संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने परिवारवाद पर कसा तंज, कहा- फॉर द फैमिली, बाय द फैमिली…

संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने बिना नाम लिए राहुल, अखिलेश पर साधा निशाना, परिवारवाद को लेकर कसा तंज- पार्टी फॉर द फैमिली, पार्टी बाई द फैमिली... देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक जाइये आप देखेंगे कि भारत का एक ही संकट है पारिवारिक पार्टियां, समारोह के बहिष्कार को लेकर भी विपक्ष पर दागे सवाल, विपक्ष ने किया समारोह का बहिष्कार, बोले- इस सरकार का नहीं है लोकतंत्र में विश्वास

संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने परिवारवाद पर कसा तंज
संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने परिवारवाद पर कसा तंज

Politalks.News/SanvidhanDiwas. आज देशभर में संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जा रहा है. आज ही के दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया था. इस ख़ास मौके पर संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु (Venkaiah Naidu), लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) सहित बीजेपी (BJP) के सांसद एवं NDA के सहयोगी दल सदन में मौजूद रहे. वहीं कांग्रेस समेत करीब 14 दलों ने इस कार्यक्रम का बायकॉट किया. कांग्रेस (Congress), TMC, शिवसेना (Shivsena) सहित 14 दल इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. संविधान दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है. लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है.’

देश के 71वें संविधान दिवस के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘आज का दिन बाबा अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को नमन का है. कभी इसी पवित्र जगह पर महीनों तक कुछ लोगों ने भारत के कुशल भविष्य के लिए मंथन किया था. आज ही के दिन मुंबई में आतंकी घटना को भी अंजाम दिया गया था.’ पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ‘नागरिकों की रक्षा की जिम्मेदारी निभाते हुए हमारे वीर जवानों ने मुंबई हमले के आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए अपना बलिदान है. संविधान बनाते वक्त देशहित सबसे ऊपर था लेकिन हम आज संविधान का एक पेज भी पूरा नहीं लिख पाते, क्योंकि राजनीति के चलते नेशन फर्स्ट और देशहित पीछे छूट जाता है.’

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अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि ‘देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक जाइये आप देखेंगे कि भारत एक संकट की तरफ बढ़ रहा है और वो है पारिवारिक पार्टियां. पार्टी फॉर द फैमिली, पार्टी बाई द फैमिली… और अब आगे कहने की जरूरत नहीं लगती है.’ पीएम मोदी ने कहा कि, ‘ये लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है और संविधान जो हमें कहता है, यह उसके विपरीत है. जब मैं कहता हूं कि पारिवारिक पार्टियां, तो मैं ये नहीं कहता कि परिवार के एक से ज्यादा लोग राजनीति में न आएं. योग्यता के आधार पर और जनता के आशीर्वाद से आएं. जो पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार चलाता रहे, वो लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा संकट होता है.’

संविधान दिवस के इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में अधिकारों के लिए लड़ते हुए भी देश को कर्त्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी. गांधी जी तो देश में  स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत का विचार लाए थे. महात्मा गांधी देश को तैयार कर रहे थे, उन्होंने जो बीज बोए थे वे वटवृक्ष बन जाने चाहिए थे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. अच्छा होता देश आजाद होने के बाद कर्त्तव्य पर बल दिया गया होता तो अधिकारों की अपने आप रक्षा होती.’

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संविधान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का 14 विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, शिवसेना, एनसीपी समेत कई पार्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘यह कार्यक्रम किसी राजनैतिक दल का नहीं था. किसी प्रधानमंत्री का नहीं था. यह कार्यक्रम स्पीकर पद की गरिमा थी. हम संविधान की गरिमा बनाए रखें. हम कर्त्तव्य पथ पर चलते रहें. आज जरूरी है कि हम कर्तव्य के माध्यम से अधिकारों की रक्षा के रास्ते पर चलें. कर्तव्य वो पथ है जो अधिकार को सम्मान के साथ दूसरों को देता है.’

संविधान दिवस के मौके शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. राउत ने कहा कि ‘हम ये अच्छी तरह जानते हैं कि संविधान का देश में महत्व है. डॉ बाबा साहब अंबेडकर के नेतृत्व में जनता को अधिकार दिए गए, लेकिन आज राज्य, जनता को कुचल दिया जाता है, तो संविधान का मतलब क्या होता है? कहां है संविधान? हमारी सरकार बहुमत में है फिर भी हमारे पीछे जांच एजेंसी, तो कभी राजभवन लग जाते हैं.’ वहीं सदन में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘हम इस कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे. यह सरकार लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है. ये लोग लोकतांत्रिक भारत की हर संस्था को समाप्त करने पर तुले हुए हैं.’

 

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