आरती डोगरा की जीवनी | Arti Dogra Biography in Hindi

arti dogra biography in hindi
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IAS Arti Dogra Latest News – कुछ लोगों का मानना है कि आगे बढ़ने के लिए पर्सनालिटी का अच्छा होना बहुत जरूरी है. लेकिन आईएएस आरती डोगरा वैसी सोच रखने वालों के लिए एक जबाव है. लोगो के आगे बढ़ने के लिए गुड लुकिंग या पर्सनालिटी का अच्छा होना कोई मायने नहीं रखता, बल्कि दृढ विश्वास और कुछ अच्छा करने की नियत मायने रखता है. आरती डोगरा भारत की सबसे कम लंबाई वाली आईएएस अधिकारी है. 2006 बैच की राजस्थान कैडर की आरती राज्य में कई जिलों की डीएम रह चुकी है. राष्ट्रपति से सम्मानित आरती राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संयुक्त सचिव भी रह चुकी है. आरती डोगरा वैसे लोगो के लिए एक जीता-जागता प्रेरणा है जो किसी विकलांगता के कारण स्वयं के जीवन को व्यर्थ मानकर हतास हो जाते है. इस लेख में हम आपको आईएएस अधिकारी आरती डोगरा की जीवनी (IAS Arti Dogra Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

आईएएस आरती डोगरा की जीवनी (IAS Arti Dogra Biography in Hindi)

पूरा नाम आईएएस आरती डोगरा
उम्र 46 साल
जन्म तारीख 18 जुलाई, 1979
जन्म स्थान देहरादून
शिक्षा एम.ए.
कॉलेज लेडी श्री राम कॉलेज
वर्तमान पद अध्यक्ष, डिस्कॉम, राजस्थान, जयपुर एवं प्रबंध निदेशक, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जयपुर
व्यवसाय आईएएस अधिकारी
बैच 2006
वैवाहिक स्थिति
पिता का नाम कर्नल राजेंद्र डोगरा
माता का नाम कुमकुम डोगरा
पति का नाम
बच्चे
स्थाई पता जयपुर
वर्तमान पता
फोन नंबर
ईमेल

आईएएस आरती डोगरा का जन्म और परिवार (IAS Arti Dogra Birth & Family)

आरती डोगरा का जन्म 18 जुलाई, 1979 को उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था. उनके पिता का नाम कर्नल राजेंद्र डोगरा और माता का नाम कुमकुम डोगरा था. उनकी माता स्कूल की प्रिंसिपल के पद पर थी जबकि पिता सेना में.

आईएएस आरती डोगरा की शिक्षा (IAS Arti Dogra Education)

आरती डोगरा ने देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की और अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की, जहाँ उन्होंने अपने कौशल और बौद्धिक क्षमताओं को निखारा. उन्होंने स्नातकोत्तर (एम.ए.) की पढ़ाई भी पूरी की.

आईएएस आरती डोगरा का शुरुआती जीवन (IAS Arti Dogra Early Life)

आरती के जीवन की शुरुआत एक बड़ी चुनौती से हुई. शारीरिक विकलांगता के कारण उनकी लंबाई केवल 3 फीट और 2 इंच थी, जिसके कारण उनका जीवन सामान्य लोगो से अलग था. कम ऊंचाई के कारण उन्हें लोगो के हंसी का पात्र भी बनना पड़ रहा था. उनके जन्म के बाद उनके माता-पिता को बताया गया कि उनकी बेटी को किसी विशेष स्कूल में जाना पड़ेगा क्योकि वह सामान्य बच्ची से अलग है लेकिन उनके माता पिता की सोच कुछ और ही थी. उनका मानना ​​था कि आरती कुछ भी कर सकती है, इसलिए उन्होंने उसे एक सामान्य स्कूल में भेजने का निर्णय लिया. उन्होंने आरती के साथ ऐसा कोई बर्ताव नहीं किया जिससे उसे लगे कि वह दूसरों से अलग है. इसी कड़ी में उनकी पढाई-लिखाई सामान्य स्कूल और कॉलेज में हुई. बताया जाता है कि उनके माता पिता के दृढ़ आत्मविश्वास के कारण ही आरती को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली.

आरती के आईएएस आरती डोगरा बनने के पीछे एक और घटना थी. दरअसल जब आरती दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में पढाई कर रही थी तब उनकी मुलाक़ात आईएएस मनीषा पंवार से हुई, जो देहरादून से भारत की सबसे छोटी आईएएस अधिकारी बनने वाली पहली महिला थीं. उनसे मिलने के बाद आरती के आत्मविश्वास की नींव और मजबूत हो गई. उन्हें लगा कि वह भी आईएएस अधिकारी बन सकती है. फिर इसी के बाद वो आईएएस की तैयारी में लग गई.

आरती डोगरा का आईएएस करियर (IAS Arti Dogra Career)

आरती डोगरा ने 2005 में संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण की और वह फिर उन्हें राजस्थान में पोस्टिंग मिली. परीक्षा में उनकी रैंक 56वां था. उनकी आरंभिक पोस्टिंग जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक के रूप में थी, जिसे आधिकारिक तौर पर जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के रूप में जाना जाता है. यह पद इसलिए भी विशेष रूप से उल्लेखनीय था क्योंकि वह जोधपुर में इस स्तर के वितरण संगठन में प्रशासनिक प्रमुख का पद संभालने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी थी. इस भूमिका में उनके नेतृत्व ने परिचालन दक्षता को बढ़ाने और क्षेत्र में विद्युत वितरण सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

बाद में, उन्होंने अजमेर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के रूप में भी कार्य किया, जहां वे उप-विभाग के समग्र प्रशासन, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने और जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं और नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिम्मेदार थीं. लेकिन उन्हें वास्तविक पहचान तब मिली जब उन्हें अजमेर जिले में डीएम के पद पर बहाल किया गया. इसी क्रम में उन्हें राजस्थान के बीकानेर जिले का डीएम नियुक्त किया गया, जिसके बाद उन्हें बूंदी जिले के डीएम के रूप में काम करने का अवसर मिला. इन जिलों में डीएम रहते उनके कार्य सराहनीय थे और वे अपने कार्यो से प्रशासन में अग्रणी भूमिका में रहीं, विभिन्न विकास परियोजनाओं की देखरेख की, सरकारी नीतियों के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया. इससे स्थानीय जनता भी उनके कार्यो से लाभान्वित हुई और वे उनके प्रशंसक बन गए.

आरती डोगरा के लिए 2018 का वर्ष महत्वपूर्ण था क्योकि इसी वर्ष उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. इस भूमिका ने उन्हें राज्य के शासन ढांचे में एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखा, जहां वे प्रमुख निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में शामिल थीं और राजस्थान में मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण और नीतियों को लागू करने में शामिल थीं.

इस लेख में हमने आपको आईएएस अधिकारी आरती डोगरा की जीवनी (IAS Arti Dogra Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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