वर्तमान में जारी संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने सदन में उठाया 2000 के नोट का मुद्दा, मोदी ने केंद्र सरकार से की 2000 के नोट को पूरी तरह से बंद करने की मांग, इसके साथ ही नोट को बंद करने से पहले जनता को वक्त देने की भी की मांग, ताकि लोग अपनी मेहनत की कमाई को, जो 2000 के नोट के रूप में है उनके पास, उसे बदल सकें आराम से, सुशील मोदी ने सदन में कहा- यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने 2018 में 500 यूरो के नोट कर दिए बंद, इसी तरह सिंगापुर ने हटा लिया 10 हजार के नोट को, इसी तरह जब भारत में 1000 का नोट बंद हो गया तो 2000 के नोट का नहीं है कोई औचित्य, ऐसे में मेरा आग्रह है कि इस नोट को हटा लेना चाहिए धीरे धीरे, एक निश्चित समय सीमा के बाद उस नोट की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए, 2000 के नोट का साफ मतलब है ब्लैकमनी, कुछ महीने पहले दाखिल हुई एक आरटीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान 2000 को काई नया नोट नहीं छापा गया 2000 का