सुधांशु शेखर की जीवनी | Sudhanshu Shekhar Biography in Hindi

sudhanshu shekhar biography in hindi
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Sudhanshu Shekhar Latest News – सुधांशु शेखर बिहार के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक है. उनके पिता बसंत कुमार भी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के टिकट पर बिहार के मधुबनी जिले के अंतर्गत आने वाली हरलाखी विधानसभा सीट से एक बार जीत हासिल कर चुके है. पिता की अचानक हुई मृत्यु के बाद सुधांशु ने पहली बार 2016 में हुए इस विधानसभा सीट के उपचुनाव में जीत हासिल की. बाद में, उन्हें अगले चुनाव में फिर से सफलता मिली पर इस बार पार्टी अलग थी. वे इस बार जेडी (यू) में शामिल हो गए थे. जेडीयू ने उन्हें इस बार भी यहां से अपना उम्मीदवार बनाया गया है. इस लेख में हम आपको सुधांशु शेखर की जीवनी (Sudhanshu Shekhar Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

सुधांशु शेखर की जीवनी (Sudhanshu Shekhar Biography in Hindi)

पूरा नाम सुधांशु शेखर
उम्र 37 साल
जन्म तारीख 15 जुलाई 1988
जन्म स्थान बिहार
शिक्षा स्नातक
कॉलेज सीएम कॉलेज दरभंगा
वर्तमान पद
व्यवसाय राजनीतिक
राजनीतिक दल जनता दल (यूनाइटेड)
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम बसंत कुशवाहा
माता का नाम
पत्नी का नाम
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता
वर्तमान पता
फोन नंबर 094700 88179
ईमेल sudhanshushekhar31harlakhi@gmail.com

सुधांशु शेखर का जन्म और परिवार (Sudhanshu Shekhar Birth & Family)

सुधांशु शेखर के पिता का नाम बसंत कुशवाहा है, जो हरलाखी के विधायक रह चुके है. सुधांशु शेखर ने वर्ष 2010 में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के अंतर्गत आने वाले सीएम कॉलेज दरभंगा से स्नातक (बीए) किया. सुधांशु शेखर पर 0 आपराधिक मामला है.

सुधांशु शेखर का राजनीतिक करियर (Sudhanshu Shekhar Political Career)

सुधांशु शेखर का राजनीतिक करियर एक दशक पुराना है. सुधांशु शेखर ने वर्ष 2016 में विधानसभा उपचुनाव लड़ा था, जो उसी वर्ष उनके पिता बसंत कुशवाहा की मृत्यु के बाद खाली होने से हुआ था. कुशवाहा 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद शब्बीर को 4000 मतों के अंतर से हराकर बिहार विधान सभा के लिए चुने गए थे. हालांकि विधायक पद की शपथ लेने से पहले ही दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी.

कुशवाहा की असामयिक मृत्यु से हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में सहानुभूति की लहर दौड़ गई और इसी लहर का लाभ उनके बेटे सुधांशु को मिला, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने 2016 के हरलाखी उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार शब्बीर को 18,000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. सुधांशु शेखर व उनके पिता, दोनों ने ही उपेंद्र कुशवाहा की ‘राष्ट्रीय लोक समता पार्टी’ से चुनाव लड़ा था.

पहली बार जीतकर विधायक बनने के साथ ही वे क्षेत्र के स्थापित नेता बन गए. बाद में, 2018 में एक अजीब राजनीतिक घटनाक्रम घटा. सुधांशु शेखर पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के विरुद्ध एक मोर्चे में शामिल हो गए. दरअसल इस समय तक उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग हो गए थे और यह बातें आरएलएसपी के कुछ नेताओ को पसंद नहीं थी. इन नेताओं ने उपेंद्र पर मनमानी करने और स्वयं की हित साधने का आरोप लगाते हुए स्वयं के गुट को असली आरएलएसपी (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) घोषित किया. इन विद्रोही नेताओ में सुधांशु शेखर भी थे. सुधांशु सहित कुछ अन्य आरएलएसपी विद्रोही नेताओं ने घोषित किया कि वे उपेंद्र कुशवाहा से अलग है और वे पहले की भांति  राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा बने रहेंगे यानि उन सभी ने घोषणा किया कि वे एनडीए से अलग नहीं है. फिर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, वर्ष 2019 में सुधांशु शेखर सहित आरएलएसपी के दो अन्य नेता आधिकारिक तौर पर जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए.

उसी के बाद 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने ‘हरलाखी विधानसभा क्षेत्र’ से टिकट दिया और वे जीत गए. उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राम नरेश पांडे को 17593 मतों के अंतर से हराया और सीट पर अपनी जीत बरकरार रखी. इस तरह से वे हरलाखी सीट से दूसरी बार विधायक बने.

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने उन्हें फिर से हरलाखी से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार हरलाखी विधानसभा सीट पर सुधांशु का मुख्य मुकाबला भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के राम नरेश पांडे से है.

हरलाखी विधानसभा सीट का क्या है राजनीतिक इतिहास

हरलाखी मधुबनी जिले का एक प्रखंड है. यह जिला मुख्यालय 35 किलोमीटर दूर है जबकि दरभंगा से 65 किलोमीटर है. धार्मिक रूप से यह क्षेत्र काफी महत्पूर्ण है. यह क्षेत्र देवी सीता की जन्मभूमि से आस पास का है. कमला और बागमती नदी के पास होने से यह क्षेत्र समतल और बहुत ही उपजाऊ है. इसी कारण यह क्षेत्र कृषि प्रधान है.

हरलाखी, ‘मधुबनी लोकसभा क्षेत्र’ में पड़ती है. मधुबनी लोकसभा सीट में छः विधानसभा सीट आती है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी, केवटी और जाले विधानसभा को मिलाकर बना हुआ है. पूर्व में इस क्षेत्र में पहले कांग्रेस और वामपंथियों का कब्ज़ा था. अब तक (2025 से पहले) के हुए इस विधानसभा सीट पर छः बार कांग्रेस और छः बार वामपंथी पार्टी (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) जीत चुकी है. कांग्रेस और वामपंथी पार्टी के अलावे यहां से राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) जीत हासिल कर चुकी है. पर यहां से भारतीय जनता पार्टी की अब तक जीत नहीं हुई है और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी यहां से भाजपा नहीं जीतने वाली है क्योकि इस बार भी भाजपा ने यहां से अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किये है. राज्य में भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू का चुनाव पूर्व गठबंधन है. जेडीयू के राजग का अंग होने के कारण यह सीट उसी के कोटे में है और इसी के तहत यहां से भाजपा के बदले जेडीयू प्रत्याशी खड़े है.

सुधांशु शेखर की संपत्ति (Sudhanshu Shekhar Property)

2020 के विधानसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार सुधांशु शेखर की कुल संपत्ति 77 लाख रूपये हैं जबकि उनपर कोई कर्ज नहीं है.

इस लेख में हमने आपको सुधांशु शेखर की जीवनी (Sudhanshu Shekhar Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

 

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