केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) ने आतंकवाद के सफाए के लिए UAPA कानून यानि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत मौलाना मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, जाकिर-उर-रहमान लखवी और हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित किया है. साथ ही इन सभी आतंकियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है. इसी साल मई में मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी भी घोषित जा चुका है. मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है और उस पर देश में पांच आतंकी हमलों को अंजाम देने का आरोप है.

गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में अमित शाह ने 8 जुलाई को यूएपीए बिल को पहले लोकसभा और उसके बाद राज्यसभा में पेश किया था. यहां से ये बिल दोनों सदनों से पारित हो चुका है. यूएपीए कानून के तहत केंद्र सरकार के पास किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने और उनकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार है. इस कानून के तहत सरकार उन लोगों को आतंकवादियों के तौर पर चिन्हित कर सकती है जो आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं या किसी भी तरह से आतंक को बढ़ावा देते हैं. इससे पहले सिर्फ आतंकी संगठनों को ही आतंकी (Terrorist) घोषित करने का प्रावधान था.

आतंकियों की सूची में मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar), दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim), जाकिर-उर-रहमान लखवी (Zakir-ur-Rehman Lakhvi) और हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के बाद आने वाले दिनों में कई और कुख्यात नाम इस लिस्ट में शामिल होने की पूरी संभावना है.

इस मामले पर देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं कि जब किसी आतंकी (Terrorist) संगठन पर प्रतिबंध लगता है तो वे अलग नाम से संगठन बना लेते हैं. ऐसे में देश से आतंक का सफाया करने के लिए कुछ सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है. यूएपीए बिल इसी पहल का नतीजा है.

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