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जयपुर नगर निगम ग्रेटर में मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर के बाद अब बर्खास्त किए गए तीनों पार्षदों की भी होगी निगम में वापसी, तीनों पार्षदों की बर्खास्तगी के आदेशों को आज राजस्थान हाईकोर्ट ने कर दिया रद्द, ऐसे में अब तीनों बर्खास्त पार्षद एक बार फिर बनेंगे पार्षद, हाईकोर्ट में आज जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने जारी किया ये आदेश, इन तीनों पार्षदों को गहलोत सरकार ने तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ किए दुर्व्यवहार के मामले में पद से किया था बर्खास्त, पार्षदों की ओर से सीनियर एडवोकेट आर.एन. माथुर सहित एडवोकेट आर.के. डागा व अखिल सिमलोट ने कहा कि मामले में प्रार्थियों को सरकार ने सुनवाई का नहीं दिया कोई मौका, सरकार का ऐसा करना प्राकृतिक न्याय के सिद्दांतों का है उल्लंघन, इसी मामले में हाईकोर्ट पहले भी मेयर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने वाले आदेश को कर चुका है रद्द, ऐसे में प्रार्थियों का मामला व तथ्य भी पूर्व के मामले के ही हैं समान, इसलिए उन्हें बर्खास्त करने वाले आदेश को किया जाए रद्द और तीनों प्रार्थियों को वापस पद पर किया जाए बहाल,अदालत ने प्रार्थियों की बहस को सुनकर उन्हें बर्खास्त करने वाला आदेश कर दिया रद्द, स्वायत्त शासन निदेशालय की ओर से पिछले साल 22 अगस्त को आदेश जारी कर वार्ड 72 से भाजपा के पार्षद पारस जैन, वार्ड 39 से अजय सिंह और वार्ड 103 से निर्दलीय शंकर शर्मा को किया था पद से बर्खास्त, इन तीनों ही पार्षदों को सरकार ने न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद किया था बर्खास्त, सरकार से जारी आदेशों के बाद इन तीनों पार्षदों पर अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए कर दिया था अयोग्य घोषित

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