सिद्धू क्या है? 14-15 साल BJP में रहा, ड्रामे करता रहा और आलाकमान देखते रहे- सिद्धू पर कैप्टनवार

जितने साल मैं हूं, वो अपने पंजाब के लिए देना चाहता हूं, मैं रिटायर होने को नहीं हूँ तैयार, कांग्रेस पार्टी में रहकर क्या करता, मुझे काम करना है, सिर्फ कुर्सी पर नहीं बैठे रहना, दिक्कत सिद्धू से नहीं थी, ये दिक्कत तो लीडरशिप की थी

मेरी नहीं थी सिद्धू की दिक्कत तो लीडरशिप की थी
मेरी नहीं थी सिद्धू की दिक्कत तो लीडरशिप की थी

Politalks.News/PunjabElection. विधानसभा चुनाव से पहले  पंजाब में सियासी घमासान अपने चरम पर है. कांग्रेस को जहां आम आदमी पार्टी, अकाली दल के साथ बीजेपी के विरुद्ध रणनीति बनानी पड़ रही है तो वहीं अपने पुराने सिपहसालार पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सियासी वारों की भी ढाल तैयार करनी पड़ रही है. कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके अमरिंदर सिंह लगातार किसी न किसी बहाने कांग्रेस से ज्यादा सिद्धू और आलाकमान के प्रति जहर उगलते नजर आ रही हैं. गुरवार को एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि, सिद्धू क्या है, 14-15 साल तो बीजेपी में रहा और जो ड्रामे करता रहा और आलाकमान देख रहे थे, फिर अचानक सिद्धू को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष किसलिए बना दिया गया ?

एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ‘जब आप एक पार्टी में हो और जब पार्टी नहीं चाहती कि आप रहो, तो फिर अपनी पार्टी तो बनानी पड़ेगी, क्योंकि जितने साल मैं हूं, वो अपने पंजाब के लिए देना चाहता हूं. मैं रिटायर होने को तैयार नहीं हूं.’ यहां आपको बता दें कि कांग्रेस से नाता तोड़ने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी बनाने का एलान किया था. साथ ही अमरिंदर ने अब सिद्धू, कांग्रेस और आलाकमान पर जमकर निशाना साधने में कोई कमी नहीं छोड़ी है.

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अमरिंदर ने आगे कहा कि ‘जब मैंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी उससे पहले सोनिया गांधी जी से कहा था कि मैं पार्टी को अभी छोड़ना चाहता हूं, चुनाव के बाद नहीं, क्योंकि मैं और सिद्धु एक साथ नहीं चल सकते हैं, लेकिन सोनिया गांधी ने मना कर दिया था. उन्होंने मुझे कहा कि नहीं आप रहो, लेकिन फिर वही हुआ. मेरी पीठ के पीछे से सीएलपी की मीटिंग बुला ली गई. वहां जो हो रहा था मुझे मालूम था. फिर सुबह 10 बजे सोनिया जी का फ़ोन आया कि अमरिंदर आपको इस्तीफा दे देना चाहिए, तो मैंने बोला कि मैं तो तैयार था. मैंने राज्यपाल को फोन किया कि समय दें, ताकि मैं अपना इस्तीफा दे सकूं.’

इंटरव्यू के दौरान अमरिंदर ने कांग्रेस आलाकमान पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘जब आप हर फेज में जीत रहे हो, तो फिर ये चेंज की जरुरत क्या थी?’ वहीं सिद्धू से अदावत के सवाल पर कैप्टन ने कहा कि, ‘दिक्कत सिद्धू से नहीं थी, ये दिक्कत तो लीडरशिप की थी. आलाकमान ने सिद्धू के नेतृत्व में क्यों कहा? सिद्धू क्या है? 14-15 साल तो बीजेपी में रहा और जो ड्रामे करता रहा वो तो देख ही रहे थे. फिर अचानक उन्हें कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष किसलिए बना दिया गया?’

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पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि ‘जब से मैं राजनीति में आया हूं, 2002 से 2007 तक हमारी सरकार थी. 2007 में हम क्यों हारें, क्योंकि हमने गलत सीटें दीं. वो चुनाव लड़ने का तरीका नहीं था. इस बार मैंने जो सीटें मांगी वो दीं और हम जीते. कभी-कभी जो फील्ड वाले होते हैं वे ऑफिस में बैठने वाले लोगों की तुलना में चीजों को ज्यादा अच्छे ढंग से समझते हैं. यही पार्लियामेंट्री सीटों में हुआ. 43 में ले 8 हमारी सीटें हैं.’

वहीं अपनी नई पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ को सिंबल मिलने के सवाल पर कैप्टन ने कहा कि नाम अप्रूव करने में तीन हफ्ते लगते हैं, जबकि सिंबल अप्रूव करने में 6 हफ्ते लगते हैं, ऐसे में मुझे इंतजार करना चाहिए. अलगे साल चुनाव में समय कम है, इसे लेकर कैप्टन ने कहा कि टाइम की बात नहीं होती. सवाल ये है कि लोगों की क्या अवधारणा है, परसेप्शन बनाना पड़ता है.

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