जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी बनाने के सवाल पर बोले आजाद- राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं कह सकता

कुछ लोगों को कम काम करने की आदत होती है, लेकिन मुझे ज्यादा काम करने की आदत है, मैं कछुए की चाल नहीं चल सकता, मैं तेज गति से चलता हूं, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय हमें गलत होने पर सवाल उठाने की आजादी थी,  मगर आज कांग्रेस नेतृत्व इसे बुरा मानता है- गुलाम नबी आजाद

ghulam nabi azad 1606066490
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Politalks.News/JammuKashmir. अगले साल देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में भी विधानसभा चुनाव होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. इसी कड़ी में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) ने भी प्रदेश में दौरों और रैलियों का क्रम तेज कर दिया है, जिसके चलते कांग्रेस (Congress) में असंतुष्ट माने जाने वाले गुलाम नबी आजाद द्वारा प्रदेश में खुद की नई पार्टी बनाने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है. लेकिन रविवार को एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बागी तेवर अपनाने वाले पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बनाने की अटकलों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनका जम्मू-कश्मीर में एक नई पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है, हालांकि, साथ ही आजाद ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘राजनीति में कब-क्या हो जाए, कोई नहीं कह सकता.’

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि, ‘नहीं-नहीं ऐसा कुछ नहीं है, मेरी नई पार्टी बनाने की फिलहाल कोई मंशा नहीं है, मगर राजनीति में कब क्या हो जा कुछ कहा नहीं जा सकता.’ आजाद ने कहा कि, ‘पिछले दो सालों में नेतृत्व और कश्मीर के लोगों के बीच संपर्क टूट सा गया है. जब 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के साथ राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था और पूरे स्टेट के अंदर राजनीतिक गतिविधियां ठप हो गई थीं. इस दौरान हजारों लोग जेल भेजे गए और जेल के बाहर भी जो लोग थे, उन्हें भी राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी गई थी. इसलिए मैंने सबको जगाने का काम शुरू किया है. ‘

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वहीं जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ में किसी बैठक में शामिल नहीं होने के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कुछ लोगों को कम काम करने की आदत होती है, लेकिन मुझे ज्यादा काम करने की आदत है, मैं कछुए की चाल नहीं चल सकता. मैं तेज गति से चलता हूं. आजाद ने कहा कि मेरा एक दिन में 16 बैठकें करने का भी रिकॉर्ड है. गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि मेरे लिए सभी कांग्रेसी हैं, मगर जब मैं जम्मू और कश्मीर आता हूं तो मैं केवल कांग्रेस की या एक तबके की बात नहीं करता हूं.

वहीं एक बार फिर कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, ‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय हमें गलत होने पर सवाल उठाने की आजादी थी, वे लोग कभी आलोचना को गलत नहीं मानते थे. मगर आज कांग्रेस नेतृत्व इसे बुरा मानता है.’ प्रदेश में कई नेताओं द्वारा कांग्रेस छोड़ अन्य दलों में जाने वाले सवाल पर आजाद ने कहा कि, ‘जो लोग कांग्रेस छोड़कर गए हैं, वे सभी मेरे लीडरशिप में काम करना चाहते हैं, मगर मैं इस उम्र में कश्मीर कांग्रेस का चीफ नहीं बनना चाहता. मैंने सोचा था कि राजनीति छोड़ दूं, मगर अपने लोगों की वजह से हूं.’

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आपको बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर के अध्यक्षता से नाराज होकर करीब 20 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस से अपना इस्तीफा दे दिया. इन सभी नेताओं को गुलाम नबी आजाद का वफादार माना जाता है.

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