कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए PM मोदी ने किए एलान तो बोले पीके- ‘सिर्फ वादे हैं कोई मदद नहीं’

मोदी सरकार ने कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की, ऐसे बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर मासिक वित्तीय सहायता और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये की राशि की घोषणा, अभी सहायता मिलने की जगह, बच्चों को 18 वर्ष की आयु में स्टाइपेंड के वादे के से सकारात्मक महसूस करना चाहिए - मुफ्त शिक्षा के वादे के लिए पीएम केयर्स के आभारी रहें, जो कि संविधान में गारंटीकृत अधिकार है- प्रशांत किशोर का तंज

PM मोदी की इस घोषणा पर प्रशांत किशोर ने कसे जमकर तंज
PM मोदी की इस घोषणा पर प्रशांत किशोर ने कसे जमकर तंज

Politalks.News/NewDelhi. कोरोना संक्रमण के महाप्रकोप के चलते अपने माता-पिता खो चुके अनाथ बच्चों की मदद के लिए शनिवार को केंद्र की मोदी सरकार ने मुफ्त शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य बीमा तक कई ऐलान किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा पर प्रख्यात राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जमकर तंज कसे हैं. पीके ने ट्वीट कर कहा है कि सहानुभूति की नयी परिभाषा केंद्र सरकार की तरफ से दी जा रही है. यही नहीं पीप्रशांतकिशोर ने कहा है कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को मोदी सरकार की तरफ से मदद नहीं की गयी है, बस वादे किए गए हैं.

‘सहानुभूति की नई परिभाषा दे रही मोदी सरकार
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए सरकार के फैसलों को बताते हुए एक ट्वीट किया था. इसी ट्वीट के जवाब में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तंज करते हुए लिखा कि, “मोदी सरकार का एक और मास्टर स्ट्रोक. इस बार कोविड के चलते तबाह हुए बच्चों के लिए सहानुभूति और देखभाल को नए तरीके से परिभाषित किया गया है. -अभी सहायता मिलने की जगह, बच्चों को 18 वर्ष की आयु में स्टाइपेंड के वादे के से सकारात्मक महसूस करना चाहिए – मुफ्त शिक्षा के वादे के लिए पीएम केयर्स के आभारी रहें, जो कि संविधान में गारंटीकृत अधिकार है. -आयुष्मान भारत में नामांकित होने के आश्वासन के लिए पीएमओ का धन्यवाद कीजिए, जो कि 50 करोड़ भारतीयों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए जाना जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर केवल बेड/ ऑक्सीजन भी प्रदान करने में विफल रहा है.”

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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, ‘हमारे देश के भविष्य का समर्थन! कोविड-19 के कारण कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया, सरकार इन बच्चों की देखभाल करेगी, उनके लिए सम्मानजनक जीवन और अवसर सुनिश्चित करेगी. बच्चों के लिए PM-CARES बच्चों को शिक्षा और अन्य सहायता सुनिश्चित करेगा.’ इसके आगे पीएम मोदी ने पीआईबी का लिंक शेयर किया था जिसमें बच्चों की मदद को लेकर सारे ऐलानों के विवरण था.

पीआईबी के लिंक में लिखा था कि- सरकार उन बच्चों के साथ है जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो दिया. ऐसे बच्चों को 18 साल का होने पर मासिक स्टाइपेंड और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपये का फंड मिलेगा. इन बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और पीएम केयर्स उस ऋण पर ब्याज का भुगतान करेगा. आयुष्मान भारत के तहत बच्चों को 18 साल तक 5 लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा और प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा. बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम बच्चों के समर्थन और सुरक्षा के लिए सब कुछ करेंगे. एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उज्ज्वल भविष्य की आशा जगाएं.

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आपको बता दें, इससे पहले भी हाल ही में प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला था. पीके ने देश की दयनीय स्थिति के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था, और ट्वीट पर लोगों से मोदी सरकार के अंध भक्त ना बनने की अपील की है. प्रशांतकिशोर ने आगे लिखा था कि ‘हमारे चारों ओर एक शोकग्रस्त राष्ट्र और त्रासदी मची हुई है, ऐसे में गलत प्रचार को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास घृणित है, सकारात्मक होने के लिए हमें सरकार के अंधे प्रचारक बनने की जरूरत नहीं है’.

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