गुरमीत सिंह की जीवनी | Gurmeet Singh Biography in Hindi

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गुरमीत सिंह की जीवनी (Gurmeet Singh Biography in Hindi)

Gurmeet Singh Latest News – लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह उत्तराखंड के राज्यपाल है. सेना में चार दशक तक जिम्मेदारी भरी ड्यूटी करने के बाद गुरमीत सिंह जनवरी 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे. इसी के बाद उन्हें सम्मान देते हुए सितंबर 2021 को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना में रिटायरमेंट के समय ‘डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ’ थे, जो सेना का एक प्रमुख जिम्मेदारी भरा पद है. वे पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के साथ भी सीमा विवाद पर सैन्य अधिकारी स्तर के वार्ता में कई बार भाग लें चुके है. इस लेख में हम आपको उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह राय की जीवनी (Gurmeet Singh Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

गुरमीत सिंह का जन्म, शिक्षा और परिवार (Gurmeet Singh Birth, Education & Family)

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का जन्म 1 फ़रवरी 1956 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उनके पिता का नाम मोहन सिंह है, जो सेना में थे. गुरमीत सिंह पंजाबी है.

गुरमीत सिंह की शिक्षा (Gurmeet Singh Education)

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने रक्षा सेवा स्टाफ पाठ्यक्रम और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज से स्नातक किया. बाद में उन्होंने चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम.फिल की डिग्री प्राप्त की है और भारतीय सेना से अध्ययन अवकाश के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीनी अध्ययन संस्थान में भारत-चीन सीमा मुद्दे पर दो साल तक शोध फेलो रहे हैं.

गुरमीत सिंह का सेना में करियर (Gurmeet Singh Career In Army)

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सैन्य परिवार से आते है. उनके पिता श्री मोहन सिंह भारतीय सेना में सेवारत थे और बड़े भाई भारतीय वायु सेना में सेवारत थे. उन्होंने कई अवसरों पर देश का प्रतिनिधित्व किया. इसके लिए उन्होंने चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर समय समय पर कई बार चीन का दौरा किया व महत्वपूर्ण वार्ता में भाग लिया. इसी के तहत वे चीन के बीजिंग, शंघाई और अन्य शहर भी गए.

भारत का जब पड़ोसी देशो के साथ किसी भी तरह का विवाद होता है तो यह शुरुआत में सेना के अधिकारी स्तर पर भी हल कर लिया जाता है और बात बाहर नहीं आती है. ऐसे ही कई अवसरों पर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने सेना के एक जिम्मेदार अधिकारी के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व किया और देश के सम्मान को सदैव ऊँचा रखा.

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह न केवल चीन बल्कि पाकिस्तान के साथ वाले कई विवादों में भी देश का प्रतिनिधित्व किया. गुरमीत सिंह ने सियाचिन और अन्य मुद्दों पर वार्ता के लिए पाकिस्तान का दौरा किया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर एवं उत्तर-पूर्व में आतंकवाद-रोधी अभियानों में भी भाग लिया और उन्हें रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना के एक ऐसे अधिकारी है जिनकी पहचान रक्षा मामलों के एक विद्वान के तौर पर होती है. बताया जाता है कि अपनी ड्यूटी निभाते हुए उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, वाशिंगटन स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और ताइपेई, ताइवान स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में भी रक्षा मामलों का अध्ययन किया. ऐसा करने के पीछे देश सेवा का भाव था क्योकि सेना जितनी कुशल होगी हमारा देश उतना ही सुरक्षित होगा. इसी भावना को लिए गुरमीत सिंह ने दो वर्षों तक भारत-चीन सीमा मुद्दों पर शोध किया.

इसके अलावा, उन्होंने अपनी विभिन्न नियुक्तियों के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन प्रबंधन, प्रशिक्षण, जनशक्ति नीति एवं नियोजन, भर्ती, चयन, प्रेरणा, मनोबल, स्वास्थ्य, अनुशासन, कानूनी मुद्दे, कल्याण, पुनर्वास और पूर्व सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया. गुरमीत सिंह ने भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल के रूप में भी मानव संसाधन प्रबंधन पर कार्य किया. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह राष्ट्रीय सैनिक संस्था के मुख्य कार्यकारी संरक्षक भी रहे हैं. वे राष्ट्र प्रथम पर केंद्रित टीवी मीडिया कार्यक्रमों में ‘जय हिंद जनरल’ और ‘रक्षा विशेषज्ञ’ के रूप में भाग लेते रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक भारतीय सेना के ‘डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ’ के पद पर आसीन थे. सेना में अपने जीवन के चार दशक बिताने के बाद वे 31 जनवरी 2016 को रिटायर हो गए.

गुरमीत सिंह कई पुरस्कारों से सम्मानित

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का सेना में चालीस वर्षो का लंबा करियर रहा है. इन लंबे करियर में उन्हें कई अवार्ड्स मिल चुके है. गुरमीत सिंह को चार राष्ट्रपति पुरस्कारों और सेनाध्यक्ष द्वारा दो प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया है. उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक भी मिल चुके है.

गुरमीत सिंह का राज्यपाल के रूप में करियर

इसके बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया. उन्होंने राज्यपाल के तौर पर 15 सितंबर 2021 को पदभार ग्रहण किया.

वर्तमान में, लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह उत्तराखंड के 8वें राज्यपाल है.

इस लेख में हमने आपको उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह की जीवनी (Gurmeet Singh Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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