रोमांच, सस्पेंस, थ्रिलर, मर्डर, वसूली व सियासी ड्रामे के बीच एंटीलिया केस की आंच पहुंची MVA सरकार तक

देवेंद्र फडणवीस, रविशंकर प्रसाद, राम कदम, और राज ठाकरे ने उठाए उद्धव-पवार सहित महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर सवाल तो एनसीपी के अनिल देशमुख के इस्तीफे से साफ इनकार के बाद आज होगा MVA की बैठक में देखने को मिल सकता घमासान, शरद पवार ने उठाए परमबीर के आरोपों पर ही सवाल, जानकारों की मानें तो देशमुख को पद सकता है इस्तीफा

एंटीलिया केस की आंच पहुंची MVA सरकार तक
एंटीलिया केस की आंच पहुंची MVA सरकार तक

Politalks.News/MaharashtraPolitics. देश में मायानगरी मुंबई को हादसों का शहर कहा जाता है, यहां हर रोज कोई न कोई हादसा होता है. उनमें कुछ हादसे या घटनाएं ऐसी होती हैं जो इस सपनों के शहर मुंबई से निकलकर देशभर की सियासी सुर्खियों में आ जाती हैं. इन दिनों भी मुम्बई की सियासत में बिलकुल फिल्मी स्टाइल में वास्तविक घटनाक्रम तेजी से चल रहा है, जिसमें रोमांच, सस्पेंस, थ्रिलर, मर्डर, वसूली, भरपूर सियासी ड्रामा के साथ सरकार और पुलिस की संलिप्तता की दास्तान है. इस घटनाक्रम की पूरी दास्तान से पहले आपको इसका लेटेस्ट पार्ट बता देते हैं कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी से आया सियासी तूफान के बाद जहां एक ओर विपक्षी पार्टियों के भारी दबाव के बाद कयास लगाए जा रहे हैं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देना ही पड़ेगा जबकि दूसरी तरफ रविवार को दिल्ली में हुई एनसीपी की उच्चस्तरीय बैठक के बाद जयंत पाटिल ने दो टूक बयान देते हुए कहा कि देशमुख के इस्तीफे के तो सवाल ही पैदा नहीं होता. वहीं पाटिल ने परमबीर के बयानों को एक साजिश बताया है.

ऐसे में माना जा रहा है कि अनिल देशमुख की कुर्सी बचेगी या नहीं इस पर आज महाविकास अघाड़ी गठबंधन की होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में फैसला संभव है. माना जा रहा है कि अनिल देशमुख पर लगे आरोपों के बाद महाराष्ट्र सरकार में भी तनाव पैदा हो गया है. सीएम उद्धव ठाकरे जहां एक तरफ अनिल देशमुख को हटाने के पक्ष में हैं तो वहीं एनसीपी ऐसा नहीं चाहती. उधर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी यह कहा कि इस पूरे मामले में शरद पवार की भूमिका पर सवाल उठते हैं क्योंकि महाराष्ट्र सरकार बनाने में शरद पवार की भूमिका अहम है. बता दें, अब इस केस की परत दर परत खुलती जा रही है. अभी तक ऐसी घटनाएं आपने फिल्मों में ही सुनी और देखी होगी. इस पूरे घटनाक्रम को समझने के लिए हम आपको 24 दिन पहले लिए चलते हैं. जी हां वह तारीख थी पिछले महीने की 26 फरवरी.

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देश ही नहीं बल्कि दुनिया के रईसों में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर का नाम है ‘एंटीलिया’. यह बिल्डिंग भारत में सबसे महंगी इमारतों में शुमार है. यहां 26 फरवरी को एक संदिग्ध हालत में खड़ी स्कॉर्पियो मिलने से हड़कंप मच गया था. स्कॉर्पियो गाड़ी के अंदर विस्फोटक पदार्थ ‘जिलेटिन’ की 20 छड़ें बरामद हुई थीं. मामला मुकेश अंबानी के घर से जुड़ा हुआ था तो ऐसे में आनन-फानन में मुंबई पुलिस समेत एटीएस और क्राइम ब्रांच की टीम ने पहुंच कर पूरे मामले की जांच-पड़ताल की. कुछ देर बाद ही यह मामला देश के मीडिया में सुर्खियों में बनना शुरू हो गया. जब इसकी चिंगारी महाराष्ट्र के ‘गृहमंत्री और एनसीपी के नेता अनिल देशमुख तक पहुंची तो उन्होंने दूसरे दिन बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बयान दिया था कि मुकेश अंबानी के घर के कुछ दूरी पर स्कॉर्पियो गाड़ी मिली है, उसमें जिलेटिन की छड़ी पाई गई है. इसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है. गृहमंत्री देशमुख ने आगे कहा कि जो भी असलियत है, जल्द से जल्द सामने आएगी’.

