रश्मि वर्मा की जीवनी | Rashmi Varma Biography in Hindi

rashmi varma biography in hindi
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Rashmi Varma Latest News – रश्मि वर्मा बिहार विधानसभा की सदस्य है. वह नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक रही है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया है. इसके परिणामस्वरुप उन्होंने निर्दलीय के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया. इससे एनडीए के खेमे में हलचल मच गई. बिहार विधानसभा की यह सीट भाजपा को दिया गया है. इसलिए अब भाजपा के बड़े नेता रश्मि वर्मा को मनाने में जुट गए क्योकि नरकटियागंज विधानसभा सीट पर इस बार काटें की टक्कर होने की संभावना है और अगर ऐसे में रश्मि वर्मा भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़ती तो निश्चित ही भाजपा के लिए यह जीत लगभग असंभव हो जाती. भाजपा ने यहां से संजय पांडे को अपना उम्मीदवार बनाया जो पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है. अंत में, पार्टी के नेताओ के मनाने पर उन्होंने पर्चा वापस ले लिया. जानकारी के अनुसार पार्टी ने उन्हें कोई अन्य पद देने का आश्वासन दिया है. आइये, रश्मि वर्मा के जीवन परिचय पर एक नजर डाले. जाने, कौन है रश्मि वर्मा, जिसके नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से पर्चा वापस लेने के बाद यहां से भाजपा उम्मीदवार के लिए जीत आसान हो गयी है. इस लेख में हम आपको रश्मि वर्मा की जीवनी (Rashmi Varma Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

रश्मि वर्मा की जीवनी (Rashmi Varma Biography in Hindi)

पूरा नाम रश्मि वर्मा
उम्र 58 साल
जन्म तारीख 4 जनवरी 1967
जन्म स्थान नरकटियागंज, पश्चिम चंपारण, बिहार
शिक्षा बी.ए
कॉलेज मिरांडा हाउस, दिल्ली
वर्तमान पद पूर्व विधायक
व्यवसाय राजनीतिक
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विधवा
पिता का नाम
माता का नाम
पति का नाम स्वर्गीय आलोक प्रसाद वर्मा
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता
वर्तमान पता
फोन नंबर
ईमेल

रश्मि वर्मा का जन्म और परिवार (Rashmi Varma Birth & Family)

रश्मि वर्मा का जन्म 4 जनवरी 1967 को बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले के नरकटियागंज में हुआ था. उनका विवाह स्वर्गीय आलोक प्रसाद वर्मा से हुआ था. उन्होंने वर्ष 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध मिरांडा हाउस से दर्शनशास्त्र में स्नातक (बी.ए.) की. रश्मि वर्मा धर्म से हिन्दू है.

रश्मि वर्मा का राजनीतिक करियर (Rashmi Varma Political Career)

रश्मि वर्मा की राजनैतिक यात्रा 2014 में हुए बिहार के नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ने के साथ शुरू हुई. दरअसल नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक सतीश चंद्र दुबे के 2014 के आम चुनाव में वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. इसी कारण यहां उपचुनाव हुए थे और इसी उपचुनाव में पहली बार रश्मि वर्मा विधायक चुनी गई. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के फखरुद्दीन खान को 15,742 मतों के अंतर से हराया.

बिहार के नरकटियागंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र राज्य के पश्चिम चंपारण जिले में पड़ता है और यह विधानसभा सीट वाल्मीकि नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है. संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश, 2008 के बाद यह सीट राज्य में अस्तित्व में आयी. उससे पहले यह विधानसभा सीट नहीं थी. परिसीमन के बाद, यहां चार चुनाव हो चुके है, जिनमें 2010, 2014 (उपचुनाव), 2015 और 2020 के चुनाव शामिल है. यहां हुए 2014 के उपचुनाव में ही रश्मि वर्मा ने जीत हासिल की थी. यह सीट भाजपा के प्रभुत्व वाली मानी जाती है, हालांकि यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 प्रतिशत तक है.

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रश्मि को टिकट नहीं दिया, जिसके बाद वह पार्टी से बगावत करके यहां से निर्दलीय खड़ी हो गई. इस चुनाव में वह जीत तो नहीं सकी पर उन्होंने भाजपा का वोट जरूर काट दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि यहां से पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी विनय वर्मा आसानी से जीत गए. उस समय यहां से भाजपा से रेणु देवी ने चुनाव लड़ा था और वह त्रिशंकु लड़ाई में हार गई. इस तरह न रेनू देवी जीत सकी और न ही रश्मि वर्मा जीत पायी. दो की लड़ाई में तीसरे को फायदा हो गया.

 

इसी के बाद भाजपा ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह गलती नहीं दोहराई और रश्मि वर्मा को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया. रश्मि ने इस चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की. उन्हें 75,484   मत हासिल हुए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, कांग्रेस के तत्कालीन विधायक उम्मीदवार विनय वर्मा को 54,350 मत पड़े. इस तरह रश्मि ने कांग्रेस उम्मीदवार विनय वर्मा को 21,134 के भारी मतों के अंतर से पराजित करके दिखा दिया कि क्षेत्र में उनकी कितनी मजबूत पकड़ है.

अब जब 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें यहां से टिकट नहीं दिया तो वह फिर से निर्दलीय खड़ी हो रही थी. चूँकि पार्टी को विगत के कड़वे अनुभव हो चुके थे इसी कारण भाजपा ने रश्मि वर्मा को नाम वापस लेने के लिए मना लिया. बताया जाता है कि वह इस शर्त पर मानी कि पार्टी उन्हें आने वाले दिनों में कोई बड़ा पद देगी.

इस लेख में हमने आपको रश्मि वर्मा की जीवनी (Rashmi Varma Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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