बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे तेजस्वी, खाना बांटा तो जदयू-भाजपा ने बताया राजनीतिक स्टंट

दरभंगा और मधुबनी के दौरे पर हैं नेता प्रतिपक्ष, जदयू ने लगाया सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने का आरोप तो सुशील मोदी ने भी किया तीखा हमला, पूछे तीन सवाल

बाढ़ग्रस्त जिलों के दौरे पर तेजस्वी यादव
बाढ़ग्रस्त जिलों के दौरे पर तेजस्वी यादव

PoliTalks.news/Bihar. बिहार में इन दिनों बाढ़ का कहर जोरों पर चल रहा है. दरभंगा और मधुबनी में हालात काफी खराब हैं. ऐसे में लोगों के हाल जानने के लिए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दरभंगा और मधुबनी के दौरे पर पहुंचे. यहां लोगों के बीच बैठे, उनके हालचाल सुने और जरुरतमंदों को खाना एवं अन्य चीजे बांटी. अब इस पर भी सियासत शुरु हो गई है. इस दौरे को राजनीतिक स्टंट बताते हुए सत्ताधारी पार्टी जदयू ने राजद नेता पर सोशल डिस्टेन्सिंग की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए क्योंकि वे भीड़ लगाकर कोरोना फैला रहे हैं.

जहां एक ओर भाजपा-जदयू इसे राजनीतिक स्टंट बता रही है. बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने तो यहां तक कह दिया कि तेजस्वी फोटो खिंचवाकर राजद के पाप धोने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं राजद का कहना है कि आपदा के समय भी मुख्यमंत्री और मंत्री सोये हुए हैं और तेजस्वी गरीबों की मदद कर रहे हैं.

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दरअसल, तेजस्वी इन दिनों दरभंगा और मधुबनी के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और भोजन बांटा. यहां तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्री अपने घरों में दुबक कर बैठे हैं. बिहार के लोग कोरोना और बाढ़ से त्रस्त हैं, भूख से भी मर रहे हैं, बिहार बाढ़ में डूब गया है, लेकिन नीतीश कुमार की आंखों के आंसू सूख चुके हैं, उनकी इंसानियत खत्म हो गई है और उनकी अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब रही है. वे यहां नहीं आएंगे, लेकिन 7 तारीख को अपनी कुर्सी बचाने के लिए वर्चुअल रैली अटेंड करेंगे.

तेजस्वी ने लगाया राहत के नाम पर घोटाला करने का आरोप

अपने एक ट्वीट में राजद ने बिहार सरकार राहत के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने कहा कि बिहार में लाखों लोग हर साल बाढ़ से विस्थापित होते हैं, अपनी जमापूंजी गंवाते हैं, जान-माल और मवेशियों से हाथ धो बैठते हैं. राजद सत्ता में आई तो बाढ़ के स्थायी हल का उपाय होगा. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है जबकि बाढ़ और कोरोना को देखते हुए सरकार को जो इंतजाम करना चाहिए था, उसमें भी सरकार पूरी तरह से फेल नजर आती है.

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तेजस्वी ने कहा कि बाढ़ विकराल रूप लेती जा रही है. उत्तर बिहार और सीमांचल की नदियों में जल स्तर तेजी से बढ़ा है. कई इलाकों में छोटे-मोटे पुल पुलिए टूटते जा रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार अदृश्य हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे. राजद नेता ने कहा कि सरकार पूरी तरह से चुनाव की तैयारी में व्यस्त हो गई है. लोगों की जान की इनको चिंता नहीं है. इन्हें तो अपनी कुर्सी की चिंता है. नीतीश कुमार को चुनाव की चिंता है जो यह बेहद दर्दनाक है.

इतनी बदहवासी और बेचैनी क्यों हैं तेजस्वी में: जदयू-भाजपा

इधर, तेजस्वी के दरभंगा और मधुबनी दौरे को लेकर सत्ता पक्ष हमलावर है. भाजपा-जदयू ने इसे एक राजनीतिक स्टंट बताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए क्योंकि वे भीड़ लगाकर कोरोना फैला रहे हैं. इस मामले पर डीजीपी से संज्ञान लेने की बात भी कही गई है. जदयू नेता अजय आलोक ने कहा कि तेजस्वी लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि लॉकडाउन में किसकी इजाजत से वे दरभंगा गए हैं. जेडीयू नेता ने ये भी पूछा कि अब लाशों के ढेर पर कौन राजनीति कर रहा है. इससे पहले तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार पर लाशों के ढेर पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.

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वहीं बीजेपी नेता निखिल आनंद ने तेजस्वी यादव की इतनी बदहवासी और बेचैनी की वजह पूछी है. बीजेपी नेता ने कहा कि नेता विपक्ष आखिर करना क्या चाहते हैं, उन्हें खुद पता नहीं है. तेजस्वी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, गोपालगंज-मधुबनी-दरभंगा जाकर भीड़ जुटा रहे हैं, उनसे मिलने वाले लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं, तब भी वे अपना कोरोना टेस्ट नहीं करा रहे. बीजेपी नेता निखिल आनंद ने ये कहा कि चुनाव के लिए भाजपा-जदयू नहीं बल्कि तेजस्वी यादव बेचैन हैं.

फोटो खिंचवाकर राजद के पाप धो रहे तेजस्वी: सुशील मोदी

वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद नेता पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी फोटो खिंचवाकर राजद के पाप धोने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि कुछ बाढ़ पीड़ितों को एक वक्त का भोजन कराते हुए फोटो खिंचवा कर राजद राज के पाप धोने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब राजद को इतनी ही चिंता है तो फिर राजद के 15 साल के शासनकाल में बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान क्यों नहीं हुआ? लालू-राबड़ी की पूर्ववर्ती राजद सरकार पर तीखा हमला करते हुए मोदी ने तेजस्वी को कैग की रिपोर्ट पढ़ने की नसीहत दी.

सुशील मोदी ने कहा कि जिनके माता-पिता के राज में बगैर बाढ़ आए 15 जिलों में 90 करोड़ खर्च कर बाढ़ राहत घोटाला हुआ हो, वे कुछ बाढ़ पीड़ितों को एक वक्त का भोजन कराते हुए फोटो खिंचवा कर राजद राज के पाप धोने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को कैग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए, जिसमें खुलासा किया गया है कि उस समय बिहार को केंद्र सरकार से मिली बाढ़ सहायता की 90 करोड़ की राशि का फर्जीवाड़ा कैसे हुआ था.

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मोदी ने कहा कि 1996-1999 के बीच लालू-राबड़ी सरकार ने चारा घोटाला की तरह राहत घोटाला किया था. जिन 15 जिलों में बाढ़ नहीं आयी थी, वहां भी राहत राशि का व्यय दिखाया गया. उस समय बाढ़ से 11 जिले प्रभावित थे, जबकि इस साल केवल 7 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर है.

मोदी ने पूछा कि लालू परिवार बताये कि बाढ़ राहत घोटाले की राशि से कितनी बेनामी सम्पत्ति बनायी गयी? उनके राज में बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान क्यों नहीं हुआ? तत्कालीन जल संसाधन मंत्री के हाथ किसने बांध रखे थे? उन्होंने आरोप लगाया कि संकटकालीन इस समय पर विपक्ष केवल भय का वातावरण बनाने में लगा है.

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