पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाओं को जबरन धरने से उठाकर घर भेजने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शेखावाटी और मारवाड़ क्षेत्र की कई वीरांगनाओं से अपने आवास पर की मुलाकात, इसके बाद जो कि था तय ही, कि सीएम से मिलने वाली इन वीरांगनाओं ने की शहीद की पत्नी और बच्चों के अलावा दूसरे रिश्तेदार को नौकरी नहीं देने की पैरवी, सभी वीरांगनाओं ने एक स्वर में मीडिया से कहा- केवल शहीद के बच्चों को है राज्य सरकार की ओर से नौकरी पाने का अधिकार, वीरांगनाओं की ओर से देवर, जेठ या अन्य पारिवारिक सदस्यों को नौकरी दिलाने के लिए आंदोलन करना है गलत, इस मामले में राज्य सरकार का रुख है सही और संवेदनशील,’ वीरांगनाओं की मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात पर बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट कर किया पलटवार, कहा- यह कैसी उलटबांसी है, कि वीरांगनाओं का अपमान करने वाले अशोक गहलोत जी आज वीरांगनाओं से कर रहे हैं मुलाकात, पर आपके द्वार पर दस दिनों तक आपसे मिलने की गुहार लगाने वाली भूखी-प्यासी वीरांगनाएं क्या आपको नहीं दीं थी दिखाई? वीरांगनाओं के साथ राजनीति करते हुए आपको जरा भी लज्जा नहीं आती? क्या मंजु जाट, सुंदरी गुर्जर, मधुबाला मीना नहीं हैं वीरांगना? मंजु जाट को आपने अपहृत कर छुपा रखा है पर वह वीरभार्या अभी भी गरज रही है कि आप उसके साथ ऐसा बर्ताव क्यों कर रहे हो? अशोक गहलोत जी वीरांगनाओं के साथ फोटो तो खिंचवा लो पर, श्रीमती मंजू जाट के सवालों का उत्तर भी तो दो’