गृहमंत्री अनिल देशमुख जब यह बयान दे रहे थे तब उन्हें पूरे मामले की जानकारी थी बल्कि उसमें वे लिप्त भी थे. लेकिन तब किसी ने सोचा नहीं होगा आगे चलकर गृहमंत्री अनिल देशमुख भी ‘कटघरे‘ में खड़े हो जाएंगे. महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे की सरकार ने इस मामले की जांच एटीएस और क्राइम ब्रांच को सौंप दी. उसके बाद एंटीलिया के खड़ी बाहर गाड़ी की जांच आगे बढ़ती गई. पहले तो इस घटना का आतंकी रूप देने की भी कोशिश की गई थी. कुछ दिनों बाद ही गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई और उसकी लाश मुंबई से कुछ किलोमीटर दूर ठाणे जिले में मिली थी. मनसुख हिरेन की पत्नी ने हत्या के पीछे मुंबई क्राइम ब्रांच के एएसआई असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सचिन वाझे की भूमिका होने का आरोप लगाया.

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यहां हम आपको बता दें कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली गाड़ी का मुख्य आरोपी सचिन वाझे ही है. मामला आगे बढ़ने पर उद्धव सरकार ने वाझे को सस्पेंड कर दिया. बाद में 13 मार्च को वाजे को गिरफ्तार कर लिया. सचिन वाझे से लगातार पूछताछ होती रही. अब उसे 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि यह आरोपी सचिन वाझे मुंबई पुलिस में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट‘ माना जाता है. यही नहीं महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार इस पर बहुत भरोसा करती रही है. वाजे अपने सीनियर अफसरों को कई मामलों की सीधे रिपोर्ट न करके गृहमत्री अनिल देशमुख को जानकारी मुहैया कराता था. सही मायने में यह वही पुलिस विभाग का एक ऐसा ‘मोहरा‘ था जो महाराष्ट्र सरकार के लिए भारी भरकम वसूली किया करता था. सचिन की सीधी पहुंच उद्धव सरकार तक थी. वाझे का रसूख इतना बढ़ गया कि जूनियर पद पर रहने के बावजूद भी महाराष्ट्र सरकार ने उसे ‘मुंबई क्राइम ब्रांच की सीआईयू का हेड’ बना दिया. यानी सभी बड़े मामलों की जांच उसी के पास से होकर जाती थी. सचिन 20 वर्षों से शिवसेना से जुड़ा था. अब बात करेंगे मुंबई के हटाए गए पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की.

पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर की लिखी चिट्ठी ने उद्धव ठाकरे सरकार की पोल खोल दी!

एंटीलिया केस और आरोपी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद उद्धव ठाकरे सरकार पर भी आरोप लगने लगे. उसके बाद आनन-फानन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला होमगार्ड विभाग में कर दिया. उनकी जगह हेमंत नगराले मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाया गया. इसके बाद परमबीर ने बड़ा बम फोड़ते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए. परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि, ‘उन्होंने सचिन वाझे से 100 करोड़ रुपये हर महीने कलेक्ट करने को कहा था.’ वहीं इस मसले पर अनिल देशमुख ने ट्वीट कर कहा कि परमबीर सिंह ने खुद को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए ऐसे आरोप लगाए हैं. जिसके बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख की कुर्सी खतरे में आ गई.

अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में जबरदस्त हलचल है. इस केस में सचिन वाझे और मुंबई पुलिस के अधिकारियों के इर्द गिर्द घूम रही जांच की सुई अब महाराष्ट्र सरकार तक पहुंच सकती है. अनिल देशमुख के इस मामले में नाम सामने आने के बाद से उद्धव सरकार मुश्किलों में घिर गई है. भारतीय जनता पार्टी और मनसे ने उद्धव सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली गाड़ी को लेकर लगातार उद्धव ठाकरे सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. वहीं महाराष्ट्र के एक और भाजपा के कद्दावर नेता राम कदम भी एंटीलिया केस में सीधे तौर पर गृहमंत्री अनिल देशमुख पर हमला किया है.

