दिवाली पर सरकार ने संविदाकर्मियों को दिया छलावे का तोहफा, ये मृग मरीचिका के सिवा कुछ नहीं- राठौड़: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश के 31473 संविदाकर्मियों को किया नियमित, सरकार के इस फैसले पर विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने उठाए सवाल, ट्वीट कर लिखा- कांग्रेस सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में कार्यरत करीब 4 लाख संविदाकर्मियों की तुलना में सिर्फ 31 हजार पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी और पैराटीचर्स संविदाकर्मियों को संविदा सेवा नियम-2022 की सीमा में लाना मृग मरीचिका के अलावा नहीं है और कुछ, नोटिफिकेशन की दिनांक से 9 व 18 साल के अनुभव की गणना के नये नियम के बाद जो संविदाकर्मी विगत कई वर्षों से विभागों में दे रहे हैं अपनी सेवाएं, उनका अनुभव हो जायेगा शून्य और अनुभवी व नये संविदाकर्मी हो जायेंगे समान, दीपावली पर सरकार ने संविदाकर्मियों को दिया है छलावे का तोहफा, सरकार के प्रति संविदाकर्मियों के आक्रोश को दबाने के उद्देश्य से राज्य सरकार नियमितिकरण के नाम पर संविदा सेवा नियम-2022 लागू करके राजनीतिक स्वार्थों की कर रही है पूर्ति, जिसकी हकीकत प्रत्येक संविदाकर्मी समझ चुका है’