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लोकसभा में आज आपातकाल की बरसी पर पेश किया गया प्रस्ताव, इस प्रस्ताव को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- ये सदन 1975 में देश में आपातकाल लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में करता है निंदा, इसके साथ ही हम उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की करते हैं सराहना, जिन्होंने इमरजेंसी का किया पुरजोर विरोध, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का निभाया दायित्व, 1975 में आज के ही दिन तब की कैबिनेट ने इमरजेंसी का किया था पोस्ट-फैक्टो रेटिफिकेशन, इस तानाशाही और असंवैधानिक निर्णय पर लगाई थी मुहर, इसलिए अपनी संसदीय प्रणाली और अनगिनत बलिदानों के बाद मिली इस दूसरी आजादी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए, आज ये प्रस्ताव पास किया जाना है आवश्यक, हम ये भी मानते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के इस काले अध्याय के बारे में जानना चाहिए जरूर, इमरजेंसी ने भारत के कितने ही नागरिकों का जीवन कर दिया था तबाह, कितने ही लोगों की हो गई थी मृत्यु, इमरजेंसी के उस काले कालखंड में, कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ और देश से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में हम रखते हैं दो मिनट का मौन

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