सैयद अब्दुल नजीर की जीवनी | S. Abdul Nazeer Biography in Hindi

s. abdul nazeer biography in hindi
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S.Abdul Nazeer Latest News – सैयद अब्दुल नजीर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल है. नजीर भारत के सर्वोच्च न्यायालय और कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं. रिटायर होने पर उन्हें 12 फ़रवरी 2023 को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया. इस लेख में हम आपको आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर राय की जीवनी (S. Abdul Nazeer Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

सैयद अब्दुल नजीर की जीवनी (S. Abdul Nazeer Biography in Hindi)

पूरा नाम सैयद अब्दुल नज़ीर
उम्र 67 साल
जन्म तारीख 05 जनवरी, 1958
जन्म स्थान बेलुवई, कर्नाटक
शिक्षा कानून की डिग्री
कॉलेज एसडीएम लॉ कॉलेज, मैंगलोर
वर्तमान पद आंध्र प्रदेश के राज्यपाल
व्यवसाय वकील, राजनीतिक
राजनीतिक दल
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम फ़कीर साहब
माता का नाम
पत्नी का नाम
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता
वर्तमान पता राजभवन, विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश
फोन नंबर
ईमेल

सैयद अब्दुल नजीर का जन्म और परिवार (S. Abdul Nazeer Birth & Family)

सैयद अब्दुल नजीर का जन्म 5 जनवरी, 1958 को बेलुवई, कर्नाटक में हुआ था. उनके पिता का नाम फ़कीर साहब था. नजीर पाँच भाई-बहन हैं. सैयद अब्दुल नजीर मुस्लिम है.

सैयद अब्दुल नजीर की शिक्षा (S. Abdul Nazeer Education)

सैयद अब्दुल नजीर ने बेलुवई और मूडबिद्री में पढाई की. उन्होंने मूडबिद्री के महावीर कॉलेज से बी.कॉम. किया और ​​बाद में एसडीएम लॉ कॉलेज, मैंगलोर, जिसे पहले ‘श्री धर्मस्थल मंजुनाथेश्वर लॉ कॉलेज’ के नाम से जाना जाता था, से बी.ए. और एलएलबी की.

सैयद अब्दुल नजीर का न्यायिक करियर (S. Abdul Nazeer Career in Judicial)

सैयद अब्दुल नजीर राजनीति से नहीं है और न ही वे राज्यपाल बनने से पहले किसी पार्टी के नेता थे. कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद नज़ीर ने 1983 में एक वकील के रूप में कर्नाटक उच्च न्यायालय, बेंगलुरु में प्रैक्टिस करना शुरू किया. इसी के बाद नजीर को मई 2003 में कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और बाद में उन्हें उसी उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त कर लिया गया.

फिर फरवरी 2017 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए में नज़ीर को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में प्रोमोशन मिल गया. ऐसा शायद ही होता है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को बिना मुख्य न्यायाधीश बने ही देश की सबसे बड़ी अदालत में प्रदोन्नति मिल जाएं पर नजीर के मामले में ऐसा भी हुआ. इसी कारण नजीर किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने बिना इस तरह से प्रोमोशन पाने वाले तीसरे न्यायाधीश कहलाएं.

2017 में जब केंद्र की मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओ की दशा सुधारने के लिए ट्रिपल तलाक को अवैध घोषित कर दिया तब जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो इस पीठ में नजीर एकमात्र मुस्लिम न्यायाधीश थे, जिन्होंने इस मामले की सुनवाई में भाग लिया. हालांकि नज़ीर और एक अन्य न्यायाधीश ने ट्रिपल तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा की वैधता को इस तथ्य के आधार पर बरकरार रखा कि यह मुस्लिम शरिया कानून के तहत सही है. हालांकि पीठ के बहुमत के दृष्टिकोण को 3-2 से खारिज कर दिया और केंद्र सरकार से मुस्लिम समुदाय में विवाह और तलाक को नियंत्रित करने के लिए छह महीने में कानून लाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार ट्रिपल तलाक के संबंध में कानून नहीं बनाती, तब तक मुस्लिम पतियों द्वारा अपनी बीबीयों को ट्रिपल तलाक देने पर रोक रहेगी.

नजीर राम मंदिर वाले मामले में भी सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ में शामिल थे. हालांकि यहां नजीर ने एएसआई की उस रिपोर्ट को बरकरार रखा, जिसमें राम मंदिर क्षेत्र में हिंदू मंदिर के अस्तित्व की बात कही गई थी. उन्होंने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया और इस तरह वर्षों से चले आ रहे विवाद का 5-0 के बहुमत से अंत हुआ. इसी के बाद देश में पांच सौ वर्षो से चली आ रही भगवान् राम के मंदिर बनाये जाने की प्रतीक्षा समाप्त हुई और अध्योध्या में आज हम सब प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर देख पा रहे है.

नजीर 4 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त हो गए. हालांकि अपनी सेवानिवृत्ति से पहले के महीनों में उन्होंने एक संविधान पीठ का नेतृत्व किया, जिसने मोदी सरकार द्वारा 2016 में किए गए भारतीय बैंकनोट विमुद्रीकरण से संबंधित मामलों की सुनवाई की गई थी. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को अचानक से नोटबंदी की घोषणा कर दी थी, जिससे देश में हर ओर हाहाकार मच गया था और इसी के आधार सरकार के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

सैयद अब्दुल नजीर का राज्यपाल के रूप में करियर

सैयद अब्दुल नजीर को 12 फरवरी 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया. इससे पहले राज्य में बिस्वभूषण हरिचंदन राज्यपाल थे. वर्तमान में, सैयद अब्दुल नजीर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल है.

वर्तमान में, लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अब्दुल नजीर अरुणाचल प्रदेश के 20वें राज्यपाल है.

इस लेख में हमने आपको आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नजीर की जीवनी (S. Abdul Nazeer Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

 

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