अनंत कुमार सिंह की जीवनी | Anant Kumar Singh Biography in Hindi

anant kumar singh biography in hindi
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Anant Kumar Singh Latest News – बिहार चुनाव से पहले राज्य के बाहुबली कहे जाने वाले मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह एक बार फिर से चर्चा में है. दुलारचंद यादव हत्याकांड में अनंत सिंह को 1 नवंबर की रात्रि को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में, अगले दिन रविवार को उन्हें एमपी – एमएलए कोर्ट में सुनवाई के लिए लाया गया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें तत्काल 14 दिन के लिए जेल भेज दिया. बाहुबली अनंत सिंह मोकामा से पांच बार के विधायक है और इस बार उन्हें नितीश कुमार की पार्टी जेडी(यू) ने यहाँ से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस लेख में हम आपको अनंत कुमार सिंह की जीवनी (Anant Kumar Singh Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

अनंत कुमार सिंह की जीवनी (Anant Kumar Singh Biography in Hindi)

पूरा नाम अनंत कुमार सिंह
उम्र 58 साल
जन्म तारीख 5 जनवरी 1967
जन्म स्थान बिहार
शिक्षा
कॉलेज
वर्तमान पद
व्यवसाय राजनीतिक
राजनीतिक दल जनता दल (यूनाइटेड)
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम
माता का नाम
पत्नी का नाम नीलम देवी
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता
वर्तमान पता
फोन नंबर
ईमेल

अनंत कुमार सिंह का जन्म और परिवार (Anant Kumar Singh Birth & Family)

अनंत कुमार सिंह का जन्म 5 जनवरी 1967 को बिहार के बाढ़ के अंतर्गत आने वाले नदावन गाँव में हुआ था. उनके पिता का नाम चंद्रदीप सिंह था. उन्हें बड़े भाई का नाम दिलीप सिंह था जो मोकामा के विधायक रह चुके थे. अनंत सिंह का विवाह श्रीमती नीलम देवी से हुआ था.

अनंत कुमार सिंह का राजनीतिक करियर (Anant Kumar Singh Political Career)

अनंत सिंह की राजनैतिक यात्रा दो दशक आरम्भ हुई. अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह मोकामा से दो बार के विधायक रह चुके थे. बाद में वे गैंगस्टर से राजनेता बने सूरजभान सिंह से हार गए और फिर उनकी जीत कभी नहीं हो सकी. इसी के बाद क्षेत्र की राजनैतिक बिसात में बाहुबली अनंत सिंह का आगमन हुआ. पहली बार वे जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में खड़े हुए और जीत गए. फिर इसी के बाद वे यहां से लगातार पांच बार जीत चुके है. पांच बार में केवल एक बार वे निर्दलयी से खड़े हुए और फिर भी वे जीत गए जबकि तीन बार जनता दल (यूनाइटेड) और एक बार राजद ने उन्हें यहां से अपना उम्मीदवार बनाया था.

अनंत सिंह 2005, 2005, 2010, 2015 और 2020 में मोकामा से विधायक चुने गए थे. 2005 में बिहार विधानसभा के दो बार चुनाव हुए थे. अनंत सिंह 2005 से लेकर 2015 तक जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक के तौर पर चुने जाते रहे. पर 2 सितंबर 2015 को उन्होंने आरजेडी के साथ जेडीयू के नए गठबंधन को लेकर नीतीश कुमार के साथ हुए मतभेद के बाद जेडीयू छोड़ दी थे और आगामी चुनाव में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा पर फिर भी यहां से वे जीत गए.

उसी के बाद 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह को लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से टिकट मिल गया और वे जीत गए. यहां आश्चर्य की बात यह है जिस राजद के शामिल होने के कारण उन्होंने जेडीयू छोड़ा था, बाद में, वे उसी के टिकट पर विधायक बने. जिस समय वे राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे उस समय वे जेल में थे. ​​हालाँकि अवैध हथियार रखने के एक मामले में 2022 में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजद के टिकट पर मोकामा से उपचुनाव लड़ा और जीत गई. वर्तमान में, मोकामा से उनकी पत्नी राजद से विधायक है.

अब 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह एक बार फिर से नीतीश कुमार के साथ हो गए है. जेडी(यू) ने उन्हें इस बार उन्हें यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि उनके विरुद्ध राजद से वीणा देवी चुनाव लड़ रही है. यहां से मुख्य मुकाबला इन्ही दो प्रत्याशियों के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

क्यों कहा जाता है अनंत सिंह को बिहार का आपराधिक छवि वाला नेता?

अनंत सिंह बिहार के वैसे विधायकों में आते है जिनपर हत्या, अपहरण और जमीन हड़पने के कई मामले दर्ज हैं. इस क्षेत्र में जातियों का वर्स्चव को लेकर विवाद चलता रहा है. क्षेत्र में भूमिहार और राजपूत के बीच आन-बान-शान की लड़ाई चलती रही है. अब यही कारण रहा है कि यह क्षेत्र विकास के लिए कम पर आपराधिक छवि के नेताओ के लिए अधिक जाना जाता है. अगर रानैतिक दलों की बात करें तो वे इन्हे दूर करना तो दूर की बात है, वे बाहुबलियों को यहां से टिकट देते है. ऐसे में, इस क्षेत्र को आसानी से गुंडाराज से मुक्त करना थोड़ा कठिन लगता है.

मोकामा विधानसभा: बाहुबलियों का गढ़ और अनंत सिंह का राजनीतिक किला

मोकामा विधानसभा सीट को बाहुबलियों का गढ़ माना जाता है. यहां से आपराधिक छवि के लोग जीतते रहे है. अनंत सिंह से पहले उनके बड़े भाई दिलीप सिंह जनता दल से 1990 और 1995 में यहां से विधायक रह चुके है. बाद में, यहां से सूरजभान सिंह विधायक चुने गए. 2000 बिहार विधानसभा चुनाव में वे यहां से निर्दलयी खड़े हुए थे और जीत गए थे. उन्ही के बाद यहां से, यहां से अनंत सिंह विधायक चुने जाते रहे है. अनंत सिंह यहां से 2005 से लेकर 2020 तक पांच बार विधायक चुने गए है.

समय बदला लेकिन यहां के लिए राजनैतिक पार्टियों की सोच में कोई बदलाव नहीं हुआ. इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में भी यहां बाहुबलियों का बोलबाला है. जहाँ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने अनंत सिंह को टिकट दिया है तो लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है. वही प्रशांत किशोर की सुराज पार्टी ने यहां से पीयूष प्रियदर्शी को टिकट दिया है.

बिहार चुनाव से पहले बड़ा झटका: अनंत सिंह पहुंचे जेल, जानें पूरा मामला

दरअसल बिहार चुनाव से पहले मोकामा के रहने वाले दुलारचंद यादव की हत्या हो गई. वह प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के समर्थक थे. घटना के बाद उनके परिवार वालों ने अनंत सिंह को आरोपी बनाया. अब इसी कारण पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. हालांकि अभी किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है. मामला की जांच चल रही है. पर अनंत सिंह को इस मर्डर केस का आरोपी बनाये जानें पर पुलिस ने उन्हें प्रारंभिक कार्यवाही करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

इस लेख में हमने आपको अनंत कुमार सिंह की जीवनी (Anant Kumar Singh Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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