दो माह की तपस्या न जाए बेकार, राज्य से लेकर वार्ड स्तर तक क्वारंटाइन प्रबंधन समितियों का हुआ गठन

दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी एवं श्रमिक राजस्थान आ रहे हैं, ऐसे में कोरोना का संक्रमण गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारंटाइन की पुख्ता व्यवस्था बेहद जरूरी है- सीएम गहलोत

Ashok Gehlot
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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रवासी लोगों की घर वापसी शुरू होने के बाद से प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. प्रदेश में अब तक 267 प्रवासी लोग कोरोना पॉजिटिव आ चुके है. प्रदेश में बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि करीब दो माह की हमारी तपस्या व्यर्थ नहीं हो, इसके लिए जरूरी है कि दूसरे राज्य से आने वाला हर व्यक्ति क्वारंटाइन के नियम की पूरी तरह पालना करे. जीवन की रक्षा के लिए क्वारेंटीन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी एवं श्रमिक राजस्थान आ रहे हैं, ऐसे में कोरोना का संक्रमण गांवों में नहीं फैले, इसके लिए क्वारंटाइन की पुख्ता व्यवस्था बेहद जरूरी है. जिला स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक प्रशासन एवं अन्य लोग मिशन भावना के साथ क्वारंटाइन के उद्देश्य को सफल बनाएं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भीलवाड़ा एवं झुंझुनूं सहित अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में जो कामयाबी हमें अभी तक मिली है, उसके पीछे क्वारंटाइन की मजबूत व्यवस्था महत्वपूर्ण कदम रहा है. इसे और सुदृढ़ बनाकर ही हम इस लड़ाई को जीत पाएंगे. हमारी सरकार ने राजस्थान एपिडेमिक डिजीजेज अध्यादेश-2020 के तहत बाहर से आने वाले व्यक्ति के लिए क्वारेंटीन अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही होम क्वारंटाइन व्यवस्था को सुचारू रूप से क्रियान्वित करने के लिए राज्य से लेकर वार्ड स्तर तक क्वारंटाइन प्रबंध समितियों का गठन किया गया है.

मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देशानुसार राज्य स्तरीय क्वारंटाइन प्रबंधन समिति के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग वीनू गुप्ता को अध्यक्ष बनाया गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास राजेश्वर सिंह, राजस्थान भण्डारण निगम के सीएमडी पीके गोयल, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास भास्कर ए. सांवत और शासन सचिव महिला अधिकारिता के.के. पाठक इस समिति के सदस्य हैं.

जिला स्तरीय क्वारंटाइन प्रबंधन समिति संबंधित कलक्टर की अध्यक्षता में कार्य करेगी, जिसमें क्षेत्रीय सांसद, जिले के विधायक, पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला चिकित्सालय के चिकित्सा अधिकारी, जिला रसद अधिकारी, नगर परिषद के आयुक्त, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता, जिला शिक्षा अधिकारी तथा कलक्टर द्वारा नामित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी सदस्य होंगे.

सरकार के जारी निर्देशों के अनुसार, उपखण्ड स्तर पर क्वारंटाइन प्रबंधन समिति संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में कार्य करेगी. इसमें क्षेत्रीय विधायक, पुलिस उप अधीक्षक, पंचायत समिति के विकास अधिकारी, तहसीलदार, ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी, प्रवर्तन अथवा रसद अधिकारी एवं कलक्टर अथवा उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा नामित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी शामिल होंगे.

पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन की व्यवस्था ग्राम पंचायत स्तरीय प्रबंधन समिति की देखरेख में होगी. इस समिति में प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, पटवारी, संबंधित गांव के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी, बीएलओ, बीट कॉन्स्टेबल, एएनएम, महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उपखण्ड अधिकारी द्वारा नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रोें में वार्ड स्तर पर क्वारेंटीन प्रबंधन समिति में बीएलओ, पार्षद, सफाई निरीक्षक, बीट कॉन्स्टेबल, एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा उपखण्ड द्वारा नामित प्रतिनिधि होंगे.

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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि क्वारेंटीन की व्यवस्था को मजबूत बनाने में सांसदों, विधायकों के साथ-साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है. गांव वालों को भी विश्वास में लेकर होम क्वारेंटीन रखे गए एवं बाहर से आने वाले प्रवासियों की मॉनिटरिंग में उनका सहयोग लिया जाए. एनसीसी, एनएसएस, स्काउट और नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े युवाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है.

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