R. K. Singh Latest News – आर के सिंह पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री है. प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर उनकी छवि बेहद साफ सुथरी रही है. उनकी पहचान एक ईमानदार पर बेहद ही स्ट्रिक्ट ऑफिसर के तौर पर रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव से अपनी राजनैतिक यात्रा शुरू करने वाले सिंह भाजपा के दो बार के सांसद रह चुके है. पर हाल के वर्षो में उनका पार्टी से, विशेषकर बिहार के कुछ नेताओ से विवाद देखने को मिला. उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के विरुद्ध भी कई बयान दिए, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से 15 नवंबर, 2025 को उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया गया, इसी के जबाव में उन्होंने पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया. इस लेख में हम आपको आरके सिंह की जीवनी (R. K. Singh Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
आरके सिंह की जीवनी (R. K. Singh Biography in Hindi)
| पूरा नाम | राज कुमार सिंह |
| उम्र | 72 साल |
| जन्म तारीख | 20 दिसंबर 1952 |
| जन्म स्थान | बिहार के लखीसराय |
| शिक्षा | एलएलबी |
| कॉलेज | सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली |
| वर्तमान पद | आरा (बिहार) से सांसद |
| व्यवसाय | सिविल, सेवक वकील, राजनीतिज्ञ |
| राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | श्री हलधर प्रसाद सिंह |
| माता का नाम | श्रीमती चंद्रकला देवी |
| पत्नी का नाम | श्रीमती शीला सिंह |
| भाई का नाम | – |
| बेटें का नाम | एक बेटा |
| बेटी का नाम | एक बेटी |
| स्थाई पता | फ्लैट नंबर- 903, मणि ऑर्किड अपार्टमेंट, आरपीएस मोड़ के पास, बेली रोड, पटना, बिहार |
| वर्तमान पता | 3, सफदरजंग रोड, नई दिल्ली |
| फोन नंबर | 09661399999, |
| ईमेल | rksinghmpara[at]gmail[dot]com |
आरके सिंह का जन्म और परिवार (R. K. Singh Birth & Family)
राज कुमार सिंह का जन्म 20 दिसंबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था. उनकी शादी 27 फ़रवरी 1975 में श्रीमती शीला सिंह से हुई है. उनका एक बेटा और एक बेटी है. आर के सिंह हिन्दू है और जाति से राजपूत है.
आरके सिंह की शिक्षा (R. K. Singh Education)
राज कुमार सिंह ने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से अंग्रेजी साहित्य में बीए (ऑनर्स) किया. बाद में, उन्होंने मगध विश्वविद्यालय, पटना से एलएलबी और प्रबंधन में डिप्लोमा किया. फिर वे डेल्फ़्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नीदरलैंड से पढाई की.
आरके सिंह शुरुआती जीवन (R. K. Singh Early Life)
राजनीति में आने से पहले आर के सिंह एक प्रशानिक अधिकारी थे. आर के सिंह को बेहद सख्त अफसर के रूप में जाना जाता था. सिंह 1980 के दशक में पूर्वी चंपारण और पटना में जिला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे. बाद में, वे वर्ष 1997 में राज्य के गृह विभाग में शामिल हो गए. सिंह भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ़्तारी में तब सक्रिय थे जब उन्हें रथ यात्रा को लेकर लालू सरकार ने रोकने का आदेश दिया था.
30 अक्टूबर 1990 को सिंह, जो उस समय पटना में बिहार सरकार के रजिस्ट्रार, सहकारिता के पद पर तैनात थे, को समस्तीपुर में आडवाणी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया था जबकि आडवाणी की राम रथ यात्रा गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या के लिए रवाना हो रही थी. उस समय लालू सरकार द्वारा आर के सिंह को ही अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के रूप में समस्तीपुर में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था और उनके निर्देश पर ही आडवाणी की गिरफ्तारी हुई थी. बताया जाता है यह मिशन इतना गोपनीय था कि जिले के तत्कालीन डीएम और एसपी को भी गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं थी.
जब केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार बनी और सरकार में लालकृष्ण आडवाणी गृह मंत्री बनाये गए तब सिंह को 1999 से 2004 तक पाँच वर्षों के लिए गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में काम करने के लिए चुना था. बाद में, सिंह नीतीश कुमार सरकार के पहले कार्यकाल यानि, 2004 में सड़क निर्माण विभाग में प्रधान सचिव के रूप में बिहार में सड़कों की स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
बाद में, 2009 में तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने उनकी ईमानदार छवि को देखते हुए उन्हें रक्षा उत्पादन विभाग का प्रमुख नियुक्त किया. फिर सिंह 30 जून 2011 से लेकर 30 जून 2013 तक भारत के केंद्रीय गृह सचिव के पद पर आसीन रहे. सिंह जिस समय केंद्र में गृह सचिव थे, उन्ही के कार्यकाल में 26/11 मुंबई हमले के आतंकवादी अजमल कसाब और संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी. इसी के बाद वे रिटायर हो गए. सेवानिवृत्त होने के बाद वर्ष 2013 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में सिंह को सलाहकार बनने का ऑफर दिया गया था, पर उन्होंने इस पद को स्वीकार नहीं किया था.
आरके सिंह का राजनीतिक करियर (R. K. Singh Political Career)
आर के सिंह की राजनैतिक यात्रा 2014 के लोक सभा चुनाव से पहले आरंभ हुई. वे 13 दिसंबर 2013 को भाजपा में शामिल हो गए. पार्टी ने उन्हें बिहार के आरा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया. अपने पहले ही चुनाव में सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, राजद के श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को 1,35,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया. जीत के कुछ वर्षो के बाद सिंह को केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री भी बनाया गया. उन्हें 3 सितंबर 2017 को ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया, जिस पद पर वे दूसरी बार चुनाव जीतकर 11 जून 2024 तक बने रहे.
इसके बाद उन्हें 17वीं लोकसभा के चुनाव में भी पार्टी ने एक बार फिर से आरा से अपना उमीदवार बनाया. सिंह ने 2019 के चुनाव में अपनी जीत बरकरार रखी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के राजू यादव को 1,47,285 मतों से हराया. इस बार भी उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली. इस बार उन्हें विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अलावे कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री का भी भार दिया गया.
2024 के आम चुनाव में भाजपा ने उन्हें तीसरी बार आरा से अपना उम्मीदवार बनाया पर इस बार वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के उम्मीदवार सुदामा प्रसाद से 59,808 मतों के अंतर से हार गए. हालांकि अपनी हार का कारण उन्होंने क्षेत्रीय भाजपा व जेडीयू नेताओ को बताया जिन्होंने उनका साथ न देकर एक निर्दलीय उम्मीदवार का साथ दिया. बाद में उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर भी कई आरोप लगाए. इसी के बाद उन्हें भाजपा ने उन्हें 15 नवंबर, 2025 को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया, जिसके बाद उन्होंने भाजपा से तत्काल त्यागपत्र दे दिया. वर्तमान में, वे किसी पद पर नहीं है.
इस लेख में हमने आपको आरके सिंह की जीवनी (R. K. Singh Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























