रेवंत रेड्डी की जीवनी | Revanth Reddy Biography in Hindi

revanth reddy biography in hindi
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Revanth Reddy Latest News – रेवंत रेड्डी तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं. रेवंत रेड्डी को तेलंगाना में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए भी जाना जाता है. वें तीन बार के विधायक और एक बार के एमपी है. एबीवीपी के साथ जुड़कर कभी राजनीति में प्रवेश करने वाले रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ ही इस समय तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी है और वें राज्य के कोडंगल विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक है. इस लेख में हम आपको तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की जीवनी (Revanth Reddy Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

रेवंत रेड्डी की जीवनी (Revanth Reddy Biography in Hindi)

पूरा नाम अनुमुला रेवंत रेड्डी
उम्र 55 साल
जन्म तारीख 8 नवम्बर 1969
जन्म स्थान आंध्र प्रदेश के महबूबनगर
शिक्षा बीए
कॉलेज उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
वर्तमान पद तेलंगाना के मुख्यमंत्री
व्यवसाय राजनीतिक
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम
माता का नाम
पत्नी का नाम गीता
बेटें का नाम
बेटी का नाम एक बेटी
स्थाई पता
वर्तमान पता
फोन नंबर
ईमेल

रेवंत रेड्डी का जन्म और परिवार (Revanth Reddy Birth & Family)

अनुमुला रेवंत रेड्डी का जन्म 8 नवंबर 1969 को आंध्र प्रदेश के महबूबनगर के कोंडा रेड्डी पल्ली में हुआ था. वर्तमान में यह क्षेत्र अब राज्य के बटबारे के बाद तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में पड़ता है. रेड्डी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी गीता से वर्ष 1992 में विवाह किया था. उनकी एक बेटी है.

रेवंत रेड्डी की शिक्षा (Revanth Reddy Education)

रेवंत रेड्डी ने आंध्र विद्यालय कॉलेज, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से कला में स्नातक (बीए) किया था.

रेवंत रेड्डी का राजनीतिक करियर (Revanth Reddy Political Career)

दूसरे कई नेताओं की भांति रेवंत रेड्डी की राजनीतिक यात्रा भी छात्र राजनीति से शुरू हुई थी. बताया जाता है कि रेड्डी नें कॉलेज के दिनों में ही आरएसएस की छात्र इकाई जिसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नाम से जाना जाता है, के सदस्य बन गए. बाद में रेड्डी नें वर्ष 2006 में स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ा और इसी के साथ वें मुख्यधारे की राजनीति में प्रवेश कर गए. चुनाव में उनकी विजय हुई और इसी जीत के साथ वें मिजिल मंडल से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जेडपीटीसी के सदस्य बने.

इसके बाद तो रेड्डी राजनीति में लगातार आगे बढ़ते रहें. वर्ष 2007 में रेवंत रेड्डी एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्य चुने गए. बाद में, उनकी मुलाकात तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू से हुई और फिर इसी के बाद वे टीडीपी में शामिल हो गए. ये वो समय था जब आंध्र प्रदेश का विभाजन नहीं हुआ था और आज का तेलंगाना आंध्र प्रदेश का ही अंग था.

रेवंत रेड्डी की राजनीतिक यात्रा आगे बढ़ते हुए विधायक के पद तक भी पहुंच गई. वर्ष 2009 में रेड्डी टीडीपी के टिकट पर आंध्र प्रदेश के ‘कोडंगल विधानसभा सीट’ से चुने गए. उनकी जीत इतनी शानदार थी कि चुनाव में अकेले उन्हें 46 प्रतिशत से भी अधिक वोट पड़े.

रेवंत रेड्डी नें विधायक के तौर पर लगातार दो बार 2009 और 2014 में जीत दर्ज की है. वें 2009 और 2014 के बीच आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहें जबकि राज्य के विभाजन के बाद वें 2014 से 2018 के बीच तेलंगाना विधानसभा में विधायक रहें.

इसके बाद टीडीपी से उनकी दूरियां बढ़ने लगी. चर्चा में आया कि वें कांग्रेस में शामिल होने वाले है, परिणाम यह हुआ कि 25 अक्टूबर 2017 को टीडीपी ने उन्हें तेलंगाना टीडीपी के फ्लोर लीडर के पद से हटा दिया. उसी के बाद तय हों गया कि रेवंत रेड्डी का कांग्रेस में जाना तय है और सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए रेड्डी 31 अक्टूबर 2017 को औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

कांग्रेस में शामिल होकर रेड्डी ने 2018 का तेलंगाना विधानसभा चुनाव ‘कोडंगल विधानसभा सीट’ से लड़ा. पर कांग्रेस में शामिल होने से उनकी जीत का सिलसिला थम गया और रेड्डी बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) के उम्मीदवार  नरेंद्र रेड्डी से हार गए. रेड्डी की राजनीतिक करियर में यह पहली हार थी वरना वें अब तक हर चुनाव में जीतते आ रहें थे.

चुनाव में भले ही उनकी पराजय हुई थी पर कांग्रेस में उन्हें बड़े पद मिलने में कोई बाधा नहीं आयी. 20 सितंबर 2018 को रेड्डी को उत्तम कुमार रेड्डी के स्थान पर तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक बना दिया गया. इसी के बाद जब देश में 2019 का लोकसभा चुनाव हुए तब वें पहली बार राज्य की राजनीति से ऊपर जाकर केंद्रीय राजनीति में कदम रखा.

रेड्डी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य के ‘मलकाजगिरी लोकसभा क्षेत्र’ से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीआरएस के मर्री राजशेखर रेड्डी को 10,919 मतों के अंतर से हराया.

इसी के बाद रेड्डी को जून 2021 में उत्तम कुमार रेड्डी की जगह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

तेलंगाना में जब 2023 के विधानसभा चुनाव हुए तो रेड्डी नें राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत की. रेड्डी ने 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के खिलाफ कांग्रेस को एक मजबूत पार्टी के रूप में खड़ा किया परिणाम यह हुआ कि राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं, जो बहुमत से 4 सीटें ज़्यादा थीं.

विधानसभा चुनाव में स्वयं रेड्डी भी विधायक के तौर खड़े हुए थे. वो राज्य की दो विधानसभा सीट, कोडंगल और कामारेड्डी से खड़े हुए थे. हालांकि उन्हें एक ही सीट पर जीत मिली. पहली सीट पर वें जीत गए जबकि और कामारेड्डी से हार गए. हालांकि कोडंगल विधानसभा सीट से वें पहले भी दो बार जीत चुके थे. इस तरह यह उनकी तीसरी जीत थी. रेड्डी 2009 और 2014 में कोडंगल निर्वाचन क्षेत्र से जीत चुके थे.

वर्तमान में, रेवंत रेड्डी तेलंगाना के मुख्यमंत्री है.

इस लेख में हमने आपको तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की जीवनी (Revanth Reddy Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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