राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान पर कसा करारा तंज, गीता प्रेस गोरखपुर को दिए जा रहे गांधी शांति पुरस्कार को लेकर जयराम रमेश ने दिया था बयान, जयराम रमेश के बयान पर पलटवार करते हुए सतीश पूनियां ने ट्वीट कर कहा- केवल नाम में ही ‘जय राम’ है जयराम रमेश के, और सोच बिल्कुल विपरीत, गीता प्रेस गोरखपुर जैसी पवित्र संस्था के लिए ऐसे विचार न सिर्फ अशोभनीय भी हैं बल्कि जयराम रमेश की देश के बहुसंख्यकों की भावना के प्रति नकारात्मक भाव को भी करता है प्रदर्शित, ईश्वर कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश को दे सद्बुद्धि, दरअसल जयराम रमेश ने इस मामले में ट्वीट कर कहा था, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार दिया गया है गोरखपुर में गीता प्रेस को, जो इस साल कर रही है अपने 100 साल पूरे, राइटर अक्षय मुकुल ने 2015 में गीता प्रेस पर लिखी है एक बहुत बेहतरीन बायोग्राफी, जिसमें इस संगठन के महात्मा गांधी के साथ संबंधों और राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का है जिक्र, उन्हें यह पुरस्कार देने का फैसला वास्तव में है एक मजाक, यह है सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा