ममता की मुराद होगी पूरी! उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने मांगी राय, राजस्थान-कर्नाटक में जारी है चुनाव प्रक्रिया

ममता दीदी के लिए राहत की खबर, निर्वाचन आयोग ने पार्टियों से उपचुनाव करवाने के लिए मांगी राय, कोरोना को देखते हुए आयोग सतर्क, TMC बोलीं- हम तो कब से बोल रहे हैं करवाओ चुनाव, राजस्थान और कर्नाटक में जारी है पंचायती राज चुनाव प्रक्रिया, 5 नवंबर तक ममता दीदी को बनना ही होगा विधायक, वरना देना होगा सीएम पद से इस्तीफा

ममता की मुराद होगी पूरी!
ममता की मुराद होगी पूरी!

Politalks.News/Rajasthan. ममता दीदी के लिए राहत की खबर है कि पश्चिम बंगाल में उपचुनावों की घोषणा जल्दी हो सकती है. पिछले कुछ समय से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि उपचुनाव होंगे या नहीं. उपचुनाव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि उनको 5 नवंबर से पहले किसी भी हाल में विधायक बनना है. नहीं तो उनको इस्तीफा देना होगा. तभी कहा जा रहा था कि शायद कोरोना के बहाने चुनाव आयोग उपचुनाव कराए ही नहीं. ऐसे ही हालात से बचने के लिए बीजेपी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से इस्तीफा लिया था. लेकिन अब खबर है कि सितंबर में किसी समय चुनाव कराए जा सकते हैं. कहा जा रहा है कि राज्य चुनाव आयोग 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन चुनावों की घोषणा कर सकता है.

दरअसल भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में कोविड दिशानिर्देशों का पालन करते हुए उपचुनाव के लिए प्रचार करने के संबंध में उनकी राय मांगी है. राजनीतिक दलों को 30 अगस्त तक अपने विचार चुनाव आयोग को भेजने होंगे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग राज्य में उपचुनाव की तैयारी कर रहा है. हालांकि चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा और उल्लेख किया कि महामारी की स्थिति के बीच चुनाव के लिए तैयार होना एक नियमित अभ्यास है. लेकिन चुनाव पैनल के अधिकारियों की राय है कि यदि उपचुनाव की प्रक्रिया नवंबर से पहले पूरा होना है, आयोग को सितंबर के अंत तक उपचुनाव कराने होंगे.

उपचुनाव कराने के लिए लगातार दबाव बनाने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम समय पर अपनी राय भेजेंगे. हम लंबे समय से उपचुनाव कराने के लिए कह रहे हैं. आपको बता दें कि ममता बनर्जी अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगी. ममता की पारंपरिक सीट भवानीपुर से टीएमसी के शोभनदेव चट्टोपाध्‍याय चुनाव जीता था. उन्‍होंने ममता बनर्जी के लिए यह सीट छोड़ दी है. ममता बनर्जी वर्ष 2011 से इस सीट पर दो बार विधायक बन चुकी हैं.

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असल में कोरोना महामारी के बीच चुनावों की शुरुआत हो गई है. राजस्थान के 6 जिलों में पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया जारी है. कर्नाटक में राज्य चुनाव आयोग ने तीन स्थानीय निकायों के चुनावों की घोषणा कर दी है. कर्नाटक के तीन जिलों- बेलगावी, हुबली-धारवाड़ और कलबुर्गी के स्थानीय निकाय चुनाव तीन सितंबर को होंगे. इसका मतलब है कि अगस्त में ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. कर्नाटक में इस समय संक्रमितों की संख्या कम जरूर हुई है पर पश्चिम बंगाल के मुकाबले अब भी वहां ज्यादा केसेज आ रहे हैं. अगर इतने केसेज के बीच भी राज्य में चुनाव कराए जाएंगे तो फिर किस आधार पर बंगाल के उपचुनाव टाले जाएंगे?

बहरहाल, पश्चिम बंगाल में सात सीटों पर उपचुनाव होना है. इनमें से दो सीटों- शमशेरगंज और जंगीपुर में चुनाव टल गया था और बाकी पांच सीटें- भवानीपुर, खरदा, गोसाबा, शांतिपुर और दिनहटा चुनाव के बाद खाली हुई हैं.

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पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पिछले विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं. टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए कद्दावर नेता शुवेंदु अधिकारी ने ममता दीदी को हराया था. ममता बनर्जी ने अपनी हार को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. गुरुवार को अदालत ने इस मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक टाल दी है. सीएम बनने के छह महीने के भीतर ममता को विधायक बनना जरूरी है, ऐसे में अब यह तय हो गया है कि ममता को पद पर बने रहने के लिए किसी और सीट से चुनाव जीतना होगा. ममता के पास 2 महीने 24 दिन बचे हुए हैं.

 

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