Mangal Pandey Latest News – मंगल पांडे बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री हैं. इस समय उनके पास ‘स्वास्थ्य और कानून’ मंत्रालय है. मंगल पांडे की गिनती बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं में होती है. वे 2013 से लेकर 2017 तक बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस चुनाव में उन्होंने सीवान विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की है और फिर नीतीश सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री बनाए गए हैं. इस लेख में हम आपको बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री मंगल पांडे की जीवनी (Mangal Pandey Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
मंगल पांडे की जीवनी (Mangal Pandey Biography in Hindi)
| पूरा नाम | मंगल पांडे |
| उम्र | 53 साल |
| जन्म तारीख | 09 अगस्त 1972 |
| जन्म स्थान | सीवान, बिहार |
| शिक्षा | बी.ए. |
| कॉलेज | पटना विश्वविद्यालय |
| वर्तमान पद | बिहार सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री |
| व्यवसाय | राजनीतिक |
| राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | अवधेश पांडे |
| माता का नाम | प्रेमलता पांडे |
| पत्नी का नाम | उर्मिला पांडे |
| बेटें का नाम | एक बेटा |
| बेटी का नाम | – |
| स्थाई पता | Vill- Ballia, Po Ballia, PS MaharajGanj, Siwan |
| वर्तमान पता | Patna |
| फोन नंबर | 9470034488 |
| ईमेल | Mpbjp72[at]gmail[dot]com |
मंगल पांडे का जन्म और परिवार (Mangal Pandey Birth & Family)
मंगल पांडे का जन्म 9 अगस्त 1972 को बिहार के सीवान जिले के महराजगंज के भिरगु बलिया में हुआ था. उनके पिता का नाम अवधेश पांडे और उनकी माता का नाम प्रेमलता पांडे था. उनकी शादी 19 अप्रैल 1998 को श्रीमती उर्मिला पांडे से हुई है. उनकी पत्नी एक गृहिणी हैं. उनका एक बेटा है. मंगल पांडे हिन्दू है जबकि वे जाति के ब्राह्मण हैं. मंगल पांडे पर 3 आपराधिक मामला है.
मंगल पांडे की शिक्षा (Mangal Pandey Education)
मंगल पांडे ने 1987 में महाराजगंज, सिवान से अपनी माध्यमिक शिक्षा और देवी दयाल हाई स्कूल से विज्ञान में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा पूरी की. बाद में, उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में बीए (स्नातक) ऑनर्स किया.
मंगल पांडे का राजनीतिक करियर (Mangal Pandey Political Career)
मंगल पांडे बिहार के शीर्ष भाजपा नेता माने जाते है. किसान परिवार से आने वाले पांडे की राजनैतिक यात्रा नब्बे के दशक से शुरू हुई है. आरम्भ में, वें संघ की छात्र शाखा ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP)’ में शामिल हो गए. बाद में, वें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़ गए और स्वयंसेवक बन गए. मुख्य राजनीति में उनका आना नब्बे के दशक के अंत में हुआ था. पांडे ने वर्ष 1989 में महाराजगंज से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ले ली. तीन वर्ष बाद 1992 में उन्हें सीवान इकाई के कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया. 1994 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा की राज्य कार्यसमिति में शामिल किया गया. थोड़े ही समय में, 1995 में उन्हें भाजयुमो के सारण क्षेत्र का प्रभारी बना दिया गया. पांडे इसी तरह पार्टी में आगे बढ़ते रहे और इसी क्रम में उन्हें वर्ष 1997 में भाजयुमो का राज्य सचिव बना दिया गया. फिर तीन वर्ष बाद 2000 में उन्हें भाजयुमो का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया.
मंगल पांडे भले ही राज्य में भाजपा के बैनर तले राजनीति की सीढ़ी पे सीढ़ी चढ़कर आगे बढ़ रहे थे पर राज्य में पार्टी की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी. उस समय बिहार में लालू प्रसाद यादव की सरकार थी और लोग लालू यादव के जंगलराज से त्राहिमाम थे. राज्य में हिंसा और भ्रष्ट्राचार चरम पर थे. इसी को लेकर पांडे भी लगातार आवाज उठा रहे थे. उन्होंने लालू यादव सरकार के खिलाफ ‘जवाब दो हिसाब दो’ अभियान शुरू किया. इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता तत्कालीन वाजपेयी सरकार द्वारा आवंटित धन का राज्य सरकार द्वारा किए गए खर्च का हिसाब मांगते थे. बताया जाता है कि यह आंदोलन अपना प्रभाव दिखा रहा था. इसी कारण लालू सरकार ने हजारों भाजयुमो कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया था. उन्ही में एक मंगल पांडे भी थे. उन्हें दो बार जेल भेजा गया, एक बार पहले छपरा और फिर मुजफ्फरपुर के जेल में उन्हें रखा गया. नेता जब जेल जाता है तो इससे उसका और भी नाम हो जाता है. यही हाल मंगल पांडे के साथ भी हुआ. अब पांडे की पहचान राज्य में और स्वयं पार्टी में बड़े नेता के रूप में होने लग गई. जब नाम हुआ तो पद भी तेजी से बढ़ने लगा और इसी क्रम में उन्हें वर्ष 2003 में पार्टी संगठन का क्षेत्रीय प्रभारी बनाया गया और फिर दो वर्ष बाद 2005 में उन्हें बिहार भाजपा का प्रदेश महामंत्री बना दिया गया. वे इस पद पर दो बार रहे.
जब पूरा देश 2014 के आम चुनावों की तैयारी कर रहा था, तब पांडे को 18 जनवरी 2013 को बिहार की पार्टी इकाई के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. वे इस पद पर 18 जनवरी 2013 से लेकर 30 नवंबर 2016 तक रहे. 2014 का आम चुनाव उनके अध्यक्ष रहते हुआ था और 16वें लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया. 2014 में एनडीए ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की पर विधानसभा चुनाव में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं देखा गया.
मंगल पांडे ने 2025 का विधानसभा चुनाव सीवान विधानसभा क्षेत्र से जीता पर इससे पहले वें 7 मई 2012 से लेकर 14 नवंबर 2025 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य थे. उसी अवधि में वें बिहार सरकार में 15 मार्च 2024 से लेकर 26 फ़रवरी 2025 तक कृषि मंत्री भी रहे है. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीवान विधानसभा क्षेत्र से उन्हें टिकट दिया था. इस चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला राजद के अवध बिहारी चौधरी से था, जिसमें मंगल पांडे की जीत हुई. इस चुनाव में मंगल पांडे को 92,379 मत पड़े जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी राजद उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को 83,009 मत पड़े. बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार एनडीए की भारी बहुमत से जीत हुई और फिर नीतीश कुमार को राज्य का सीएम बनाया गया. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. नीतीश सरकार सरकार में मंगल पांडे को भी मंत्रालय मिला और उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाया गया.
वर्तमान में, मंगल पांडे बिहार की नीतीश कुमार सरकार में ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री’ है.
मंगल पांडे की संपत्ति (Mangal Pandey Property)
2025 के विधानसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार मंगल पांडे की कुल संपत्ति 3.42 करोड़ रूपये हैं जबकि उनपर 42.61 लाख रूपये का कर्ज भी है.
इस लेख में हमने आपको बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री मंगल पांडे की जीवनी (Mangal Pandey Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























