केंद्र ने की कृषि कानून वापस लाने की कोशिश तो बड़ा किसान आंदोलन खड़े होते नहीं लगेगी देर- टिकैत: केंद्र सरकार द्वारा लाये और निरस्त किये गए तीनों कृषि कानूनों को लेकर चर्चा बरकरार, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी ने कोर्ट को सौंपी है एक रिपोर्ट, जिसमें 86 प्रतिशत किसान संगठन बताये गए हैं तीनों कृषि कानूनों से खुश, सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर खफा दिखे किसान नेता राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा- ‘तीन कृषि कानूनों के समर्थन में घनवट ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट सार्वजनिक कर साबित कर दिया कि वे केंद्र सरकार की ही कठपुतली थे, इसकी आड़ में अगर इन बिलों को फिर से लाने की केंद्र की मंशा है तो देश में और बड़ा किसान आंदोलन खड़े होते नहीं लगेगी देर,’ समिति के तीन सदस्यों में से एक अनिल घनवट ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की अपनी रिपोर्ट में कहा- ‘सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त नहीं करने के थी पक्ष में, समिति ने इसके बजाय निर्धारित मूल्य पर फसलों की खरीद का अधिकार राज्यों को देने और आवश्यक वस्तु कानून को खत्म करने का दिया था सुझाव’
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