पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी. जैसा कि तय माना जा रहा था, मध्यप्रदेश कांग्रेस के सभी पूर्व 22 बागी विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली. शनिवार शाम सभी पूर्व कांग्रेस विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देशन में दिल्ली स्थित बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पहुंचे, जहां नड्डा ने बीजेपी का दुपट्टा पहनाकर 22 नेताओं को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, बीजेपी विधायक नरोत्तम मिश्रा सहित कई नेता मौजूद रहे, लेकिन शिवराज सिंह का अनुपस्थित रहना और इन नेताओं के स्वागत में एक ट्वीट तक न करना खासा चर्चा में रहा. यहां पूर्व निर्दलीय विधायक इमरती देवी ने सदस्यता ग्रहण करने के बाद सिंधिया के चरण स्पर्श कर अपनी ‘स्वामीभक्ति’ दिखाई.
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इससे पहले करीब 15 दिनों से कांग्रेस के पूर्व सदस्य बैंगलुरु के एक रिसोर्ट में रह रहे थे. इस सभी नेताओं के इस्तीफा देने के चलते कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई. यही वजह रही कि कमलनाथ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. सदस्यों के बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के तुरंत बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए सभी पूर्व विधायकों को बधाई देते हुए कहा, ‘मध्य प्रदेश के विकास प्रगति और उन्नति के अपने संकल्प के साथ कांग्रेस के सभी 22 पूर्व विधायक जो मेरे परिवार के सदस्य हैं, उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की.’
मध्य प्रदेश के विकास प्रगति और उन्नति के अपने संकल्प के साथ कांग्रेस के सभी 22 पूर्व विधायक जो मेरे परिवार के सदस्य हैं, उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री जेपी नड्डा जी के निवास पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। @JPNadda @BJP4India pic.twitter.com/DjM5E2QtLM
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 21, 2020
यूं तो सदस्यता के समय जेपी नड्डा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा, विनय सहस्त्रबुद्धे, धर्मेंद्र प्रधान सहित कई बीजेपी नेता मौजूद रहे लेकिन शिवराज सिंह चौहान का उपस्थित नहीं रहना चर्चा का विषय बना रहा. हालांकि शिवराज सिंह भोपाल में बीजेपी विधायकों को एक करके चल रहे हैं लेकिन कम से कम सोशल मीडिया मसलन ट्वीटर के जरिये बीजेपी में शामिल हुए इन नेताओं का स्वागत तो कर ही सकते थे. दरअसल, शिवराज सिंह एमपी में सीएम पद के सबसे अग्रणी चेहरा हैं लेकिन उनका यहां न होना साफ तौर पर दिखाता है कि बीजेपी में सीएम पद को लेकर कुछ तो पेंच जरूर फंस रहा है. सीएम की दौड़ में नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय और नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी सामने आ रहा है. हालांकि आगामी उप चुनाव को देखते हुए और ‘मामा शिवराज’ की पॉपुलर्टी को देखते हुए बीजेपी किसी भी कीमत पर उन्हें नाराज नहीं करना चाहेगी लेकिन मिश्रा और तोमर को भी नाराज करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.

Former Congress MLA Join BJP
वहीं शिवराज सिंह और कमलनाथ के बीच शुक्रवार रात हुई 40 मिनिट की मुलाकात की गूंज सियासी गलियारों में खासी गूंज रही है. दोनों की लंबी बातचीत को बीजेपी खेमे में भी हल्का नहीं दिया जा रहा. उनके डिनर को भी ऐन वक्त पर रद्द करने के पीछे यही माना जा रहा है कि हो सकता है कुछ नाराज विधायक उनके यहां नहीं जाते और न तो बीजेपी आलाकमान एवं न ही शिवराज अभी इस नाराजगी को जगजाहिर करना चाहते हैं. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस को बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रखने का शानदार मौका मिल जाएगा.
फिलहाल तो कांग्रेस सरकार में मंत्री एवं विधायक रहे ये सभी नेता बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता बन गए हैं लेकिन बीजेपी को भी ये समझना होगा कि बीजेपी के नहीं बल्कि सिंधिया के कार्यकर्ता हैं और केवल उन्हीं के बुलाने पर बीजेपी में शामिल हुए हैं. इन सिंधिया समर्थकों के अगर नखरे नहीं उठाए गए तो सिंधिया नाराज हो सकते हैं और अगर वे नाराज हुए तो फिर ये भी नाराज हो जाएंगे. इसे देखते हुए 25 सीटों पर होने वाले आगामी उप चुनाव में इन सभी को टिकट मिलना करीब करीब तय है. माना जा रहा है कि पूर्व बीजेपी विधायक शरद कॉल का बतौर निर्दलीय या फिर कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरना पक्का है. ऐसे में बाजी कौन मारता है कांग्रेस या फिर बीजेपी, देखना रोचक रहेगा.



























