बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी करते पकड़ा, बौखलाया पाक

उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते थे दोनों अधिकारी, ISI के लिए करते थे काम, देश छोड़ने के आदेश पर पा​क ने लगाया वियना संधि के उल्लंघन का आरोप

Modi Vs Imran पाकिस्तान
Modi Vs Imran पाकिस्तान

पॉलिटॉक्स न्यूज. भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के मंसूबों पर लगातार प्रहार होने के बाद भी पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. इस बार नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के दो पाकिस्तानी अफसरों को जासूसी के आरोप में पकड़ा है. भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया है जिसके तहत उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया गया है. दोनों पाक उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते हैं. इस आदेश के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में अब भारतीय दूतावास के अधिकारी को समन भेजा है. पाकिस्तान की ओर से भारत के इस एक्शन का विरोध किया जा रहा है. साथ ही भारत की ओर से वियना संधि का उल्लंघन का आरोप भी लगाया है.

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस कार्रवाई के बाद बयान दिया कि भारतीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने दोनों को पकड़ा था. इन दोनों अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी. बताया जा रहा है कि ये दोनों आर्मी पर्सनल को टारगेट करते थे और उनकी लिस्ट ISI को दी जाती थी. जिन दो अधिकारियों को पकड़ा गया है, वो दोनों दिल्ली के करोल बाग से रंगे हाथ पकड़े गए. अधिकारियों का नाम आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन है, जो कि उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते थे.

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पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले आबिद के पास से दिल्ली के गीता कॉलोनी के नासिर गौतम नाम का आधार कार्ड मिला है. आबिद और ताहिर आर्मी पर्सन को टारगेट करते थे और खुद को इंडियन बताते थे. इसको लेकर ISI बाकायदा लिस्ट देती थी कि किन-किन लोगों को टारगेट करना है. पकड़े गए जावेद का काम दिल्ली में आबिद और ताहिर को अलग-अलग इलाकों में ले जाना था. इनके लिए डाक्युमेंट्स भी जावेद ही बनवाता था.

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जावेद उच्चायोग में ड्राइवर था, लेकिन ISI के लिए जासूसी का काम कर रहा था. इनके पास से क्लासिफाइड सीक्रेट डॉक्युमेंट्स मिले हैं. स्पेशल सेल की टीम पता लगा रही है कि इनको ये डॉक्युमेंट्स कहां से मिले हैं. स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने कई आर्मी पर्सन को टारगेट करने की कोशिश की थी. अब उनका पता लगाया जाएगा.

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इन दोनों अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी. रविवार को दोनों वीजा असिस्टेंट करोल बाग इलाके में मीटिंग के लिए गए थे. सूत्रों के मुताबिक, यहां तीनों एक आर्मी के जवान को टारगेट करने के लिए गए थे, लेकिन उससे पहले इंटेलिजेंस टीम ने उन्हें पकड़ लिया. वहीं, सीनियर अफसरों के मुताबिक, MEA के जरिए दोनों को पाकिस्तान हाई कमीशन को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है. पूछताछ हो चुकी है. काफी सबूत मिले हैं.

भारत की ओर से इस मामले में पाकिस्तान के उप राजदूत को एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पाक के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार न करे. इस बड़ी कार्रवाई पर पाकिस्तान ने उल्टा ही भारत पर साजिश का आरोप लगाया है. पाकिस्तान ने कहा है कि ये पूर्व नियोजित योजना के तहत कार्रवाई हुई है, जो पाकिस्तान विरोधी प्रचार का एक हिस्सा है.

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में अब भारतीय दूतावास के अधिकारी को समन भेजा है. पाकिस्तान की ओर से भारत के इस एक्शन का विरोध किया जा रहा है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत के द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए निंदा की है, साथ ही भारत की ओर से वियना संधि का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है जो द्विपक्षीय रिश्तों में खलल डाल सकता है.

याद दिला दें, इससे पहले 2016 में पाक उच्चायोग में काम करने वाले एक अफसर को अवैध तरीके से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करने के आरोप में पकड़ा गया था. सरकार ने उक्त अफसर के खिलाफ भी पर्सोना-नॉन ग्रेटा जारी करते हुए वापस पाकिस्तान भेज दिया था.

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