किसानों की हुई जीत, मंत्री पद की लालसा में कृषि बिलों के समर्थन के बजाय हमने किया संघर्ष- बेनीवाल: तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले पर RLP संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जताई खुशी, बेनीवाल ने इसे बताया किसानों की महाजीत, बेनीवाल का बयान- ‘काश प्रधानमंत्री जी समय रहते संज्ञान लेकर किसानों के दर्द को समझते तो आंदोलन में सैंकड़ों किसानों को नहीं देनी पड़ती शहादत, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री अधिकारियों के भंवर जाल में फंसकर किसानों के हितों पर कुठाराघात करने वाला लाए थे बिल, जिसके विरोध में किसानों ने दिल्ली की बॉर्डर पर किया एक साल संघर्ष, पूरे देश की भावना थी किसानों के पक्ष में, लंबे संघर्ष के बाद किसानों के आगे झुकना पड़ा केंद्र को’, बेनीवाल ने कहा कि, ‘मंत्री पद की लालसा के लिए कृषि बिलों के समर्थन में लंबे-चौड़े भाषण देने के बजाय आरएलपी ने केंद्र में सत्ता का दामन छोड़कर किसानों का साथ देना समझा उचित, मैंने खुद संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति जी के अभिभाषण और केंद्र के बजट भाषण का किया जमकर विरोध’, कृषि कानूनों के विरोध में RLP ने NDA से वापस लिया था समर्थन और शाहजहांपुर बॉर्डर पर दिया धरना, RLP ने किसान आंदोलन के समर्थन में किया लंबा संघर्ष और किसानों की आवाज को किया बुलंद
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