सरकारी क्षेत्र में ओबीसी वर्ग को मिले समुचित प्रतिनिधित्व- हनुमान बेनीवाल ने सदन में उठाई ये मांगें

लोकसभा में संविधान (एक सौ सताईसवाँ संसोधन ) विधेयक 2021 की चर्चा मे आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी लिया भाग, विधेयक को दिया समर्थन तो वहीं सरकार की कई नीतियो को किया कठघरे में खड़ा

लोकसभा में हनुमान बेनीवाल ने सदन में उठाई ये मांगें
लोकसभा में हनुमान बेनीवाल ने सदन में उठाई ये मांगें

Politalks.News/Rajasthan. लोकसभा में पारित हुए संविधान (एक सौ सताईसवाँ संसोधन ) विधेयक 2021 की चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ओबीसी के हितों से जुड़ी विभिन्न बातों को सदन में रखा. इस दौरान सांसद बेनीवाल ने कहा कि एक बहुत बड़े संघर्ष के बाद सामाजिक न्याय के पुरोधा इस देश में मंडल आयोग की सिफ़ारिशें लागू करवा पाए हैं. बेनीवाल ने कहा कि हम सब जानते हैं की मंडल आयोग में 27% आरक्षण की बात की गयी थी, लेकिन मंडल आयोग के दो दशक से अधिक का समय बीत जाने पर भी आज तक ओबीसी वर्ग का सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व तक़रीबन 20% तक ही पहुंचा है जो के सामाजिक न्याय के प्रति सरकार के उदासीन रवैए को दर्शाता है.

आपको बता दें, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने सोमवार को लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया, जिसके बाद सर्वसम्मति से बिल पास हो गया. विपक्षी पार्टियों ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है. ये बिल राज्य सरकारों को ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार देगा. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट ने इसपर मुहर लगाई थी. इस संशोधन की मांग कई क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी के ओबीसी नेताओं ने भी की है.

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इन मुद्दो पर भी होनी चाहिए थी चर्चा – सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की मानसून सत्र के पहले दिन से देश मे बढ़ती हुई महंगाई, बेरोज़गारी, किसान सहित कई मुद्दो पर विशेष चर्चा की मांग की जा रही है परन्तु मोदी सरकार ने अब तक इस पर ध्यान नही दिया है.

आरक्षण आंदोलनों को सभी सरकारों ने किया दमन से कुचलने का प्रयास– सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि राजस्थान में भाजपा सरकार के शासन मे गुर्जर आंदोलन मे पुलिस की गोली से काल कवलित हुए 70 गुर्जरों, हरियाणा के जाट आरक्षण आंदोलन में सेना व पुलिस की गोलियों से काल कवलित हुए 40 से अधिक युवाओं के साथ महाराष्ट्र में मराठा समुदाय व देश के अन्य हिस्सों मे जहां जहां आरक्षण आंदोलन हुए वहां सभी सरकारों ने दमन से आंदोलनों को कुचलने का प्रयास किया है. बेनीवाल ने कहा कि सरकार की ग़लत नीतियो से आरक्षण रूपी हक की मांग कर रहे हरियाणा सहित कई राज्यो के युवा अब अभी भी जेल में हैं. सांसद बेनीवाल ने कहा कि चुनाव के समय विभिन्न सरकारों ने आरक्षण से जुड़े कई झूठे वादे भी जनता से किए मगर सरकार बनने के बाद सभी सरकारों ने उनकी सुनने की बजाय उन पर गोलिया बरसाई और वैकेया नायडू की अध्यक्षता मे हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर कमेटी भी बनाई मगर आज तक कोई समाधान नही हुआ.

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धौलपुर और भरतपुर के जाट समाज सहित 9 राज्यो के जाटो को केंद्र की नौकरियो मे मिले आरक्षण, पीएम निभाए अपना वादा– सांसद हनुमान बेनीवाल बताया कि यूपीए सरकार के समय अधिसूचना जारी कर बिहार, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में धौलपुर और भरतपुर जिला और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जाटों को केंद्रीय नौकरियों में ओबीसी आरक्षण दिया था और इन 9 राज्यों के जाटों को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल कर लिया था, परन्तु माननीय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय नौकरियों में आरक्षण देने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना रद्द कर दी. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने जाट आरक्षण पर जब केंद्र की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी, तो खाप पंचायत के कई चौधरी प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे, तब पीएम मोदी ने इस मामले मे रास्ता निकालने की बात कही थी. सांसद बेनीवाल ने मांग रखी कि इस विषय पर भी केंद्र सरकार को राह निकालकर केंद्र की नौकरियों मे उक्त राज्यो के जाटों को आरक्षण देने की ज़रूरत है.

किसान आंदोलन पर ध्यान दे सरकार- सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा सरकार को किसान आंदोलन के मामले पर गंभीरता से गौर करते हुए कृषि बिलों को वापिस लेने की ज़रूरत है.

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