हरि बाबू कंभमपति की जीवनी | Hari Babu Kambhampati Biography in Hindi

hari babu kambhampati biography in hindi
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Hari Babu Kambhampati Latest News – डॉ. हरि बाबू कंभमपति ओडिशा के राज्यपाल है. प्रोफ़ेसर से नेता बने हरि बाबू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सत्तर के दशक से थी. पहले आपातकाल में सक्रिय रहे फिर उस समय की उभरती पार्टी जनता दल में शामिल हो गए और बाद में भाजपा के अस्तिव में आने पर इसमें नेता बन गए. हरि बाबू ओडिसा के राज्यपाल बनने से पहले मिजोरम के भी राज्यपाल रह चुके है.  इस लेख में हम आपको ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति राय की जीवनी (Hari Babu Kambhampati Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

हरि बाबू कंभमपति की जीवनी (Hari Babu Kambhampati Biography in Hindi)

पूरा नाम हरि बाबू कंभमपति
उम्र 72 साल
जन्म तारीख 15 जून 1953
जन्म स्थान प्रकाशम, आंध्र प्रदेश
शिक्षा पीएचडी
कॉलेज
वर्तमान पद ओडिशा के राज्यपाल
व्यवसाय राजनीतिक, सोशल इंजीनियरिंग
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम स्वर्गीय श्री कंभमपति वेंकटेश्वरलु
माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती सीतम्मा
पत्नी का नाम श्रीमती जयश्री
बेटें का नाम
बेटी का नाम चेतना, चंदना
स्थाई पता फ्लैट संख्या C-2, एस्पेन हाइट्स, दासपल्ला हिल्स, विशाखापत्तनम
वर्तमान पता राजभवन, ओडिशा
फोन नंबर 09440901300
ईमेल k[dot]haribabu[at]gmail[dot]com

हरि बाबू कंभमपति का जन्म और परिवार (Hari Babu Kambhampati Birth & Family)

डॉ. हरि बाबू कंभमपति का जन्म 15 जून 1953 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के तिम्मासमुद्रम गांव में हुआ था. हरि बाबू कंभमपति के पिता का नाम स्वर्गीय श्री कंभमपति वेंकटेश्वरलु और माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती सीतम्मा है. हरि बाबू कंभमपति की पत्नी का नाम श्रीमती जयश्री है. उन्हें दो पुत्रियां है. जिनमें श्रीमती चेतना का विवाह श्री चुक्कापल्ली चक्रवर्ती से और श्रीमती चंदना का विवाह श्री त्रिपुरानेनी वरुण से हुआ है. हरि बाबू कंभमपति हिन्दू है.

हरि बाबू कंभमपति की शिक्षा (Hari Babu Kambhampati Education)

डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने आंध्र विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में बी.टेक. करने के लिए विशाखापत्तनम चले गए, जहाँ उन्होंने एम.टेक. किया. एम.टेक. करने के बाद उन्होंने नियंत्रण प्रणाली में पीएचडी की.

हरि बाबू कंभमपति का प्रारंभिक जीवन Hari Babu Kambhampati Early Life)

डॉ. हरि बाबू आंध्र विश्वविद्यालय से पढाई करने के बाद अपने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के तौर पर की. उन्होंने एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी पकड़ ली लेकिन राजनीति में आने के लिए उन्होंने वर्ष 1993 में अपनी एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी को रिजाइन कर दी.

हरि बाबू कंभमपति का राजनीतिक करियर (Hari Babu Kambhampati Political Career)

डॉ. हरि बाबू कंभमपति की राजनीति में आना छात्र जीवन में ही हुआ था. वे उन दिनों ‘जनता पार्टी’ के सदस्य हुआ करते थे. हालांकि जनता पार्टी में आने से पहले ही उन्होंने आंध्र राज्य के निर्माण के समर्थन में ‘जय आंध्र आंदोलन’ में भाग लिया था. एक छात्र नेता के रूप में, उन्होंने तेनेटी विश्वनाथम, गौथु लचन्ना और वेंकैया नायडू जैसे अन्य नेताओं के साथ काम किया. हरि बाबू 1972 से लेकर 1973 तक आंध्र विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्र संघ के सचिव भी रह चुके है.

फिर जब देश में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया तब देश में हर ओर हाहाकार मच गया. संविधान को ताक पर रखकर निरंकुश इंदिरा ने देशवासियों पर अंग्रेजो जैसा ही क्रूरतम अन्याय करना शुरू कर दिया. ऐसे में देश में हर ओर अराजकता मच गई. युवाओ के हृदय क्रोध से जल उठे और उन्ही युवाओ में एक युवा हरि बाबू भी थे जिन्हे इस आंदोलन में कूदने के लिए मजबूर होना पड़ा.

हरि बाबू 1974 से 1975 के दौरान आपातकाल के विरोध में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में लोक संघर्ष समिति के आंदोलन में शामिल हो गए. पर क्रूर इंदिरा सरकार ने उन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत गिरफ्तार कर लिया और उन्हें विशाखापत्तनम सेंट्रल जेल व मुशीराबाद जेल में करीब छह महीने तक रखा गया.

जनता पार्टी में शामिल होकर हरि बाबू वर्ष 1977 में पार्टी की आंध्र प्रदेश राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बन गए और फिर वर्ष 1978 में वे आंध्र प्रदेश राज्य जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष बन गए. हरि बाबू 1990 के दशक के प्रारंभ में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और 1991 से लेकर 1993 तक वे आंध्र प्रदेश राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य रहे और फिर 1993 से लेकर 2003 तक वे पार्टी के राज्य इकाई के महासचिव रहे.

वर्ष 1999 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने पहली बार विशाखापत्तनम विधान सभा क्षेत्र जीता. बाद में, वे 2003 में आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता विधायक दल के नेता बन गए. मार्च 2014 में, उन्हें राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में चुना गया. उन्होंने 2014 के आम चुनाव में विशाखापत्तनम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की, उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार वाईएस विजयम्मा को 90,488 मतों के अंतर से हराया. इसी के बाद वे पहली बार 16वीं लोकसभा में जीतकर संसद सदस्य बने.

हरि बाबू कंभमपति का राज्यपाल के रूप में करियर

6 जुलाई 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविद ने डॉ. हरि बाबू कंभमपति को मिजोरम के 15वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया. हरि बाबू मिजोरम के राज्यपाल के पद पर 15 जनवरी 2025 तक रहे.

इसी के बाद डॉ. हरि बाबू कंभमपति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा के 28वें राज्यपाल नियुक्त किया. उन्होंने  जनवरी 2025 को यह पद भार ग्रहण किया. इससे पहले राज्य में रघुबर दास राज्यपाल हुआ करते थे.

वर्तमान में, हरि बाबू कंभमपति ओडिशा के 28वें राज्यपाल है.

इस लेख में हमने आपको ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति की जीवनी (Hari Babu Kambhampati Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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