चुनावी साल की शुरुआत के साथ ही राजस्थान कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी जल्दी जल्दी बदलने लगी हैं करवटें, कल तक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की जमकर और खुलकर पैरवी कर रहे राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा के बदलने लगे सुर, बाड़मेर दौरे पर मीडिया के सवाल के जवाब में खिलाड़ी बैरवा ने कहा- ‘मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर कहानी बनानी बनाने वाली है बात, काम हो रहे हैं और सरकार कर रही है काम, गहलोत या पायलट यह है हमारे अंदर की बात, ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जो बोला जाए,’ सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा- ‘यह बातें हो गई हैं पुरानी, अब इन चीजों का नहीं है कोई मतलब, यह सबने बोल दिया और सुन भी लिया, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी राजस्थान का दौरा कर लोगों से कर चुके हैं वन-टू-वन बात, अब कुछ रह नहीं जाता, गहलोत या पायलट, अब ये देखना है आलाकमान को, अब तो वक़्त है फैसले का, जल्द होने वाला है फैसला, बजट से पहले या बाद, यह तो तय करेगा आलाकमान, और जो भी फैसला करेंगे अच्छा करेंगे,’ यही नहीं बैरवा ने एक सवाल के जवाब में कहा- मेरी किसी से नहीं है कोई नाराजगी, 35 साल तक राजनीति की है सीएम अशोक गहलोत के साथ में, यह नहीं होती है नाराजगी, बल्कि होती हैं आपसी बातें, राजनीति में चलते रहते हैं उतार-चढ़ाव, और रहती है बदलाव की गुंजाइश, अतिंम दिन तक राजनीति में कुछ भी हो जाए, उसको नकारा नहीं जा सकता