देवेंद्र फडणवीस ने गृहमंत्री अनिल देशमुख को हटाने और उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की मांग की है. दूसरी ओर परमबीर सिंह के आरोप के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की है. राज ठाकरे ने ट्वीट कर लिखा कि पूर्व पुलिस कमिश्नर की चिट्ठी से मुंबई की छवि धूमिल हुई है, राज ठाकरे ने कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख को तत्काल अपना इस्तीफा सौंपना चाहिए. यही नहीं राज ठाकरे ने आगे कहा कि अंबानी से पैसे वसूलने के लिए यह सारी थ्योरी बनाई गई, जो ठीक नहीं है. पहले आतंकी बम रखते थे, अब पुलिस से रखवाया जा रहा है. बता दें कि एंटीलिया केस में मुंबई पुलिस के साथ-साथ राज्य सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पहले एंटीलिया केस की जांच मुंबई पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई. इसके बाद एनआईए ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया. इसके बाद मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई. इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि शिवसेना के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत जो कि हर मामले में बढ़-चढ़कर बयान देते हैं लेकिन वह भी एंटीलिया केस में बहुत ही नपा-तुला बोलते दिखाई दे रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उद्धव-पवार पर उठाए सवाल

सही मायने में अब भाजपा को शिवसेना और उद्धव ठाकरे सरकार को घेरने का सॉलिड मौका मिल गया है. भाजपा हाईकमान ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से ‘एंटीलिया केस‘ में प्रेस कांफ्रेंस कराई, जिसमें रविशंकर प्रसाद ने उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली गाड़ी पर गंभीर आरोप लगाए. रविशंकर ने पूछा कि सचिन वाझे को किसके दबाव में लाया गया ? शिवसेना के, सीएम के या फिर शरद पवार के? उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, यह ऑपरेशन लूट है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एंटीलिया केस में शरद पवार की खामोशी भी सवाल उठाती है, साथ ही उद्धव ठाकरे की शांति और सदन के अंदर और बाहर सचिन वाझे का डिफेंड करना. सचिन की हैसियत एक एएसआई है. जिसे क्राइम सीआईडी का चार्ज दिया गया है.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने आगे कहा कि एक तरफ सीएम डिफेंड करता है तो दूसरी तरफ होम मिनिस्टर कहता है कि मुझे 100 करोड़ लाकर दो. इस मामले की गंभीर और ईमानदार जांच जरूरी है. इन आरोपों के बाद बीजेपी ने उद्धव सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. वहीं बीजेपी ने रविवार को देशमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर मुंबई और नागपुर समेत कई शहरों में प्रदर्शन किया. जहां एक तरफ इस पूरे घटनाक्रम पर महाराष्ट्र सरकार अपनी ही सहयोगी पार्टी कांग्रेस के सवालों से भी घिर रही है तो वहीं, एनसीपी चीफ शरद पवार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान परमबीर सिंह की चिट्ठी पर ही सवाल उठा दिए.

एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जो पत्र लिखा उसके कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पवार ने कहा कि परमबीर सिंह के पत्र के दो हिस्से हैं. हालांकि पत्र में 100 करोड़ रुपये की वसूली की बात कही गई है लेकिन ये पैसा किसके पास गया, इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. वहीं शरद पवार ने ये भी कहा कि परमबीर सिंह द्वारा दिए गए पत्र पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं. इसके अलावा पवार ने कहा कि परमबीर ने यह बातें पुलिस कमिश्नर रहते हुए क्यों नहीं कही. शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार पर कोई संकट नहीं है लेकिन अनिल देशमुख के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फैसला लेंगे. बीजेपी पूरे महाराष्ट्र में अनिल देशमुख के खिलाफ आंदोलन कर रही है.

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह सरकार शरद पवार ने बनाई है, इसलिए वह इसका बचाव कर रहे हैं. फडणवीस ने कहा कि वाजे को वापस सर्विस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के आदेश पर लाया गया था. पवार सच से भाग रहे हैं.अब जिस प्रकार से उद्धव ठाकरे सरकार पर दबाव पड़ रहा है उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि गृहमंत्री अनिल देशमुख कि जल्द ही विदाई हो सकती है.फिलहाल एंटीलिया केस, उद्धव ठाकरे सरकार, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के मामले में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अभी तक खामोश हैं.

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