वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) के राजसमंद जिला क्रिकेट एसोसिएशन (Rajsamand District Cricket Association) के कोषाध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हें राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) अध्यक्ष बनाने के लिए दावपेच शुरू हो गए हैं. सीपी जोशी लंबे समय से आरसीए अध्यक्ष बने हुए हैं और अब वह पद छोड़ने वाले हैं. उनके हटने के बाद वैभव गहलोत को आरसीए अध्यक्ष (RCA President) बनाने की तैयारियां जोरों पर है. दावपेच शुरू हो गए हैं. आरसीए में दो गुट बने हुए हैं. एक गुट पूर्व आरसीए अध्यक्ष ललित मोदी का समर्थक है और दूसरा गुट सीपी जोशी के साथ है.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने RCA से 7 सितंबर को प्रतिबंध हटाया है. इससे पहले आरसीए प्रतिबंध लगने से कम से कम तीन साल तक राजस्थान में क्रिकेट संबंधी गतिविधियां ठप थी. RCA कोई टूर्नामेंट भी नहीं करवा सकता था. प्रतिबंध हटने के बाद अब स्थिति बदल जाएगी. जोशी ने कहा था कि आरसीए से प्रतिबंध हटने के बाद नए चुनाव कराए जाएंगे. अब आरसीए के चुनाव की घोषणा हो चुकी है. इसमें भी खींचतान नजर आ रही है.

एक तरफ जहां सीपी जोशी (CP Joshi) ने चार अक्टूबर को चुनाव कराने की बात कही है, वहीं BCCI की ओर से नियुक्त टीएस कृष्णमूर्ति (TS Krishnamurthy) ने 27 सितंबर को नए चुनाव कराने के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया है. बीसीसीआई ने आरसीए की नई कार्यकारिणी घोषित करने के लिए 28 सितंबर तक की समय सीमा तय की है. सीपी जोशी की घोषणा इस तय समय सीमा से मेल नहीं खाती है. उन्होंने कृष्णमूर्ति को पत्र लिख दिया है कि चुनाव चार अक्टूबर को कराए जाएंगे.

इस जद्दोजहद के बीच यह सवाल अपनी जगह कायम है कि वैभव गहलोत आरसीए अध्यक्ष बन पाएंगे या नहीं. कृष्णमूर्ति की ओर से चुनाव कार्यक्रम के तहत 24 अगस्त को जो मतदाता सूची जारी की गई है, उसमें वैभव गहलोत का नाम नहीं है. वैभव गहलोत नौ सितंबर को राजसमंद जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष चुने गए थे. यह पद प्रदीप पालीवाल के निधन के कारण खाली था. उनकी जगह वैभव गहलोत ने कोषाध्यक्ष पद संभाला है. उनका आरसीए अध्यक्ष बनना इस पर निर्भर है कि उनका नाम मतदाता सूची में शामिल होता है या नहीं.

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बहरहाल कृष्णमूर्ति ने जो चुनाव कार्यक्रम घोषित किया है, उसके मुताबिक वैभव गहलोत आरसीए अध्यक्ष नहीं बन सकते, क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है. दूसरी तरफ सीपी जोशी ने चार अक्टूबर को चुनाव कराने की घोषणा कर दी है. इस तरह अलग-अलग चुनाव की घोषणा से विवाद होना तय है. कृष्णमूर्ति के चुनाव कार्यक्रम के जवाब में आरसीए के संयुक्त सचिव महेन्द्र नाहर ने चार अक्टूबर को चुनाव की घोषणा करते हुए नया कार्यक्रम घोषित कर दिया है और उसकी सूचना बीसीसीआई को भेज दी है. नाहर की ओर से घोषित उम्मीदवारों की सूची में वैभव गहलोत का नाम है.

वैभव गहलोत के आरसीए अध्यक्ष बनने के लिए पहले यह तय होना जरूरी है कि चुनाव कब होंगे. इसके लिए राजसमंद जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती है. इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया में नाहर की ओर से घोषित सूची को मान्यता देनी होगी. बीसीसीआई के चुनाव अधिकारी कृष्णमूर्ति ने अभी तक नाहर की ओर से पेश संशोधित कार्यक्रम को मंजूरी नहीं दी है.

आरसीए के सचिव आरएस नांदू (RS nandu) ने कहा कि कृष्णमूर्ति ने जो चुनाव कार्यक्रम घोषित किया है, उसी के मुताबिक आरसीए के चुनाव होना चाहिए. जोशी गुट सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेश की अवहेलना कर रहा है और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है. आरएस नांदू को आरसीए अध्यक्ष जोशी पहले ही निलंबित कर चुके हैं. जोशी का कहना है कि आरसीए के संविधान को नौ सितंबर को मंजूरी मिली थी. इसके तहत 21 दिनों में चुनाव कराए जा सकते हैं. सर्वसम्मति से चुनाव हुए तो 28 सितंबर को नई कार्यकारिणी घोषित हो जाएगी. अगर चुनाव कराने की जरूरत पड़ी तो चार अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे.

कृष्णमूर्ति की ओर से 24 अगस्त को घोषित चुनाव कार्यक्रम जारी किया गया था. उस समय वैभव गहलोत राजसमंद क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष नहीं बने थे. गौरतलब है कि दस साल पहले आरसीए की अंतरिम समिति ने चुनाव कार्यक्रम घोषित किया था, तब भी सीपी जोशी राजसमंद जिला क्रिकेट एसोसिएशन (RDCA) के कोषाध्यक्ष नहीं थे. यह विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीपी जोशी के चयन को सही माना था. इसके बाद सीपी जोशी आरसीए अध्यक्ष बने थे.

फिलहाल आरसीए के चुनाव कब होंगे, इस पर फैसला लंबित ही है. आरसीए के रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने सीपी जोशी की ओर से प्रस्तुत चुनाव कार्यक्रम का अनुमोदन कर दिया है. इसके तहत कृष्णमूर्ति चुनाव अधिकारी और महावीर प्रसाद उनके सहायक हैं. कृष्णमूर्ति ने महावीर प्रसाद को सहायक नहीं माना है और पहले से नियुक्त केजे राव को ही सहायक चुनाव अधिकारी बरकरार रखा है. रजिस्ट्रार नीरज के पवन का कहना है कि फैसला बीसीसीआई के हाथ में है.

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