R.N. Ravi Latest News – रवींद्र नारायण रवि तमिलनाडु के राज्यपाल है. 1976 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे, रवि प्रधानमंत्री कार्यालय में ‘संयुक्त खुफिया समिति के अध्यक्ष’ रह चुके है. इसके अलावे रवि देश के ‘उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ भी रह चुके है. तमिलनाडु के राज्यपाल बनने से पहले रवि नागालैंड के राज्यपाल थे. उसी के बाद उन्हें तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया गया. चूँकि रवि पूर्वोत्तर के विशेषज्ञ माने जाते है. अब यही कारण रहा कि मोदी सरकार में उन्हें नागालैंड का राज्यपाल बना दिया गया, जहां से बाद में उन्हें ट्रांसफर करके तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया गया. इस लेख में हम आपको तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि राय की जीवनी (R. N. Ravi Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
रवींद्र नारायण रवि की जीवनी (R. N. Ravi Biography in Hindi)
| पूरा नाम | रवींद्र नारायण रवि |
| उम्र | 73 साल |
| जन्म तारीख | 15 अगस्त 1957 |
| जन्म स्थान | पटना |
| शिक्षा | एमए |
| कॉलेज | – |
| वर्तमान पद | तमिलनाडु के राज्यपाल |
| व्यवसाय | राजनीतिक, सोशल इंजीनियरिंग |
| राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | – |
| माता का नाम | – |
| पत्नी का नाम | – |
| बेटें का नाम | – |
| बेटी का नाम | – |
| स्थाई पता | – |
| वर्तमान पता | राजभवन, तमिलनाडु |
| फोन नंबर | – |
| ईमेल | – |
रवींद्र नारायण रवि का जन्म, शिक्षा और परिवार (R. N. Ravi Birth, Education & Family)
रवींद्र नारायण रवि का जन्म 3 अप्रैल 1952 को बिहार के पटना में हुआ था. रवींद्र नारायण रवि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना में पूरी की. इसके बाद उन्होंने वर्ष 1974 में भौतिकी में स्नातकोत्तर (एमए) किया.
रवींद्र नारायण रवि का ब्यूरोक्रेट के तौर पर करियर (R. N. Ravi Career as a bureaucrat)
रवींद्र नारायण रवि केरल कैडर के 1976 बैच के ‘भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)’ अधिकारी हैं. एमए करने के बाद रवि ने एक वर्ष तक का संक्षिप्त समय पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर तलाशने में बिताया पर 1976 में वे भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा में सफल हुए और उन्हें एसपी के तौर पर केरल कैडर मिला जहां उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक सेवा दी.
इन दस वर्षो में रवि ने केरल के विभिन्न ज़िलों सहित अलग अलग पदों पर काम किया और फिर उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में अलग अलग पदों पर काम करने का अवसर दिया गया. अब यही कारण है कि उनके पास देश भर के अधिकांश क्षेत्रों की वास्तविक जानकारी है. ये जानकारियां उन्हें दुसरो से नहीं बल्कि वहां रहकर स्वयं के अनुभवों से हुई है. बाद में, रवि ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में सेवा दी, जहां उन्होंने देश में खनन माफियाओं सहित संगठित आपराधिक गिरोहों के विरुद्ध कई भ्रष्टाचार-विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया. रवि को ड्राई-ऑनेस्ट (बिलकुल ईमानदार छवि वाला व्यक्ति) के तौर पर जाना जाता है. अब यही कारण रहा कि उनके काम करने की शैली को मोदी सरकार पसंद करने लगी और उन्हें बाद में राज्यपाल जैसे इतने बड़े पद उन्हें दिए गए.
एक इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी के तौर पर रवि ने जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर एवं माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवा दी और उग्रवाद, नक्सलवाद व हिंसा प्रभावित क्षेत्रो में विधि-व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में अपनी सर्वोच्च सेवा दी.
वर्ष 2012 में रवि रिटायर हो गए और फिर उन्होंने राष्ट्रीय समाचार पत्रों में नियमित रूप से स्तंभ लिखना शुरू कर दिया. चूँकि उनकी रूचि शुरू से लेखन और पत्रकारिता में रही थी इसलिए उन्होंने इस कार्य को रिटायमेंट के बाद शुरू कर दिया.
2014 में देश में आम चुनाव हुआ और मोदी सरकार भारी बहुमत से सत्ता में आयी. पीएम मोदी ईमानदार अधिकारी के फैन बताये जाते है. चूंकि रवि देश के कई राज्यों में बड़े पद पर रह चुके थे इसलिए मोदी सरकार उनके कार्यशैली से पहले से परिचित थे. अब यही कारण रहा कि केंद्र में पीएम मोदी के शासन में आते ही रिटायर हो चुके रवि को 2014 में प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त खुफिया समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जबकि खुफिया प्रमुख के तौर पर रवि ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एजेंसियों का समन्वय और मार्गदर्शन भी किया. यह कार्य देश में विधि व्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है.
फिर रवि को अगस्त 2014 में ‘नागा शांति वार्ता’ के लिए केंद्र का वार्ताकार नियुक्त किया गया. रवि ने इस मुद्दे को हल करने में बड़ी भूमिका निभाई. इसी के बाद हिंसा में शामिल सभी विद्रोहियों ने जल्द ही सशस्त्र बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. रवि की यह कार्यशैली की ऐतिहासिक उपलब्धि के तौर पर मानी जा सकती है क्योकि यह मुद्दा कोई एक दो-वर्ष पुराना नहीं था, बल्कि यह आजादी के बाद से लगातार चला आ रहा संकट था. इसी ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद रवि को अक्टूबर, 2018 में देश का उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिपुटी एनएसए) नियुक्त किया गया.
रवींद्र नारायण रवि का राजनीतिक करियर (R. N. Ravi Political Career)
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 20 जुलाई 2019 को रवींद्र नारायण रवि को नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया. इस पद को रवि ने 1 अगस्त 2019 को ग्रहण किया जबकि नागालैंड के राज्यपाल के पद पर रवि 17 सितंबर 2021 तक रहे.
फिर इसी के बाद एक राज्यपाल के तौर पर उनका ट्रांसफर कर दिया गया. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 9 सितंबर, 2021 को रवि को तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया, जिसे उन्होंने 18 सितंबर, 2021 को ग्रहण किया. इससे पहले तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित थे. रवि के राज्यपाल बनने पर राज्य के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने उन्हें बधाई दी और उनका स्वागत किया.
वर्तमान में, रवींद्र नारायण रवि तमिलनाडु के 26वें राज्यपाल है.
इस लेख में हमने आपको तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि की जीवनी (R. N. Ravi Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























