राजस्थान का सियासी घटनाक्रम अब बढ़ रहा दूसरे आंतरिक कलह की ओर: पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता और विधायकों में बढ़ता आंतरिक रौष, बात है ‘Loyalty’ और ‘विश्वासघात’ की, आखिर आलाकमान क्यों नहीं समझ रहा यह बात, जब एक बार किसी ने खो दी अपनी ‘लॉयल्टी’, उसका क्या विश्वास की फिर दुबारा नहीं करेगा वो घात’, जब सरकार के पास है नम्बर गेम का पूरा प्लान, तो फिर है किस बात का इंतजार, इस तरह के मान-मनुहार से आगे भविष्य में रहेगा बगावत का खतरा बरकरार, इसके ऊपर रोज-रोज की बाड़ाबंदी से सब होते परेशान, क्या प्रशासन और क्या आम सबके रुक जाते हैं काम, जनता में भी जा रहा गलत संदेश, आलाकमान को जागना ही था तो जागते कर्नाटक और मध्यप्रदेश के बाद, घर की बात घर में सुलट जाती तो फिर भी थी कोई बात, लेकिन अब हो चुकी है बहुत देर, अगर जल्द नहीं लिया गया निर्णय तो बढ़ सकता बगावत का आंकड़ा फिर एक बार, साथ ही साथ पार्टी की भी हो रही फजीती बार-बार

Ashok Gehlot Sachin Pilot Bccl 0
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