सेना में संविदा भर्ती युवाओं व सेना के हितों के खिलाफ- बेनीवाल ने उठाई अग्निपथ को वापस लेने की मांग

सांसद हनुमान बेनीवाल ने सदन में फिर किया प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ध्यान आकर्षित, कहा- अग्निपथ के माध्यम से ली जाने वाली संविदा भर्ती के चार वर्षो बाद युवाओं का क्या भविष्य होगा, इस पर बहुत बड़ा सवालिया निशान है, क्योंकि चार वर्ष के बाद न किसी को रेंक मिलेगी, न ही प्रमोशन और न पेंशन

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Hanuman Beniwal on Agneepath Scheme. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार को लोकसभा के शून्यकाल में सेना में अग्निपथ योजना को वापिस लेने की मांग एक बार फिर पुरजोर तरीके से उठाया. बता दें सांसद हनुमान बेनीवाल शुरू से ही केंद्र की इस अग्निपथ योजना का विरोध करते आ रहे हैं और पहले भी कई बार सड़क से लेकर सदन तक इस योजना को वापिस लेने के लिए आंदोलन कर चुके हैं. इसी कड़ी में आज सोमवार को एक बार फिर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सदन में दिए गए अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की सेना जैसे संस्थान में अग्निपथ योजना के माध्यम से संविदा भर्ती का निर्णय किसी भी दृष्टि से सही नही है.

अपनी बात के समर्थन में सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा की केंद्र के इस फैसले के विरुद्ध राजस्थान सहित देश भर के युवा आंदोलित हैं. इसके साथ ही बेनीवाल ने राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी द्वारा अग्निपथ के विरोध में प्रदेश भर में लोकतांत्रिक रूप से किए गए विरोध व 27 जून 2022 को जोधपुर में दो लाख से अधिक युवाओं की मौजूदगी में की गई बड़ी रैली का उदाहरण देते हुए कहा की सरकार को अब समझ जाना चाहिए की युवा केंद्र के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलित हैं.

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अग्निपथ योजना पर सवालिया निशान लगाते हुए सांसद हनुमान बेनीवल ने कहा अग्निपथ के माध्यम से ली जाने वाली संविदा भर्ती के चार वर्षो बाद युवाओं का क्या भविष्य होगा, इस पर बहुत बड़ा सवालिया निशान है, क्योंकि चार वर्ष के बाद न किसी को रेंक मिलेगी, न ही प्रमोशन और न पेंशन, ऐसे में सरकार को सेना में जाने के इच्छुक युवा वर्ग के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. सांसद बेनीवाल ने कहा की सरकार अग्निवीरो को रिटायरमेंट के बाद सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी देने की बात करती है लेकिन पूर्व सैनिकों के लिए ग्रुप सी और ग्रुप डी में क्रमश: 10 और 20 प्रतिशत आरक्षित होने के बावजूद हकीकत में 1.29 प्रतिशत और 1.66 प्रतिशत नौकरी ही दी जा सकी है. वहीं केंद्रीय सुरक्षा बलों के भांति पूर्व सैनिकों को भी दस प्रतिशत नौकरी देने की बात कही गई है लेकिन वास्तविक आंकड़ों में एक प्रतिशत से भी कम पूर्व सैनिकों को नौकरी मिल पाई है.

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आगे सांसद हनुमान बेनीवाल ने पुराने तर्ज पर सेना भर्ती रैलियों का आयोजन युवाओं को दो वर्ष की आयु में छूट देते हुए प्रारंभ करने व भारतीय सेना के साथ नेवी और वायुसेना में लंबित रही भर्तियों को पूरा करते हुए अग्निपथ जैसे फैसले को वापिस लेने की मांग की.

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