पहले कोरोना अब डेंगू से गहलोत सरकार का मुकाबला! सीएम ने किया डेंगू मुक्त अभियान का आगाज

प्रदेश को लगभग कोरोना मुक्त करने के बाद अब डेंगू बना गहलोत सरकार के लिए नई चुनौती! सीएम गहलोत ने किया डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान का आगाज, चिकित्सा विभाग को दिए डेंगू के उपचार के इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश, साथ ही लोगों से की डेंगू से सचेत रहने की अपील, स्थानीय निकायों को दिए नियमित फॉगिंग के निर्देश

अब डेंगू के खिलाफ कसी कमर!
अब डेंगू के खिलाफ कसी कमर!

Politalks.News/Rajasthan. कोरोना महामारी का प्रकोप जहां प्रदेश में कम हुआ है तो अब डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसे लेकर बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आज प्रदेश में डेंगू सहित मौसमी बीमारियों और वैक्सीन अभियान को लेकर CMO में उच्चस्तरीय बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘डेंगू मुक्त राजस्थान के लिए अभियान का आगाज हो गया है. प्रदेश में जिस तरह से मॉडल सीएचसी प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बनायी जा रही है आने वाले दिनों में गांव ढाणी में भी इसी तरह की व्यवस्थाएं देखने को मिलेंगी’. सीएम गहलोत ने आमजन से अपील की है कि, ‘तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें’. साथ ही सीएम ने चिकित्सा
विभाग को डेंगू के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूक करने के निर्देश दिए और स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने के निर्देश दिए.

डेंगू की रोकथाम, बचाव और उपचार करें सुनिश्चित- गहलोत
सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौसमी बीमारियों एवं कोविड टीकाकरण अभियान की समीक्षा की. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया, उसी तरह से डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव एवं उपचार सुनिश्चित किया जाए. जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और स्थानीय निकाय पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता एवं जागरूकता बढ़ाकर मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण करें और इस काम में किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हो’.

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‘चिकित्सा विभाग के सामने चुनौती, मौसमी बीमारी ना ले महामारी का रूप’
सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के चिकित्सा प्रबंधन के सामने एक बड़ी चुनौती पैदा की है और तीसरी लहर की आशंका अभी भी बनी हुई है. ऐसे में कोई मौसमी बीमारी महामारी का रूप ना ले, उसके लिए जन सहयोग के साथ पूरी तैयारी की जाए. जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार एवं बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हों’. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मॉडल सीएचसी के कार्य को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. आगे हमारा प्रयास रहेगा कि आमजन को गांव-ढाणी में बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मॉडल पीएचसी बनाई जाए. साथ ही, प्रसव सुविधाओं को भी और आधुनिक तरीके से मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि शिशु एवं मातृ मृत्युदर को नगण्य स्तर पर लाया जा सके’.

‘डेंगू को गंभीरता से लें, लोगों को करें जागरूक’
सीएम गहलोत ने प्रदेश की जनता से अपील भी की है कि, ‘आमजन डेंगू को गंभीरता से लें और तुरंत प्रभाव से चिकित्सकीय परामर्श लें’. सीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि,’चिकित्सा विभाग डेंगू के दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को जागरूक करे. प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान के दौरान भी आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को
डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करें. स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने व जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए’.

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मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन- रघु शर्मा
वीसी के दौरान चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि, ‘प्रदेश में 3 नवम्बर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जाएगा. मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए रैपिड रेस्पांस टीम का गठन किया गया है. साथ ही सभी जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. मौसमी बीमारियों को लेकर जिला स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है’. चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े.

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