मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां दोनों होंगी लेकिन दबाव की राजनीति से नाराज आलाकमान: प्रदेश में एक साल बाद एक बार फिर आया सियासी तूफान, पायलट गुट के विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफा देने और वेद प्रकाश सोलंकी की बयानबाज़ी से गर्माई सियासत, लेकिन आलाकमान को पसंद नहीं आ रही ये प्रेशर पॉलिटिक्स, हेमाराम की मजबूरी के हो सकते हैं वाजिब कारण, लेकिन सोलंकी के बयान को साफ समझा जा रहा प्रेशर पॉलिटिक्स, कोरोना महामारी के बीच इस तरह से प्रेशर बनाने से नाराज है कांग्रेस आलाकमान, प्रदेश में कैबिनेट विस्तार और नियुक्तियों के नहीं होने से नाराज है पायलट खेमा, वहीं यह भी है सही कि विधानसभा उपचुनाव के बाद होना था सब यही, लेकिन इसी बीच आई कोरोना महामारी अटका गई सारे काम, सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल को बुलाकर जाहिर की है अपनी नाराजगी, जिसके बाद वेणुगोपाल ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मांगी पूरे मामले की रिपोर्ट, ऐसे में अब माकन लेंगे पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट, वहीं दूसरी तरफ पायलट खेमे का भी हो चुका है लम्बा इंतजार, पिछले साल सियासी संकट के समय पायलट खेमे की मांगों के निस्तारण के लिए बनाई गई थी कमेटी, आलाकमान ने तीन सदस्यों की बनाई थी कमेटी, लेकिन अहमद पटेल के निधन और अन्य कई कारणों से कमेटी का काम नहीं बढ़ पाया आगे, जिसके कारण बढ़ता गया पायलट खेमे का असंतोष भी, उपचुनाव के बाद खुद सचिन पायलट ने खुल कर कही थी अपनी बात कि- ‘अब कोई कारण नहीं बचा है कि कमेटी नहीं करे मांगों का निस्तारण,’ लेकिन इसी बीच कोरोना ने फिर बढ़ा दिया इंतजार, इन सबके ऊपर यह भी है सर्वसत्य कि मंत्रिमंडल विस्तार और नियुक्तियों के बाद कम होने के बजाए हर हाल में बढ़ेगा टकराव, क्योंकि एक साथ सभी को साधना है ऊंट को सुईं के छेद में से निकालने के समान

दबाव की राजनीति से नाराज आलाकमान
दबाव की राजनीति से नाराज आलाकमान
Google search engine