाक बिल लाकर सरकार शादी खत्म कर रही है और मुस्लिम औरतों को सड़क पर ला रही है.